क्रेशर संचालकों को झटका, सिया जारी करेगी पर्यावरणीय स्वीकृति तब तक बंद रहेंगे सीज क्रेशर
रीवा के सीज किए गए क्रेशर प्लांट संचालकों को बड़ा झटका लगा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सुनवाई करते हुए सभी सीज क्रेशर प्लांटों को बंद करने के निर्देश दिए हैं। दिया से जारी पर्यावरणीय अनुमति भी शून्य करार किया है। सिया संस्था को मोर्चा सम्हालने के निर्देश दिए हैं। अब सिया की अनुमति मिलने पर ही क्रेशर दोबारा चल पाएंगे।
ज्ञात हो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका अधिवक्ता बीके माला व अतुल कुमार जैन ने दायर की थी। इसी मामले में आवेदन क्रमांक 36/2023 की सुनवाई वीसी के माध्यम से राष्ट्रीय हरित न्याधिकरण के समक्ष सेंट्रल जोन बेंच भोपाल ने की। सुनवाई में स्पष्ट तौर कहा गया कि दिया संस्था के पास पर्यावरणीय मंजूरी जारी करने का अधिकार ही नहीं है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उच्चतम न्यायालय के एक मामला दीपक कुमार बनाम हरियाणा राज्य के मामले का उल्लेख किया। इसमें उच्चतम न्यायालय ने दिया द्वारा जारी पर्यावरणीय मंजूरी को मान्य ही नहीं माना है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि दिया संस्था से जारी पर्यावरणीय मंजूरी को मान्य नहीं किया जा सकता। पहले से जारी पर्यावरणीय स्वीकृति को शून्य कर दिया गया। प्रतिवादी ने सुनवाई के दौरान कहा कि उनके क्रेशर को पर्यावरण और माइनिंग विभाग के प्रस्ताव पर बंद कर दिया है। उसे फिर से बहाल किया जाए लेकिन राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने क्रेशर यूनिट के संचालन की अपील को अस्वीकार कर दी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के दौरान सक्षम अधिकारी को निर्देशित किया कि 15 दिन के अंदर सिया संस्था सारी कार्यवाही करे। दिया से जितने भी पर्यावरणीय मंजूरी दी गई हैं उन सभी को अमान्य करते हुए शून्य घोषित किया जाए। 13 सितंबर 2023 के बाद से कोई भी क्रेशर यूनिट नहीं चलाई जा सकती। सिया नई मंजूरी देगी। इतना ही नहीं पूर्व में जारी की गई लीज भी निरस्त कर दी गई। ऐसी स्थिति में अब क्रेशर संचालक भंडारण का नवीनीकरण और अनुमति भी नहीं ले सकेंगे।
44 स्टोन क्रेशर किए गए थे सीज
ग्रीन ट्रिब्यूनल में मामला पहुंचने के बाद रीवा जिला में 44 स्टोन क्रेशर सीज किए गए थे। एनजीटी के निर्देश पर प्रदूषण विभाग के पत्र पर विद्युत विभाग ने कनेक्शन काटने की भी कार्रवाई की थी। हालांक कुछ ने कनेक्शन काटने के बाद भी अवैध रूप से बिजली का कनेक्शन जोड़ लिया था। अवैध तरीके से इसका संचालन भी कर रहे थे। इसके अलावा 10 स्टोन क्रेशर संचालकों को खनिज विभाग ने संरक्षण दिया था। इनके संरक्षण में भी इनका संचालन सीज की कार्रवाई होने के बाद भी चल रही थी।
इन स्टोन क्रेशर को बनाया गया था पार्टी
याचिकाकर्ता ने 32 स्टोन क्रेशर को पार्टी बनाया था। यह सभी पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे थे। इन स्टोन क्रेशर में महादेव स्टोन क्रेशर खम्हरिया, सदगुरु क्रेशर खम्हरिया, प्रदीप सिंह पटेल स्टोन क्रेशर खम्हरिया, रुद्र स्टोन खम्हरिया, पाण्डेय स्टोन क्रेशर खम्हरिया, जनार्दन तिवारी स्टोन क्रेशर खम्हरिया, सुनील द्विवेदी मद्धेपुर, रमाकांत सिह, राम लाल सिंह, सोनार, त्रिपाठी स्टोन क्रेशर बैजनाथ, कुशवाहा स्टोन क्रेशर बैजनाथ, वायएन स्टोन क्रेशर बैजनाथ, मां कालिका मिनरल स्टोन क्रेशर,सम्राट स्टोन क्रेशर, मोनी स्टोन क्रेशर बैजनाथ, श्रीराम स्टोन क्रेशर बैजनाथ, कृष्णा मिनरल्स स्टोन क्रेशर, गुरुजी स्टोन क्रेशर, विजय सिंह स्टोन क्रेशर, अरुणेन्द्र पयासी हिनौती, मोती यादव हिनौती, गोविंद यादव स्टोन क्रेशर हिनौती, श्याम बाजपेयी हिनौती, गार्गी मिनरल्स बैजनाथ, पयासी स्टोन क्रेशर बैजनाथ शामिल हैं।