जमीन की रजिस्ट्री में टूटा रीवा में रिकार्ड, मप्र के जिलों ने कमाई में सरकार को कर दिया मालामाल, जानिए किसने कितना कमाया

जमीनों के दाम फिलहाल नहीं बढ़ेंगे। आचार संहिता के कारण कुछ दिन अभी पुरानी कीमतों में ही रजिस्ट्रियां होंगी। लोगों को राहत मिल गई है। हालांकि इसी चक्कर में रीवा में एक नया रिकार्ड भी बन गया। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन इतनी रजिस्ट्रियां हुई जो सालभर में किसी दिन भी नहीं हुई। अंतिम दिन रिकार्ड 142 रजिस्ट्रियां हुईं। हालांकि 197 करोड़ का लक्ष्य इसके बाद भी रीवा जिला नहीं पार कर पाया। 7 करोड़ 25 लाख से पीछे रह गया।

जमीन की रजिस्ट्री में टूटा रीवा में रिकार्ड, मप्र के जिलों ने कमाई में सरकार को कर दिया मालामाल, जानिए किसने कितना कमाया

छोटे जिलों ने टारगेट से कहीं ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया
पिछले साल की तुलना में रीवा में हुईं ज्यादा रजिस्ट्रियां
आगामी आदेश के तक पुरानी दरों पर ही होंगी रजिस्ट्रियां
रीवा। जिला पंजीयन विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 197 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था। अंतिम महीने में विभाग को करीब 29.46 करोड़ रुपए जुटाने थे। आचार संहिता लगने के कारण हालांकि इस लक्ष्य तक पहुंचने में विभाग के पसीने छूट गए। हालांकि जिस तरह से अंतिम समय में जमीनों की रजिस्ट्री कराने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही थी। उससे अनुमान लगाया जा रहा था कि तय लक्ष्य पूरा हो जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हो पाया। आंकड़ा 189.75 करोड़ पर जाकर ही रुक गया। जिला पंजीयन कार्यालय तय लक्ष्य से करीब 7 करोड़ 25 लाख पीछे रह गया। इस लक्ष्य को पूरा करने में विभाग के अधिकारियों ने खूब पसीना बहाया। मार्च में भोपाल से आदेश जारी कर अवकाश के दिनों में भी पंजीयन कार्यालय खोलने के आदेश जारी किए गए थे। अवकाश के दिनों में भी रजिस्ट्रियां हुई। अंतिम दिन तो ऐसी भीड़ उमड़ी कि रजिस्ट्रियां करने में ही अधिकारियेा के पसीने छूट गए। देर रात तक पंजीयन कार्यालय खुला रहा। लोगों को डर था कि 1 अप्रैल से नई गाइड लाइन जारी हो जाएगी। ऐसे में उन्हें स्टाम्प ड्यूटी अधिक चुकानी होगी। यही वजह है कि लोग अंतिम दिन ही रजिस्ट्री कराने डटे रहे। इस डर के कारण भी रीवा पंजीयन कार्यालय में नया रिकार्ड बना। 142 रजिस्ट्रियां हुईं।
पिछले साल से ज्यादा आया राजस्व और रजिस्ट्रिंया हुईं
यदि वित्तीय वर्ष 2022-23 पर गौर करें तो पिछले साल रीवा जिला में 168.65 करोड़ रुपए का राजस्व आया था। कुल 31930 रजिस्ट्रियंा हुईं थी। इसके मुकाबले इस साल 32 हजार 719 रजिस्ट्रियां सालभर में हुईं। 189.75 करोड़ का राजस्व आया। वहीं सबसे बड़ी एक रजिस्ट्री भी की गई। इस रजिस्ट्री से 2 करोड़ 43 लाख रुपए का शासन को राजस्व प्राप्त हुआ था।
फिलहाल नहीं लागू होगी नई गाइड लाइन
जिस नई गाइड लाइन को लेकर रीवा के लोग डरे हुए थे। वह फिलहाल आगामी आदेश तक लागू नहीं होगा। आचार संहिता लागू होने के कारण फिलहाल जमीनों की कीमतें चुनाव आयोग से अनुमति मिलने तक नहीं बढ़ाई जाएंगी। इससे लोगों को फिलहाल नए आदेश आने तक राहत मिलती रहेगी। इस आदेश के बाद अब लोगों को कुछ दिनों का और मौका मिल गया है। जिन्होंने रजिस्ट्रियंा जमीनों की नहीं कराई हैं। वह भी फिलहाल पुरानी दरों पर ही जमीनों की रजिस्ट्रियां करा सकेंगे। उन्हें अतिरिक्त स्टाम्प ड्यूटी नहीं चुकानी होगी।
उप महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय जबलपुर के तहत जिलावार आंकड़े करोड़ में वित्तीय वर्ष 2023-24
जिला        लक्ष्य    राजस्व
जबलपुर        585     556.03
छिंदवाड़ा        201    218.03
सतना            216    196.99
रीवा              197    189.75
अनूपपुर         24    85.24
कटनी           145    131.60
बालाघाट        117    128.99
डिंडौरी            13    13.52
उमरिया         20    20.13
सीधी            42    40.59
मंडला           35    33.28
सिवनी           81    67.49
नरसिंहपुर       92    79.80
शहडोल          71    59.91
सिंगरौली        105    86.21
योग              1944    1907.56