सुविधाओं के मामले में सब को पीछे छोड़ देगा संजय गांधी अस्पताल, जानिए क्या होने वाला है खास
संजय गांधी अस्पताल स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में सब को पीछे छोड़ देगा। यह सुपर स्पेशलिटी से भी आगे निकल जाएगा। मरीजों को आने वाले दिनों में ऐसी सुविधाएं मिलने वाली है जिसके लिए प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ रहा था। नई यूनिट और विभाग खुल रहे हैं। अब मरीजों को पेट से जुड़ी बीमारियों के लिए बाहर जांच कराने नहीं जाना पड़ेगा। यहीं अलग से गैस्ट्रोलॉजी यूनिट खुल रही है। इंडोस्कोपी का भी फायदा मिलेगा। टीबी के मरीजों की जांच रीवा में होगी। हाईटेक लैब खुलने वाला है। इससे मरीजों के मौत के आंकड़ों में कमी आएगी। यह सब जल्द ही देखने को मिलेगा।
रीवा। ज्ञात हो कि संजय गांधी अस्पताल में विंध्य के कई जिलों से इलाज कराने मरीज आते हैं। उन्हें कई जांच और इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड़ता है। अभी भी कई जांच और इलाज संजय गांधी में नहीं थी। प्राइवेट अस्पताल इसका फायदा उठा रहे थे। हालांकि अब संजय गांधी अस्पताल को अपग्रेड किया जा रहा है। रीवा को मेडिकल हब बनाने की तैयारी है। कई प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं। करोड़ों के काम होने वाले हैं। इनकी शुरुआत हो गई है। संजय गांधी कुछ दिन में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को भी मात दे देगा। इक्यूपमेंट के मामले में ही संजय गांधी अस्पताल फेल हो रहा था। इनकी काफी कसर पूरी होने वाली है। हालांकि इन कार्यों में अधीक्षक संजय गांधी अस्पताल डॉ राहुल मिश्रा और डीन डॉ मनोज इंदूलकर की भूमिका का नकारा नहीं जा सकता। अधीक्षक अस्पताल को अपग्रेड करने में लगे हुए हैं।
करीब 13 करोड़ की लागत से बनेगा क्रिटिकल केयर अस्पताल
क्रिटिकल केयर वार्ड करीब 40 बाय 60 वर्ग मीटर एरिया में बनाया जाएगा। यह वार्ड सिंगल मंजिला का होगा। 50 बिस्तर का वार्ड तैयार किया जाएगा। इस वार्ड को सिर्फ क्रिटिकल केयर के मामलों में ही उपयोग किया जाएगा। यदि कोई कोविड जैसी गंभीर बीमारियां आती है तो इस वार्ड में मरीजों को भर्ती किया जाएगा। वर्ना अन्य समय में सामान्य वार्ड की तरह की इसका उपयोग होगा। इस वार्ड के निर्माण का सारा खर्च केन्द्र सरकार उठाएगी। आयुष्मान योजना के तहत फंडिंग की जाएगी। केन्द्र इन्फ्रास्ट्रक्चर और इक्यूपमेंट उपलब्ध कराएगी। वहीं मेडिकल कॉलेज और संजय गांधी अस्पताल स्टाफ और डॉक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। इस वार्ड के निर्माण में करीब 13 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
गैस्ट्रोलॉजी विभाग का अलग सेटअप होगा तैयार
मेडिकल कॉलेज में एक और बड़ा काम होगा। मेडिसिन विभाग से गैस्ट्रोलॉजी विभाग अलग तैयार करने के लिए प्रस्ताव को कार्यकारिणी की बैठक मे ंरखा गया था। गैस्ट्रोलॉजी से जुड़ी मशीनों की डिमांड की गई थी। कार्यकारिणी की बैठक में इसे प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इस विभाग में सीओटू इसुफ्लेशन पंप और वाटर फ्लसिंग पं की खरीदी के लिए 7 लाख की स्वीकृत प्रदान की गई है।
मेडिसिन विभाग में इंडोस्कोपी यूनिट शुरू होगी
रीवा के मरीजों को बड़ी राहत मिलने वाली है। संजय गांधी अस्पताल मे जल्द ही इंडोस्कोपी यूनिट भी शुरू हो जाएगा। इसके लिए 32 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। अभी तक इंडोस्कोपी के लिए मरीजों को प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ता था। अब यहीं पर यह सुविधा मिलेगी।
ड्रग ससेप्टिबिलिटी एंड एलपीए लैब का होगा निर्माण
रीवा के श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक बीएसएल 3 ड्रग ससेप्टिबिलिटी एंड एलपीए लैब का निर्माण किया जाएगा। इसी लैब को सेंट्रल टीबी डिवीजन दिल्ली की टीम ने ओके कर दिया है। यह लैब 6 महीने से भी कम समय में मेडिकल कॉलेज में शुरू होने वाली है। अभी तक बीएसएल 3 ड्रग ससेप्टिबिलिटी एंड एलपीए लैब की सुविधा सिर्फ भोपाल जबलपुर और ग्वालियर में ही है। अब रीवा में भी इसकी शुरुआत हो जाएगी। रीवा संभाग के सभी मरीजों को इसका फायदा मिलेगा। लैब शुरू होने से टीबी रोग की जांच और मरीज को कौन सी दवा काम करेगी और कौन सी नहीं यह पता चल जाएगा। इससे मरीज के इलाज के सफल होने की संभावना बहुत बढ़ जाएगी।
सुपर स्पेशलिटी में किडनी ट्रांस्पलांट की है तैयारी
रीवा में कुछ बड़ा करने की तैयारी है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को इसके लिए तैयार किया जा रहा है। किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट स्थापित की जा चुकी है। अब रिकार्ड बनाने की बारी है। मशीन के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है। डॉक्टरों को ट्रेनिंग मिल गई है। अब सिर्फ उपकरणों के आने का इंतजार है। मशीन आने और इंस्टालेशन के बाद किडनी ट्रांसप्लांट शुरू कर दिया जाएगा।