अवमानना मामले में फंसी रीवा कलेक्टर, हाईकोर्ट ने 10 हजार का जमानती वारंट किया जारी

कोर्ट की अवमानना मामले में रीवा कलेक्टर बुरी तरह से फंस गई है। एक कर्मचारी ने ही कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने आदेश कर प्रकरण के निराकरण को निराकृत करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर ने कोर्ट के आदेश पर अमल नहीं किया। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। इस मामले में हाईकोर्ट ने कलेक्टर रीवा के खिलाफ 10 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। अगली सुनवाई 11 मार्च को नियत की गई है।

अवमानना मामले में फंसी रीवा कलेक्टर, हाईकोर्ट ने 10 हजार का जमानती वारंट किया जारी
HC order copy

कलेक्टर रीवा अवमानना मामले में नहीं हो रही थी हाजिर
रीवा। हाईकोर्ट ने अवमानना के प्रकरण में लगातार कलेक्टर प्रतिभापाल की गैरहाजिरी पर कड़ा एतराज जताया है। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने उमेश तिवारी बनाम प्रतिभापाल के प्रकरण की सुनवाई करते हुए कलेक्टर प्रतिभापाल के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। मामले की सुनवाई अब 11 मार्च को होगी है। इसमें कलेक्टर को उपस्थित होना अनिवार्य होगा। अनुपस्थित होने पर उन्होंने दस हजार का जुर्माना अदा करना होगा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अरूणोदय सिंह ने बताया कि इस लंबित अवमानना याचिका में कलेक्टर को उपस्थित के लिए नोटिस जारी किया गया था,बावजूद वह न्यायालय में सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हुई है। जबकि उन्हें रजिस्टर्ड नोटिस भेजा गया था। इस पर न्यायालय ने 10 हजार का जमानती वारंट जारी किया है।
याचिकाकर्ता उमेश तिवारी रायुपर कर्चुलियान तहसील में सेक्शन राइटर हैं। जिसने हाईकोर्ट में प्रस्तुत याचिका में बताया है कि उसे 20 वर्ष की सेवा उपरांत दिए जाने वाले लाभ नहीं दिए गए है। इस संबंध मेें कोर्ट ने 7 दिवस के अंदर मामले को निराकृत करने का आदेश कलेक्टर को दिया था।  मामले का निराकरण नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका प्रस्तुत की। कलेक्टर को नोटिस देने के बावजूद वह हाजिर नहीं हुई। याचिकाकर्ता ने पुन: अवमानना दायर कर दी। तब कोर्ट ने प्रकरण निराकरण के लिये 30 दिवस का समय दिया। आदेश का पालन न होने पर कोर्ट ने उन्हें जमानती वारंट जारी करते हुए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया है।