संजय गांधी अस्पताल पर्ची काउंटर कर्मचारी होंगे बाहर! नई कंपनी आई

संजय गांधी अस्पताल में सालों से काम करने वाले पर्ची काउंटर के कर्मचारियों की नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है। नई कंपनी ने आते ही नई भर्तियों के लिए आवेदन मांगना शुरू कर दिया है। 30 पदों पर भर्ती करनी शुरू कर दी है। ऐसे में पुराने कर्मचारियों में खलबली मच गई है। नौकरी से बाहर किए जाने की खबर लगते ही आउटसोर्स कर्मचारियों ने दौड़ लगाना शुरू कर दिया है। डिप्टी सीएम और कमिश्नर से भी मुलाकात की है। आश्वासान मिला है।

संजय गांधी अस्पताल पर्ची काउंटर कर्मचारी होंगे बाहर! नई कंपनी आई
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एचएमआईएस सिस्टम के तहत होनी है 30 कम्प्यूटर आपरेटरों की भर्ती
एनीमार्ट कंपनी को मिला है ठेका, जल्द शुरू करने वाली है काम
रीवा। ज्ञात हो कि संजय गांधी अस्पताल में अभी तक ओपीडी पर्ची का काम एनीमार्ट कंपनी को सौंपा गया था। एनीमार्ट कंपनी ही काम करा रही थी। कंपनी के पास ही कम्प्यूटर आपरेटरों की जिम्मेदारी थी। अब अस्पताल में नया सिस्टम लागू किया जा रहा है। हास्पिटल मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम के तहत नया सेटअप बिठाया जा रहा है। इसके तहत कई काम आनलाइन किए जाएंगे। आनलाइन डॉक्टरों से अप्वाइमेंट की भी योजना इसमें शामिल की जाएगी। इसके अलावा मरीजों की जांच आदि भी सभी मरीजों के मोबाइल पर भेजी जाएगी। आनलाइन सभी का डाटा फीड किया जाएगा। इसके लिए कम्प्यूटर आपरेटरेां की भी भर्ती की जाएगी। एचएमआईएस का नया टेंडर भी हो गया है। एचएमआईएस का काम सेडमैप को मिला है। कंपनी 30 कम्प्यूटर आपरेटरों की भर्ती करने वाली है। आनलाइन और आफ लाइन फार्म भी मांगे गए। कई सैकड़ा आवेदन पहुंचे। इसी आवेदन पर बवाल मच गया। पहले से संजय गांधी अस्पताल में काम करने वाले आपरेटरों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने काम बंद कर दिया। आपरेटरों का कहना था कि नई नियुक्ति हो रही है। ऐसे में उनका क्या होगा। इसी बात के विरोध में कम्प्यूटर आपरेटरों ने हंगामा कर दिया। काम बंद हड़ताल कर दिए। बाद में प्रबंधन की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद भी कर्मचारियों को स्पष्ट लिखित में कुछ भी नहीं दिया गया है। परेशान कम्प्यूटर आपरेटर डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला के पास भी गए। उनके सामने भी समस्या रखी थी। आश्वासन मिला है। इसके अलावा कर्मचारियों ने कमिश्नर से भी मुलाकात की है।  अब सबसे बड़ी समस्या यह है कि कंपनी ने कई कर्मचारियों का आवेदन ले लिया है। कई राजनीतिक सिफारिश भी पहुंच गई है। 30 पद में 25 पुराने आपरेटर हैं। सिर्फ 5 पद ही बचते हैं और नौकरी चाहने वालों की लिस्ट लंबी है। ऐसे में आगे क्या होगा यह कहना मुश्किल है। आउटसोर्स में काम करने वाले पर्ची काउंटर कर्मचारियों की धड़कने बढ़ी हुई हैं। लंबे समय से वह यहां काम कर रहे हैं। इनमें कईयों की उम्र भी ज्यादा है। अब ऐसे में यदि इन्हें यहां से हटाया जाएगा तो वह किसी काम के नहीं रह जाएंगें।