पति-पत्नी की सजी एक ही चिता, मासूमों को आजू-बाजू दफनाया गया
शुक्रवार को भोपाल में सामूहिक आत्महत्या करने वाले भूपेन्द्र विश्वकर्मा के गुस्साए परिजनों ने सड़क पर जाम लगा दिया। मामले की सीबीआई जांच, नौकरी और1 करोड़ मुआवजा पर अड़े थे। चार घंटे हंगामा चला। प्रशासन ने मांगे मानी। इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। पति- पत्नी और बच्चों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। पति-पत्नी की एक ही चिता सजाई गई। दोनों का एक ही साथ अंतिम संस्कार हुआ। वहीं मासूम बच्चों को चिता के दोनों तरफ दफनाया गया।
रीवा। ज्ञात हो कि भोपाल में सामूहिक आत्महत्या करने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा सहित पत्नी और बेटों के शव गृह ग्राम अमवा गुरुवार की रात को ही पहुंच गया था। सुबह अंतिम संस्कार के पहले परिजन और ग्रामीण सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए। जाम लगा गया। किटवरिया बायपास को जाम कर दिया गया। पीडि़त परिवार मामले की सीबीआई जांच के साथ-साथ 1 करोड़ मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग कर रहा था। तकरीबन 4 घंटे सड़क पर हंगामा चला। परिजनों को मनाने की कोशिश प्रशासनिक अधिकारी और पुलिसअधिकारी करते रहे, लेकिन वह नहीं माने। अंत में प्रशासन ने परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में 10 हजार रुपए उपलब्धक कराए। 1 करोड़ की मांग और नौकरी का प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कही। इसके आलावा जांच की एसआईटी भोपाल स्तर से गठित होने की जानकारी दी। इसके बाद ही परिजनों का गुस्सा शांत हुआ। चार घंटे की समझाइश के बाद दोपहर करीब 12.15 बजे जाम खुलवाया गया। शव को परिजन सड़क से उठाकर अंतिम संस्कार स्थल पर ले गए। घटना स्थल पर एसडीएम अनुराग तिवारी और नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला मौजूद रहे। उन्होंने ही समझाइश दी। तब जाकर जाम खुल पाया।