आरटीओ की महिला कर्मचारी ने पूर्व जिपं अध्यक्ष से कहा मैं बदतमीजों से बात नहीं करती, मचा हंगाम, साथ में धरने पर बैठीं पूर्व विधायक
शुक्रवार को रीवा आरटीओ कार्यालय में जमकर हंगामा मचा। कांग्रेस की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और पूर्व विधायक ने धरना दे दिया। कार्यालय में पदस्थ एक महिला कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई पर अड़ी रहीं। आरटीओ मौके पर पहुंचे। कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही मामला शांत हुआ।
महिला कर्मचारी ने पूर्व जिपं अध्यक्ष से कहा मैं बदतमीज लोगों से बात नहीं करती
धरने पर बैठीं तो महिला कर्मचारी ने जबरन उठाने की कोशिश भी की गई
रीवा। आपको बता दे कि यह पूरा मामला एक रुकी हुई फाइल से शुरू हुआ। आरटीओ कार्यालय में पदस्थ महिला कर्मचारी दर्शना बाखड़े के पास ही एक सप्ताह से फाइल रुकी हुई थी। फाइल पास नहीं हुई। इसकी शिकायत लेकर संबंधित व्यक्ति पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बबिता साकेत के पास पहुंचा। बबिता साकेत ने संबंधित महिला कर्मचारी को फोन लगाया। फोन पर ही महिला कर्मचारी ने कांग्रेस की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को तवज्जो नहीं दी। बिना कुछ सुने ही उनको अपशब्द कहते हुए फोन काट दिया। इससे नाराज बबिता साकेत खुद ही आरटीओ कार्यालय पहुंच गई। यहां भी महिला कर्मचारी ने उनके साथ अभद्रता की। इससे नाराज कांग्रेस नेत्री मौके पर ही धरना पर बैठ गई। उनके साथ पूर्व विधायक विद्यावती पटेल भी मौजूद रहीं। बात यहीं तक नहीं रुकी। बबिता साकेत का आरोप है कि महिला कर्मचारी ने इसके बाद भी उनके साथ हुज्जतबाजी की। उन्हें पकड़कर उठाने और हटाने की कोशिश की। यहीं से विवाद और बढ़ गया। मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। कई कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी पहुंच गए। हंगामा होता देख इसकी जानकारी आरटीओ मनीष त्रिपाठी को दी गई। कुछ ही देर में मौके पर आरटीओ भी पहुंच गए। उन्होंने धरने पर बैठी कांग्रेस नेत्रियों और कांग्रेसियों को मनाने की कोशिश की। काफी देर तक मानमनौव्वल का दौर चलता रहा लेकिन बात नहीं बनी। कांग्रेसी महिला कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई पर अड़े रहे। आरटीओ ने जब महिला कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए कमिश्नर के पास पत्र भेजने की बात कही। तब जाकर कांग्रेसियों का गुस्सा शांत हुआ और धरना समाप्त किया गया। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बबिता साकेत ने आरटीओ में चल रही अव्यवस्था को लेकर भी कई गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां बाहरी लोग तैनात किए गए हैं। वहीं सारे काम कर रहे हैं। फाइलें बिना कमीशन लिए पास नहीं की जाती। भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया।
आरटीओ आते हैं तो महीनों चक्कर लगाते हैं
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि आरटीओ में कोई काम नहीं होता है। यहां रिश्वतखोरी चलती है। जिन फाइलों में रिश्वत नहीं मिलती। उनमें काम नहीं होता है। फाइल एक सप्ताह से रखी गई थी। पैसे नहीं मिले थे इसके कारण उसका निराकरण नहीं किया रहा था। उन्होंने कहा कि आरटीओ में पदस्थ महिला कर्मचारी से जब फोन पर बात किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं बदतमीज लोगों से बात नहीं करती। उन्होंने कहा कि रीवा आरटीओ में प्राइवेट लोगों को बैठा कर रखा गया है। सभी के साथ ऐसे ही बर्ताव किया जाता है। उन्होंने कहा कि जब महिला कर्मचारी ही गुंदागर्दी पर उतारू हैं तो अन्य कर्मचारी कैसा व्यवहार करते होंगे।