मऊगंज सिविल अस्पताल में हंगामा, पेट्रोल लेकर पहुंच गए थे लोग
मऊगंज सिविल अस्पताल में पहाड़ी के बंसल परिवार ने जमकर हंगामा किया। बंसल परिवार पेट्रोल लेकर अस्पताल पहुंच गया था। स्टाफ डर के मारे कमरे में बंद हो गए थे। जिन्हें मारने की कोशिश की गई। दरवाजे तोड़ने का प्रयास किया गया। हालांकि पुलिस मौके पर पहुंची तब हंगामा शांत हुआ। इन सब कारणों की वजह युवक की मौत बताई जा रही है।
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रीवा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना 2 दिन पुरानी है मऊगंज अंतर्गत पहाड़ी गांव से एक बंसल परिवार युवक को बीमार हालत में मऊगंज अस्पताल लेकर आया था। युवक के पेट में दर्द था। युवक की उम्र 19 वर्ष ही थी। इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। युवक की मौत के बाद बंसल परिवार ने हंगामा शुरू कर दिया। गांव से कई लोग मऊगंज अस्पताल पहुंच गए। युवक की मौत पर डॉक्टर स्टाफ पर आरोप लगाने लगे और जमकर हंगामा किया। स्टाफ के साथ मारपीट शुरू कर दी। उन्हें लाठी-डंडे लेकर दौड़ाया गया। डर से सभी स्टाफ भाग खड़ा हुआ। नर्सों ने अपने आपको एक कमरे में बंद कर लिया। जिनका दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया गया। वहीं कुछ लोग पेट्रोल लेकर अस्पताल पहुंच गए थे। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस की मदद मांगी। मौके पर पुलिस पहुंची। तब डाक्टर और स्टाफ की जान बच पाई। बंसल परिवार को समझा-बुझाकर शांत कराया गया। इसके बाद मृत युवक का पीएम कर शव पहाड़ी गांव भेजने की व्यवस्था की गई। एंबुलेंस के ड्राइवर डरे हुए थे। इसलिए युवक का शव एंबुलेंस और पुलिस के साथ गांव भेजा गया। इस पूरी घटना का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि युवक को रीवा रेफर कर दिया गया था और परिजन ही नहीं ले गए। वहीं परिजन आरोप लगा रहे हैं कि युवक को डॉक्टरों की लापरवाही से जान चली गई। यदि रीवा रेफर कर देते हैं तो जान बच जाती।
जिला बनने के पहले यह हाल है
नया जिला मऊगंज बनने वाला है। और जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं और पुलिस व्यवस्था नाकाफी है। सिविल अस्पताल में जिस वक्त हंगामा और वारदात को अंजाम देने की कोशिश की जा रही थी, उस दौरान अस्पताल का स्टाफ बहुत डरा हुआ था। नर्सों का आरोप है कि पुलिस काफी देर बाद यहां पहुंची थी। वह तीन लोग थे और कमरे में बंद थे। उनकी जान खतरे में थी। पुलिस को फोन लगाया जा रहा था लेकिन तुरंत उन्हें मदद नहीं मिल पाई थी। ऐसे में मऊगंज के लोगों कीसुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होना लाजमी है। वहीं दूसरी तरफ मऊगंज सिविल अस्पताल बन गया है। इसके बाद भी मरीजों को रीवा ही रेफर किया जाता है। सामान्य बीमारी का भी यहां इलाज नहीं कर पाते है। स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है।