भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ बगावत, कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लेकर निकाली रैली

विधानसभा भाजपा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद ही बगावत शुरू हो गई है। झाबुआ में कई युवाओं ने बगावती तेवर दिखाते हुए सड़क पर उतर आए। एक हाथ में पार्टी का झंडा और दूसरे हाथ में नारा लिखी तख्तियां लेकर सड़कों पर उतर आए। कईयों ने काले झंडे तक लिए हुए थे।

भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ बगावत, कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लेकर निकाली रैली
विरोध रैली निकाली गई

झाबुआ। विधानसभा प्रत्याशी के रूप में जिलाध्यक्ष भानू भूरिया का नाम घोषित होने के पांचवें दिन ही पार्टी में बगावत के सुर ऐसे फूटे कि कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। यह बगावत अभी तक अंदरूनी ही थी लेकिन इसके सड़क पर आने से भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब इस डैमेज कंट्रोल की भरपाई करेंगे, यह आने वाले समय में ही पता चलेगा। फिलहाल झाबुआ में पार्टी में कलह जारी है। युवाओं ने सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया। एक हाथ में पार्टी का झंडा लिए हुए थे। वहीं दूसरे हाथ में भानू भूरिया हटाओ-झाबुआ सीट बचाओ का नारा लिखी तख्ती थाम रखी थी। कईयों के हाथ में काले झंडी भी थे। विरोध करने वाले कार्यकर्ता एक ही पदाधिकारी के पास पहले से ही कई पद होने के बाद भाजपा विस प्रत्याशी का उम्मीदवार बनाए जाने की बात कह रहे हैं। किसी और को उम्मीदवार बनाए जाने की मांग कर रहे थे।
भाजपा जिला अध्यक्ष को बनाया गया है प्रत्याशी
17 अगस्त को भाजपा ने प्रत्याशियों के नामों की पहली सूची जारी की थी। इसमें झाबुआ विधानसभा से भाजपा जिलाध्यक्ष भानू भूरिया को प्रत्याशी के रूप में चुना गया है। विधानसभा टिकट की दौड़ में शामिल कई नेताओं को संगठन के इस फैसले से झटका लगा था। यही वजह है कि भाजपा के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। झाबुआ में कई भाजपा नेताओं ने बगावती सुर अपना लिया है। कुछ अंदरूनी तो कई खुलकर विरोध करना शुरू कर दिए हैं। चार दिन बाद सोमवार को इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया गया। काफी संख्या में युवा कृषि उपज मंडी प्रांगण में जुटे। यहां से उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष भानू भूरिया को उम्मीदवार घोषित किए जाने के मुद्दे पर शहर में वाहन रैली निकाली। सभी के हाथ में भाजपा के झंडे थे। कुछ युवाओं ने विरोध स्वरूप काले झंडे भी थाम रखे थे। कृषि उपज मंडी से शुरू हुई वाहन रैली राजगढ़ नाका, विजय स्तंभ तिराहा, बस स्टैंड, मुख्य बाजार, आजाद चौक, राजवाड़ा चौक से कॉलेज मार्ग होती हुई राजगढ़ नाके पर आकर समाप्त हुई। इस दौरान सभी युवा भानू भूरिया हटाओ-झाबुआ सीट बचाओ का नारा लगा रहे थे। वाहन रैली में मौजूद बीसलपुर के रमेश हटीला और वार्ड क्रमांक 14 से जनपद सदस्य कमल डामोर ने बताया पहले से जिस व्यक्ति के पास तीन तीन पद है, पार्टी ने उसे उम्मीदवार चुना है. इसी बात को लेकर हमारा विरोध है. पार्टी किसी और को प्रत्याशी चुनती तो हमारा उसे पूरा समर्थन है।
इसलिए हो रहा विरोध
भाजपा संगठन ने भानू भूरिया को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप रखी है. इसके साथ ही उन्हें पार्टी ने अपना उम्मीदवार भी बना दिया। भानू की पत्नी राणापुर जनपद पंचायत की अध्यक्ष है। साथ ही आईटीडीपी का अध्यक्ष भी नियुक्त कर रखा है।एक ही परिवार में इतने सारे पद दिए जाने को लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।
इन्होंने अपनाया हुआ है बगावती तेवर
 झाबुआ के पूर्व नपाध्यक्ष धनसिंह बारिया खुलकर विरोध में उतर आएं हैं। उन्होंने सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट भी डाल रखी है। पोस्ट में उन्होंने भाजपा को ही निशाने पर लिया है। उन्होंने भाजपा संगठन पर परिवारवाद का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि-बीजेपी के नेताओं का यह कहना हे कि भाई-भतीजावाद-परिवारवाद पार्टी में नहीं चलेगा, तो फिर झाबुआ जिले की दो विधानसभा में ऐसा क्या हो गया कि सारे नियमों को ताक में रखकर एक ही परिवार के दो सदस्य बुआ (निर्मला भूरिया) और भतीजे (भानू भूरिया) को पार्टी के नेताओं ने उम्मीदवार घोषित किया. धन सिंह ने खुले रूप से लिखा है कि अब नहीं चलेगा परिवारवाद। चुनाव लड़ेगा आपका भाई, आपका बेटा धनसिंह बारिया।
भाजपा अध्यक्ष ने बताया साजिश
भाजपा जिलाध्यक्ष एवं झाबुआ विधानसभा प्रत्याशी भानू भूरिया ने कहा भाजपा कार्यकर्ता इतना अनुशासित है कि वह कभी भी इस तरह से अपने ही संगठन के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन नहीं करेगा। यह प्रदर्शन पर्दे के पीछे बैठे विरोधियों की साजिश है। लेकिन वे अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे। हम एक जुट होकर चुनाव लड़ेंगे और जीत हासिल कर सरकार भी बनाएंगे।