रीवा डीईओ की कुर्सी का राज: सुदामा पर अमहिया से बरसी कृपा जानिए कैसे हुआ बदलाव और क्यों?

सुदामा और भगवान श्रीकृष्ण की मित्रता तो सब को मालूम है। श्रीकृष्ण अपने मित्र सुदामा पर ऐसे मेहरबान हुए थे कि उन पर सब कुछ लुटा दिए थे। ऐसा ही कुछ रीवा में डीईओ की कुर्सी को लेकर भी सामने आया है। सुदामा पर अमहिया से कृपा बरसी है। जूनियर होते हुए भी सुदामा को जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार मिल गया। और तो और जीपी उपाध्याय की कुर्सी पर ग्रहण बनने वाले भी अमहिया से बनाए गए डीईओ ही निकले। और अब दोबारा भी सारे नियम और सारी वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए अमहिया से ही डीईओ की कुर्सी पर जूनियर को ही बैठा दिया गया है।

रीवा डीईओ की कुर्सी का राज: सुदामा पर अमहिया से बरसी कृपा जानिए कैसे हुआ बदलाव और क्यों?

कोर्ट में हलफनामा देकर फंस गए डीईओ इसलिए हटाना पड़ा
रीवा। दरअसल यह पूरा मामला कोर्ट में दायर एक प्रकरण को लेकर है। पूर्व रिटायर्ड डीईओ हर्ष लाल शुक्ला की विभाग ने पेंशन रोक दी है। पेंशन को गलत प्रमोशन किए जाने को आधार बनाया गया। इसी के खिलाफ हर्षलाल शुक्ला कोर्ट की शरण में पहुंच गए। उन्होंने डीपीसी से जुड़े सभी आरटीआई के तहत निकाले गए दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए। इस दस्तावेज को हटाए गए डीईओ गंगा प्रसाद उपाध्याय ने हलफनामा दायर कर यह कह दिया कि दस्तावेज फर्जी हैं। उनके कार्यालय से आरटीआई के तहत यह दस्तावेज जारी ही नहीं किए गए। इस पर कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया और एसपी रीवा को जांच के आदेश दे दिए। एसपी ने जांच शुरू कर दी। हर्ष लाल शुक्ला के डीपीसी के समय से लेकर अब तक सभी लिपिकों, जिला शिक्षा अधिकारी और डीडीओ प्रभारियों को तलब किया गया। दस्तावेज के बारे में सभी के बयान दर्ज कराए गए। एसपी के जांच मं यह बात सामने आई कि हर्षलाल शुक्ला को जो दस्तावेज जारी किए गए थे, वह सही निकला। हर्ष लाल शुक्ला हेडमास्टर थे। उनका डीपीसी के बाद लेक्चरर के पद पर प्रमोशन हुआ था। ऐसे में शासन डीईओ की लापरवाही से खुद को फंसता हुआ पाया। कोर्ट में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए खानापूर्ति कर दी गई। कोर्ट में फाइनल सुनवाई और निर्णय के पहले ही डीईओ की कुर्सी में बदलाव कर दिया गया। गंगा प्रसाद उपाध्याय को हटा कर जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी पर सुदामा लाल गुप्ता को बैठा दिया गया। हालांकि सुदामा ने पहले से ही अमहिया के चक्कर लगाना शुरू कर दिया था। उन्हें इस बात का पता चल गया था कि कुर्सी बदलने वाली है। अमहिया की कृपा अंतत: उन्हीं पर बरस गई। अमहिया सरकार की नजर में सुदामा ही सबसे फिट अधिकारी और यस मैन नजर आए। यही वजह है कि सिंगल आदेश जारी कर कुर्सी में हेरफेर कर दिया गया। वहीं गंगा प्रसाद उपाध्याय पर भी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के करीबी होने का ठप्पा लगा हुआ है। उन्हें भी नाराज नहीं किया गया। यही वजह है कि गंगा प्रसाद उपाध्याय को डाइट में प्राचार्य की कुर्सी पर बैठा दिया गया, यह डीईओ के दबाव में भी नहीं रहेंगे।
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अधिकारियों के बीच में भी अच्छी पकड़ है
सूत्रों की मानें तो सुदामा प्रसाद गुप्ता अपने कार्यशैली के कारण अधिकारियेां के करीबी रहे हैं। जिला परियोजना अधिकारी रहते हुए भी वह प्रशासनिक अधिकारियेंा के बीच में अपनी पैठ जमाए हुए थे। इसके अलावा हाल ही में चुनाव आदि होना है। ऐसे में वैश्य समाज को भी इसी बहाने साधने की कोशिश की गई है। सुदामा प्रसाद गुप्ता कई प्रशासनिक पदों पर पदस्थ रह चुके हैं। अधिकारियों को कैसे टेकल करना है। इस बात की जानकारी उन्हें भली भांति है। इसके अलावा जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी कौन बिना विवादों में फंसे चला सकता है, जब इस पर मंथन हुआ तो सुदामा इसमें अमहिया की नजर में फिट बैठे।
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उप संचालक और सहायक संचालक नहीं लगा पाए जुगाड़
वैसे तो रीवा में डीईओ के पद के योग्य और भी हैं। जेडी आफिस में पदस्थ सहायक संचालक, उप संचालक के अलावा पीजीबीटी प्राचार्य, तीन दर्जन से अधिक वरिष्ठ प्राचार्य भी डीईओ की कुर्सी के लिए पात्र थे। हालांकि इन सब के पास पहुंच कम थी। वह दौड़ नहीं लगा पाए। इसलिए पीछे रह गए और सुदामा प्रसाद गुप्ता ने बाजी मार ली।
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जिला शिक्षा अधिकारी ने पदभार ग्रहण किया
नए जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में सुदामा प्रसाद गुप्ता ने गुरुवार को कार्यालय पहुंच कर पदभार ग्रहण कर लिया। गंगा प्रसाद उपाध्याय ने पदभार ग्रहण कराया। इस दौरान कई शिक्षक संगठनों ने पहुंच कर नए जिला शिक्षा अधिकारी का स्वागत किया। पुष्पगुच्छ देकर शुभकामनाएं दीं।