रक्षाबंधन: बहनों ने भाई के माथे पर लगाया टीका, आरती उतारी और कलाई पर बांधी स्हेन की डोर
सोमवार को भाई बहन के प्यार का त्यौहार रक्षाबंधन धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाईयों के माथे पर टीका लगाया। आरती उतारी और हाथों में स्नेह की डोर बांधी। भाई ने भी बहन की रक्षा का वायदा किया। बहनें भाई से उपहार पाकर खुश नजर आईं।
शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया
दोपहर 1.39 बजे के बाद बांधी गई राखियां
रीवा। रक्षाबंधन का त्योहार सोमवार को शुभ मुहूर्त में स्नेहपूर्वक मनाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाई में नेह और विश्वास की डोर को हंसी-खुशी के साथ बांधा। इस दौरान बहनों में काफी उत्साह दिखा। दोपहर डेढ़ बजे के बाद से शाम तक शुभ मुहूर्त मानकर बहनों ने आराम से भाइयों की कलाई में राखी सजाई। भाइयों ने भी अपनी प्यारी बहनों को यथाशक्ति उपहार देकर उनका दिल जीता। नये परिधान धारण किये हुए बहनों ने रक्षाबंधन का त्योहार उल्लास के साथ मनाया। बहनों ने पहले भाई के माथे पर चंदन-रोली का तिलक लगाया, फिर उनकी आरती उतारी और हाथ में राखी बांधकर मुंह मीठा कराया। लगभग सभी घरों में परंपरानुसार देसी अंदाज के साथ यह त्योहार मनाया गया। इस मौके पर परिवार के सभी लोग इक_ा हुए और पूरा दिन हंसी-खुशी के साथ बीता। गांव से लेकर शहर तक लोग रक्षाबंधन का त्योहार मनाने में व्यस्त रहे। कोई बहन से मिलने उसके ससुराल के घर पहुंचा तो किसी भाई के घर पहुंचकर उसकी बहन ने राखी बांधी। इस कारण अन्य दिनों की अपेक्षा सोमवार को सड़कों में भी वाहनों की आवाजाही अधिक रही।
रसोई में बने पकवान
इस खास त्योहार के लिए मिठाई आदि की खरीददारी सोमवार को भी हुई। पूरे दिन बाजार में लोग मिठाई खरीदने पहुंचते रहे। फिर भी बहनों ने अपने भाइयों को घरों मेंं बने पकवान का स्वाद चखाया। दिनभर घरों की रसोई से पकवान की खुशबू लोगों को आनंदित करती रही। इस खास दिन बाहर से आने वाले मेहमानों का भी लोगों ने दिल खोलकर स्वागत किया।
राखी बंधवाने बच्चे रहे आतुर
इस त्योहार का सबसे ज्यादा उत्साह बच्चों और किशोरों में था। बच्चे अपने हाथों में बहनों से राखी बंधवाने आतुर रहे। एक तरह से बच्चों में अधिक से अधिक राखी बंधवाने की स्पर्धा भी रही। तरह-तरह की आकर्षक राखियां बंधवाने के लिए बच्चे पूरे दिन जिद करते रहे। हालांकि बदले में बहनों को उपहार देेने में बच्चे कंजूस हो गए। इस तरह हिल-मिलकर बच्चों ने इस त्योहार का आनंद लिया।
नहीं मिले यात्री वाहन
त्योहार के चलते दिन भर लोग अपने रिश्तेदारों के यहां पहुंंचने घर से निकलने की कोशिश में लगे रहे, परंतु यात्री वाहन न मिलने के कारण उन्हें परेशान होना पड़ा। बस स्टैण्ड, टैक्सी स्टैण्ड मेें यात्री वाहनों का टोटा रहा और जो ऑटो या अन्य यात्री वाहन मिले भी, उनमें ठसाठस भीड़ रही। दूरदराज से पहुंचे लोग अपने घर जाने हर सम्भव जतन करते रहे, पहले से भरे यात्री वाहनों में वह भी जैसे-तैसे अपने गंतव्य तक पहुंच सके।