रीवा का एयरपोर्ट हर मामले में है खास, क्या आप जानते हैं यहां की क्या है खूबियां
विंध्य को नई पहचान मिलने वाली है। विकास को पंख लगने वाले हैं। 500 करोड़ की लागत से बन कर तैयार हुए रीवा एयरपोर्ट का शुभारंभ होने जा रहा है। इस एयरपोर्ट को भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण ने डेढ़ साल में बनाकर तैयार कर दिया है। इसके रनवे की लंबाई 2300 मीटर है। यहां अब 72 सीटर विमान आसानी से उतर सकेंगे।
अब यहां उतर सकेंगे 72 सीटर विभाग, डेढ़ साल में बन कर हुआ तैयार
रीवा। रीवा सहित विंध्य में सब कुछ था सिर्फ एयर कनेक्टिविटी नहीं थी। इसके कारण रीवा का विकास रुका हुआ था। कोई इन्वेस्टर आने को तैयार नहीं हो रहा था। विकास की रफ्तार थम सी गई थी। रीवा में पर्यटन से लेकर उद्योग की असीम संभावनाएं हंै लेकिन यहां हवाई सेवाओं की कमी के कारण इन्वेस्टर और पर्यटकों को आने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला की मेहनत और सोच ने हालांकि अब इस समस्या को भी दूर कर दिया है। उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि रीवा में एयरपोर्ट की शुरुआत होने जा रही है। इसका शुभारंभ 20 अक्टूबर को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनारस से बर्चुअली करने जा रहे हैं। रीवा एयरपोर्ट के निर्माण से रीवा ही नहीं पूरे विन्ध्य के विकास को नया आयाम मिलेगा।
इन क्षेत्रों को मिलेगा विकास को गति
आवागमन के साधनों में हवाई सेवा का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। रीवा में अब तक चोरहटा में हवाई पट्टी है जिसमें हेलीकाप्टर तथा छोटे विमान ही उतर सकते हैं। इसके विस्तार और रीवा एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया पूरी हो गयी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 अक्टूबर को बनारस से वर्चुअली रीवा एयरपोर्ट का लोकार्पण करेंगे। रीवा में लोकार्पण समारोह की तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। हवाई सेवा की सुविधा से विन्ध्य में औद्योगिक विकास, सांस्कृतिक गतिविधियों, पर्यटन, कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से विकास होगा।
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रीवा एयरपोर्ट में यह है खास
रीवा की चोरहटा हवाई पट्टी का विस्तार करके रीवा एयरपोर्ट का निर्माण किया गया है। रीवा एयरपोर्ट का शिलान्यास 15 फरवरी 2023 को किया गया था। इसके निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण द्वारा लगभग डेढ़ साल में रीवा एयरपोर्ट का निर्माण का कार्य पूरा कर दिया गया है। निर्माण के लिए 323 एकड़ जमीन भारतीय विमान प्राधिकरण को 99 वर्ष की लीज में दी गई है। इसमें ग्राम चोरहटी, उमरी, चोरहटा, अगडाल तथा पतेरी की भूमि शामिल हैं। वर्तमान हवाई पट्टी की चौड़ाई दोनों ओर 3.5 मीटर बढ़ाई गई है। रनवे का विस्तार करके इसे 2300 मीटर का बनाया गया है। साथ ही दोनों ओर 30-30 मीटर की बैकप लेंथ भी है। एयरपोर्ट में हवाई टर्मिनल बिल्ंिडग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर तथा सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवॉल का निर्माण पूरा हो गया है। एयरपोर्ट में लोकार्पण के बाद 72 सीटर हवाई जहाजों का आवागमन शुरू हो जायेगा। हवाई सेवा शुरू हो जाने से रीवा ही नहीं पूरे विन्ध्य के उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, उपचार सुविधा तथा अन्य क्षेत्रों में विकास के नये अवसर मिलेंगे।
विंध्य के लोगों को मिलेगी बढ़ी राहत
पूरे विन्ध्य के विभिन्न जिलों के निवासी नौकरी, चिकित्सा, व्यापार, शिक्षा, पर्यटन तथा व्यावसायिक कार्यों से देश के बड़े शहरों की यात्रा करते हैं। विन्ध्य के कई हजार विद्यार्थी भोपाल, इंदौर, पुणे, हैदराबाद, बंगलौर जैसे बड़े शहरों में अध्ययन कर रहे हैं। इस क्षेत्र के कई व्यक्ति विभिन्न व्यावसायिक संस्थानों और कंपनियों में ऊंचे पदों पर कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी तथा थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी विन्ध्य के ही निवासी हैं। इसी तरह विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों के लिए एयरपोर्ट शुरू होने पर रीवा हवाई मार्ग से पहुंचना आसान हो जाएगा। एयरपोर्ट के शुरू होने से देश के ऊर्जा केन्द्र सिंगरौली, सीमेंट हब सतना और सीधी, मैहर, मऊगंज आदि जिलों के निवासियों को भी देश के प्रमुख स्थलों से हवाई मार्ग से जुडऩे की सुविधा मिल जाएगी। विन्ध्य में खनिज संपदा तथा वन संपदा अपार है। यहाँ उद्योगों के विकास और पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। एयरपोर्ट शुरू होने से इसे प्रोत्साहन मिलेगा।
पर्यटन के कई केन्द्र और संभावनाएं हैं
कृषि क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास से खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना प्रबल हो गई है। एयरपोर्ट शुरू हो जाने से औद्योगिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। रीवा के आसपास व्हाइट टाइगर सफारी, बांधवगढ़ नेशनल पार्क, संजय टाइगर रिजर्व सीधी, वन अभ्यारण्य दुबरी, शारदा माता मंदिर मैहर, चित्रकूट जैसे पर्यटन के केन्द्र स्थित हैं। हवाई सेवा की सुविधा से इनमें पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा। रीवा एयरपोर्ट निश्चित ही पूरे विन्ध्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।