सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बवाल, डॉक्टर ने मचाया कोहराम, कर्मचारी को धमकाया और दी गालियां, थाना पहुंचा मामला

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टर ने शुक्रवार को मर्यादाएं तार तार कर दी। कर्मचारी के साथ अशोभनीय व्यवहार किया। गालीगलौज की। नाराज कर्मचारियों ने डॉक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। डीन से लिखित शिकायत की। अमहिया थाना और पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बवाल, डॉक्टर ने मचाया कोहराम, कर्मचारी को धमकाया और दी गालियां, थाना पहुंचा मामला
File photo

सिर्फ अधीक्षक के पत्र लिखने पर हुए नाराज, बिल अटका कर रखे थे

रीवा। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल इस मर्तबा फिर विवादों में है। अस्पताल में यूरोलॉजी विभाग में पदस्थ सहायक प्राध्यापक यूरोलॉजी विभाग डॉ बृजेश तिवारी ने शुक्रवार को सारी हदें पार कर दी। उन्हें अधीक्षक का पत्र लिखना इतना नागवार लगा कि वह सहायक ग्रेड 3 शिवम पाल पर ही पिल पड़े। अधीक्षक को भी अपशब्द कहने से नहीं चूके। दरअसल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में अधीक्षक तो पदस्थ कर दिया गया लेकिन डॉक्टरों से उनका ग्रेड पे कम कर दिया गया। यही वजह है कि यहां पदस्थ डॉक्टर अधीक्षक को कुछ समझते ही नहीं। अपने से कमतर आंकते हैं। अधीक्षक के पत्र लिखे जाने पर इसका कारण डॉ बृजेश तिवारी ने लिपिक शुभम पाल को मान लिया और उसे धमकी देने पहुंच गए। डॉ तिवारी ने कर्मचारी को गंदी गंदी गालियां दी। जान से मारने की धमकी तक की। गुंडों को बुलाकर पिटवाने तक की बात कही। कर्मचारी डॉक्टर को रोकते रहे लेकिन वह नहीं माने। यहां तक की चप्पल जूतों से मारने की भी बात कही। कर्मचारियों ने डॉक्टर के इस बर्ताव की शिकायत डीन श्याम शाह मेडिकल कॉलेज से की है। इसके अलावा डॉ के खिलाफ कार्रवाई की शिकायत अमहिया थाना और पुलिस अधीक्षक से लिखित में की है। कमिश्नर रीवा को भी पत्राचार किया गया है।
यह है पूरा मामला
लिफ्ट का बिल अधीक्षक कार्यालय से फारवर्ड होकर डॉ बृजेश तिवारी के पास गया था। डॉ बृजेश तिवारी लिफ्ट के प्रभारी अधिकारी है। उन्हे सत्यापन कर बिल को पास करना था। अधीक्षक के लेटर पर वह साइन नहीं किए। बिल पेडिंग में रहा। इस पर अधीक्षक ने बिल की कापी और साथ में प्रक्रिया पूरी करने का पत्र लिखकर डॉ बृजेश तिवारी को भेज दिया। इसी बात से नाराज होकर कर्मचारी पर ही पिल पड़े। उन्होंने कर्मचारी को ही इसमें दोषी माना। उनका यह मानना था कि यह पत्राचार कर्मचारी ने ही जानबूझ कर किया है।


सुबह 11.30 बजे की घटना
पूरी घटना शुक्रवार 10 नवंबर 2023 को सुबह 11.30 बजे की है। डीन, थाना प्रभारी और एसपी से की गई शिकायत में शिवम पाल ने कहा है कि वह सुबह अपने कार्यालय में बैठकर काम कर रहा था। तभी डॉ बृजेश तिवारी सहायक प्राध्यापक यूरोलॉजी विभाग पहुंच गए। उस पर चिल्लाने लगे। गाली गलौज की। पीडि़त ने अनुरोध किया। इसके बाद भी वह जान से मारने की धमकी देते रहे। जूतों से मारने और रीवा में नहीं रहने देने की धमकी भी दी। कर्मचारी ने संबंधित व्यक्ति मामले में न्याय दिलाए जाने की मांग की है।
ऑडियो रिकार्डिंग के कुछ अंश
ऑडियो में सुनाई पड़ रहा है। शिवम पाल की आवाज में आप अधीक्षक से बात कर लीजिए। उस पर डॉ बृजेश तिवारी कह रहे हैं कि तेरा होगा अधीक्षक सर। मेरा नहीं है। तेरा कोई आ गया, फोन आ गया तो जूते उतार कर मारूंगा। बहन की गाली देते हुए ।लिपिक ने गाली का विरोध किया। डॉ बृजेश ने कहा कि याद रखना बाबू है। फिर बहन की गाली दी। बोले गाड़ दूंगा यहीं पर। लिपिक ने विरोध किया तो फिर मां की गाली दे दी। लिपिक ने कहा कि गाली नहीं दीजिए, मैं गाली नहीं सुनूंगा। डॉ बृजेश ने कहा नहीं तो क्या कर लेगा। एक फोन करूंगा तो तुझे इतना कचरेंगे कि समझ आ जाएगा। तू यही जवाब देगा। मैं नहीं पूछूंगा, आप जाकर पूछों। तू यहां लाट साहब बन कर बैठा है। मेरा सीनियर बना बैठा है। लिपिक ने कहा कि अधीक्षक ने कहा कि लेटर लिख दो मैं लिख दिया। डॉ बृजेश तिवारी की आवाज, कहां हैं लेटर। लिपिक शुभम पाल की आवाज लड़का बताएगा। इसके बाद बृजेश तिवारी ने तेज तेज आवाज में लिपिक को चिल्लाना शुरू कर दिया। अपशब्द कहे।