आरएफएसएल लैब बन कर तैयार, तीन वैज्ञानिकों की हुई पदस्थना

रीवा में रीजनल फारेंसिक साइंस लाइब्रेरी भवन बन कर तैयार हो गया है। तीन वैज्ञानिकों की पदस्थापना भी कर दी गई है। जल्द ही इसकी शुरुआत भी कर दी जाएगी। इस लैब के शुरू होने से रीवा और शहडोल संभाग के मेडिकोलीगल मामलों में फायदा मिलेगा।

आरएफएसएल लैब बन कर तैयार, तीन वैज्ञानिकों की हुई पदस्थना

जल्द होगी शुरुआत, रीवा और शहडोल संभाग को मिलेगा फायदा
रीवा। ज्ञात हो कि अब तक मेडिकोलीगल मामले सागर लैब भेजे जाते थे। सागर से जांच रिपोर्ट आदि मिलने में लंबा समय लगता था। बिसरा आदि सागर लैब पुलिसकर्मियों को लेकर जाना पड़ता था। मेडिकोलीगल मामलों में रिपोर्ट में देरी के कारण प्रकरणों के निराकरण में भी देरी होती थी। अब इस समस्या से रीवा और शहडोल संभाग को राहत मिलेगी। रीवा में रीजनल फारेंसिक साइंस लाइब्रेरी लैब भवन बन कर लगभग तैयार हो गया है। यहां तीन वैज्ञानिक अधिकारी की पदस्थापना भी कर दी गई है। रीवा में संभागीय लैब में डॉ महेन्द्र सिंह, सागर से डॉ प्रभाकर शर्मा, डॉ रत्नेश शुक्ला की पदस्थापना का आदेश जारी किया गया है। वहीं सहदेव रावत टेक्नीशियन के रूप में यहां पदस्थ किए जा चुके हैं। वैज्ञानिक अध्ािकारी के रूप में जबलपुर से सुनीता तवारी को स्थानांतरण किा गया है। लैब में स्टाफ की पदस्थापना की जा चुकी है। अब सिर्फ इक्यूपमेंट के आने का इंतजार है। काफी कुछ उपकरण पहुंच चुके हैं। जल्द ही इसके शुरू होने की उम्मीद है। इसके शुरू होते ही मेडिकोलीगल मामले रीवा और शहडोल से इसी लैब में भेजे जाएंगे। इससे जांच भी जल्दी होगी और रिपोर्ट भी जल्द ही मिल जाएगी।