एसजीएमएच ने तोड़ दिया रिकार्ड, यहां सिर्फ 9 महीने में इतने पहुंचे मरीज की जान कर हो जाएंगे हैरान
संजय गांधी अस्पताल ने मरीजों को उपचार देने में रिकार्ड तोड़ दिया। 9 महीनों में ही यहां करीब 6 लाख मरीज ओपीडी और आईपीडी में पहुंचे। सबसे अधिक एमरजेंसी में 98 हजार मरीज पहुंचे। वहीं दूसरे विभागों की बात करें तो मेडिसिन सबसे टॉप पर रहा। यहां 9 महीने में 82 हजार मरीज पहुंचे।
कैजुअल्टी पहुंचने वाले मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा
मेडिसिन विभाग अन्य विभागों में सबसे ऊपर, कोई आसपास भी नहीं भटकता
रीवा। संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय ने वर्ष 2024 में मरीजों की जान बचाने और उन्हें उपचार देने में रिकार्ड तोड़ दिया है। भले ही लोग संजय गांधी अस्पताल की बुराइयां करते हो और डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस से परेशान हो लेकिन मुशीबत और बीमारियों पर यहीं पहुंचते हैं। यह संजय गांधी अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों के आंकड़े बता रहे हैं। संजय गांधी अस्पताल के मरीजों के आंकड़ों में एमरजेंसी चिकित्सालय सबसे ऊपर पर हैं। यहां जिला ही नहीं विंध्य में कहीं भी बड़ी दुर्घटना या हादसा होने पर संजय गांधी अस्पताल का कैजुअलटी की उपचार मुहैया कराता है। एसजीएमएच के कैजुअल्टी में सिर्फ 9 महीनों में ही रिकार्ड तोड़ 98 हजार मरीज भर्ती हुए। यहां एक्सीडेंट से लेकर अन्य बीमारियों से पीडि़त मरीज भी पहुंचते हैं। इन सभी को कैजुअल्टी में उपचार मिलता है। इसके अलावा कुछ और भी विभाग हैं जहां सालभर भीड़ रहती है। ओपीडी से लेकर आईपीडी का ग्राफ हमेशा से हाई रहता है। इसमें मेडिसिन विभाग सभी विभागों में सबसे ऊपर है।
कार्डियक मरीजों को मिल रहा जीवनदान
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शुरू होने के बाद यहां दिल के मरीजों को भी दवा मिलने लगी है। यही वजह है कि सुपर स्पेशलिटी में मरीजों के पहुंचने का ग्राफ किसी भी महीने कम नहीं हुआ है। सुपर सपेशलिटी के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ता जा रहा है। 9 महीने में कार्डियोलॉजी विभाग में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 36 हजार 228 है। औसतन यदि आंकड़ों की बात करें तो 4 हजार मरीजों से संख्या कम नहीं हुई।
मेडिसिन विभाग में भीड़ ही भीड़
वैसे तो संजय गांधी और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के सभी विभागों में मरीजों की भीड़ रहती है लेकिन इन सभी विभागों को मेडिसिन विभाग कहीं पीछे छोड़ देता है। मेडिसिन विभाग का औसत आंकड़ा 8 से10 हजार से कम नहीं है। अप्रैल से दिसंबर 2025 तक मेडिसिन विभाग में 83 हजार 191 मरीज पहुंचे। यहां विंध्यभर के मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। आंकड़ों से ही मेडिसिन विभाग की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
आर्थोपेडिक विभाग भी कम नहीं
संजय गांधी अस्पताल का सबसे खराब विभाग वैसे तो आर्थोपेडिक ही है। यहां मरीज आते तो हैं लेकिन ठीक होकर नहीं जाते। यहां के डॉक्टरों ने अपने अस्पताल खोल रखे हैं। फिर भी यहां के प्रति मरीजों का विश्वास बना हुआ है। यही वजह है कि यहां भी मरीजों की संख्या कम नहीं है। यदि आंकड़ों की बात करें तो अप्रैल में आर्थो के ओपीडी में 3195, मई में 5251, जून में 4551, जुलाई में 4463, अगस्त में 3638, सितंबर में 4188, दिसंबर में 4011 मरीज पहुंचे हैं।
ओपीडी में किस विभाग में कितने मरीज आए अप्रैल से दिसंबर तक का आंकड़ा
मंथ सर्जरी कार्डियक मेडिसिन पिडिया गायनी कैजुअ.
अप्रैल 2585 3490 5420 3448 2399 9037
मई 4601 4126 9694 4187 3866 12041
जून 4332 3442 7972 3347 3402 12055
जुलाई 4543 4209 9377 3516 3492 13584
अगस्त 4341 3925 9933 3381 3223 14720
सितंबर 4530 4502 11034 3449 3236 14671
अक्टूबर 3850 4317 10318 3600 3135 13438
नवंबर 3768 4310 10191 3497 3336 11561
दिसंबर 3399 3907 9252 3200 3048 10312
योग 35949 36228 83191 31625 29137 98215
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अप्रैल से दिसंबर 2025 तक आईपीडी, ओपीडी की स्थिति
मंथ ओपीडी आईपीडी
अप्रैल 42588 4573
मई 63305 6193
जून 55843 5882
जुलाई 62382 6776
अगस्त 60774 7107
सितंबर 66119 7446
अक्टूबर 62292 6694
नवंबर 53878 5944
दिसंबर 55853 6238
योग 523034 56853