बना कर छोड़ दी अधूरी सड़क, 5 गांव के ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, मतदान का करेंगे बहिष्कार
जवा के आधा दर्जन गांव के लोग मतदान का बहिष्कार करेंगे। गांव में बनी अधूरी सड़क के कारण उनका गुस्सा फूट पड़ा है। कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अल्टीमेटम भी दे दिया है।
रीवा। विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों को जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को सबक सिखाने का मौका मिला है। एक तरफ जनप्रतिनिधि वोट के लिए गांव गांव पहुंच रहे हैं तो अधिकारी अधिक से अधिक मतदान करने के लिए जागरुक करने में लगे हैं। मतदान प्रतिशत बढ़ाने का इनके सामने चैलेंज खड़ा है। ऐसे में यदि गांव के लोग ही वोट देने के लिए तैयार न हों तो दोनों की परेशानियां बढऩी तय है। इस विधानसभा में भी लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। जवा तहसील अंतर्गत पांच गांव बैसनपुर्वा, गगहना, खैराबारी, डांडी एवं हरिजन बस्ती के लोगों ने मतदान बहिष्कार की चेतावनी दी है। यहां के लोगों ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में गांव वालों का दर्द बयां किया है। ग्रामीणों का कहना है कि इन गांव के लोगों के लिए 70 सालों से एक मात्र रास्ता का उपयोग करते आ रहे हैं। इस मार्ग का निर्माण ग्राम पंचायत से हो रहा था। इसे अधूरे में ही रोक दिया गया है। सड़क निर्माण रोके जाने से अब इन गांवों के लोगों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। पहुंच मार्ग तक जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह सड़क शासकीय भमि खसरा नंबर 8/1/2 में अधूरी बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सड़क पूरी नहीं बनी तो इससे पूरे गांव का विकास रुक जाएगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं अन्य विकास कार्यों पर असर पड़ेगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि 7 दिनों के अंदर अधूरी सड़क को पूरा कराने की तरफ प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो पांच गांव के लोग मतदान का पूरी तरह बहिष्कार करेंगे। यदि ऐसा होता है तो प्रशासन के चलाए जा रहे मतदान जागरुकता अभियान पर पानी फिरना भी तय है। सड़क की मांग और चुनाव बहिष्कार की चेतावनी देने वालों में प्रमुख रूप से पंकज उपाध्याय, सचिव उपाध्याय, राहुल, प्रमोद, राजकुमार, किरण उपाध्याय, गंगा प्रसाद उपाध्याय, कैलाश प्रसाद, सहित अन्य शामिल हैं।