पौधरोपण के नाम पर फिर भ्रष्टाचार की तैयारी, जहां लगाए थे पिछले साल पौधे फिर वहीं तैयारी

रीवा में पौधरोपण कमाई का धंधा बन गया है। हर साल एक ही जगह पर पौधरोपण किया जा रहा है। पिछले साल जहां पौधे लगाए गए थे। अब फिर से वहीं पर पौधे लगाने की तैयारी है। गड्ढे खोदे जा रहे हैं। पौधरोपण करने की तैयारी है। पिछले साल पीडब्लूडी ने हाथ साफ किया। अब वन विभाग गोलमाल की तैयारी में लग गया है।

पौधरोपण के नाम पर फिर भ्रष्टाचार की तैयारी, जहां लगाए थे पिछले साल पौधे फिर वहीं तैयारी

रीवा। ज्ञात हो कि पिछले कई सालों से रीवा को ग्रीन रीवा बनाने की कवायद चल रही है। लाखों पौधे अब तक लगा दिए गए लेकिन मौके पर कहीं पेड़ पौधे नहीं बचे। अब फिर से इस बारिश में पौधरोपण की तैयारी चल रही है। वन विभाग भारी संख्या में पौधरोपण कराने की तैयारी में जुटा हुआ है। पौधरोपण के लिए जगह का भी चिन्हांकन कर लिया गया है। वन विभाग पौधे लगाने के लिए फिलहाल गड्ढे करने में जुटा हुआ है। बड़ी संख्या में पौधे वन विभाग नगर निगम के सहयोग से लगा तो रहा है लेकिन इनके बचने की उम्मीद कम ही है। गड्ढा खोदने के पहले ही सड़कों के किनारे जमें अतिक्रमणकारियों ने पौधों को उखाडऩे की प्लानिंग शुरू कर दी है।
हर साल ठेकेदार और समाजसेवी होते हैं मालामाल
पौधरोपण में सिर्फ ठेकेदार और समाजसेवी ही मालामाल होते हैं। पिछले साल भी कई समाजसेवियों ने स्कूलों, कालेजों में पौधरोपण वन विभाग के साथ करने का बीड़ा उठाया था। जमकर पौधे लगाए। ट्री गार्ड लगाए थे। खूब कमाई की थी लेकिन कहीं भी पौधे नहीं बचे। इस मर्तबा फिर से वन विभाग ने पौधे लगाने के पहले ड्रिलिंग के लिए ठेकेदार को तलाश लिया है। ठेके में ट्रैक्टर में लगी ड्रिलिंग मशीन से गड्ढे खोदे जा रहे हैं। किराए के कर्मचारियों से कांक्रीट सड़कों के पेवर ब्लाक तोड़कर उनमे गड्ढा कराया जा रहा है। अब इससे ही वस्तु स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
इस सड़क पर पिछले साल लगाए गए थे पौधे
नीम चौराहा से करहिया मार्ग में वन विभाग और पीडब्लूडी ने पिछले साल ही पौधे लगाए थे। विधानसभा चुनाव के पहले ही पीडब्लूडी ने सड़क का उद्घाटन कराने के साथ ही पौधरोपण भी कराया था। इसमें एक नर्सरी संचालक को पौधे लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी। सैकड़ों पेड़ लगवाए गए थे। इनमें से 10 फीसदी पौधे भी नहीं बचे। अब इसी जगह पर वन विभाग पौधे लगाने जा रहा है। ट्रैक्टर से कई गड्ढे खोदे जा रहे हैं। सड़क के दोनों तरफ पौधे लगाने की तैयारी है। हालांकि इनका बचना मुश्किल ही है। करहिया मार्ग में सड़क के किनोर निर्माणाधीन पीडब्लूडी कार्यालय के सामने ही अतिक्रमण कर दुकान सजाने वालों ने पौधों को उखाड़कर फेंकना तय कर लिया है।
इन जगहों पर पौधरोपण की है तैयारी
वन विभाग इस मर्तबा लाड़ली पथ, छोटी पुल से चोरहटा, रेंज कैम्पस, दुर्गम कूट दुआरी, मॉडल स्कूल से नीम चौराहा, जेपी मोड, सुभाष तिराहा से बाईपास व बनकुइयां रोड में पौधरोपण कराने की योजना तैयार किया है। इसके अलावा रौसर तिराहा से चोरहटा, बड़ी पुल से चोरहटा, होमगार्ड ऑफिस से जोन कार्यालय डिवाइडर तथा सिंधी कॉलोनी से सावा नाला महाजन टोला तक पौधरोपण किया जाएगा।  जिले में 6.2 लाख पौधे लगाये जाने की योजना है। जिनमें 4.6 लाख नवीन पौधरोपण व 1.4 लाख रिप्लेसमेंट के पौधरोपण शामिल हैं।
इतने पौधे लगाते हैं लेकिन जाते कहां हैं
हर साल लाखों पौधे रीवा में लगाए जाते हैं। इतने पौधरोपण से रीवा भूभाग को कोई कोना पौधों से नहीं बचना चाहिए लेकिन यह सारा काम कागजों में ही होता है। यही वजह है कि इतनी अधिक संख्या में पौधरोपण के बाद भी कहीं पौधे नजर नहीं आते। जंगलों में सघन वन नहीं है। इससे वन विभाग की कथनी और करनी का अंदाजा लगाया जा सकता है। पौधरोपण सिर्फ कमाई का जरिया बन चुका है।