मरीज हो या शव पहुचंाने के बाद ही होगा प्राइवेट एम्बुलेंस संचालकों को भुगतान, एसजीएमएच में जल्द शुरू होगा प्री पेड सिस्टम
संजय गांधी अस्पताल में प्राइवेट एम्बुलेंस की मनमानी और लूटखसोट पर रोक लगाने की तैयारी अंतिम चरण पर है। एक सप्ताह में प्री पेड सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। व्यवस्था को लागू करने के पहले शनिवार को अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस की मौजूदगी में एक बैठक प्राइवेट एम्बुलेंस संचालकों की बुलाई। सभी संचालकों को नियमों से अवगत करा दिया गया है। एक सप्ताह के अंदर प्री पेड सिस्टम लागू कर दिया जाएगा।
एम्बुलेंस संचालकों की अस्पताल प्रबंधन ने बुलाई बैठक, पुलिस भी रही मौजूद
एक सप्ताह में शुरू हो जाएगी व्यवस्था, सभी का बारी बारी से लगेगा नंबर
रीवा। ज्ञात हो कि लंबे समय से संजय गांधी अस्पताल में प्राइवेट एम्बुलेंस संचालक प्रबंधन के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे। परिजनों से मनमाना किराया वसूल रहे थे। इस मनमानी पर रोक लगाने के लिए प्रबंधन ने प्री पेड सिस्टम लागू करने की येाजना बनाई। कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रस्ताव रखा गया। डीएमई ने प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी। स्वीकृति मिलने के बाद अब इस पर अमल की तैयारी शुरू हो गई है। प्री पेड सिस्टम को लागू करने के लिए सारे नियम कायदे तय कर लिए गए हैं। आरटीओ, यातायात और पुलिस विभाग से भी सहमति ले ली गई है। अब इसे लागू करने के पहले एक बैठक प्रावइेट एम्बुलेंस संचालकों के साथ शनिवार को आयोजित की गई। बैठक अस्पताल अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा की अध्यक्षता में हुई। इसके अलावा बैठक में उप अधीक्षक डॉ अतुल सिंह, सीएमओ डॉ यत्नेश त्रिपाठी, अमहिया थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल, अस्पताल प्रबंधक रवि सिंह, जुनैद बेग सहित अन्य लोग मौजूद रहे। बैठक में सभी एम्बुलेंस संचालकों को लागू की जाने वाली व्यवस्था और नियमों से अवगत कराया गया। बैठक में सभी एम्बुलेंस संचालकों ने सहमति जताई है। इस व्यवस्था को एक सप्ताह के अंदर लागू कर दिया जाएगा।
ऐसे काम करेगा यह पूरा प्री पेड सिस्टम
संजय गांधी अस्पताल में लागू किए जाने वाले प्री पेड सिस्टम के लिए सभी एम्बुलेंस को रजिस्टर्ड किया जाएगा। प्रति किलोमीटर के हिसाब से इनका किराया तय होगा। मरीज या शव को ले जाने के पहले काउंटर पर ही परिजनों से राशि जमा कराई जाएगी। एम्बुलेंस चालक को पर्ची दी जाएगी। मरीज व शव को संंबंधित जगह पर छोडऩे के बाद उन्हें पर्ची पर रिसीविंग लेकर अस्पताल के काउंटर पर जमा करना होगा। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन एम्बुलेंस संचालक को भुगतान कर देगा। इतना ही नहीं सभी एम्बुलेंस का नंबर बारी बारी से आएगा। टोकन सिस्टम से इनका नंबर लगेगा।