अल्पवर्षा: संकट में बिजली उत्पादन, पर्याप्त नहीं मिल रहा टीएचपी को पानी

अल्पवर्षा के कारण सिर्फ किसानों की फसलों पर ही संकट नहीं मंडरा रहा है। बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ रहा। बाण सागर से टीएचपी सिरमौर को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। ऐसे में प्रबंधन को यूनिटें एक साथ चलाने में दिक्कतें आ रही हैं। पीक अवसर में ही सभी यूनिटों को दौड़ाया जाता है। फिलहाल दो यूनिट ही चल रही है। तीसरी यूनिट को ओव्हर हॉलिंग में डाल दिया गया है। अब यूनिट की पैकिंग शुरू हो गई है। अगले हफ्ते यूनिट नंबर दो भी रनिंग में आ जाएगी।

अल्पवर्षा: संकट में बिजली उत्पादन, पर्याप्त नहीं मिल रहा टीएचपी को पानी
THP sirmour file photo

रीवा। ज्ञात हो कि रीवा में टोंस हायड्रल पावर प्रोजेक्ट के कई यूनिटें लगी हुई हैं। इसमें सबसे बड़ी यूनिट सिरमौर में हैं। यहां तीन यूनिट लगी हैं। इन तीनों यूनिट को चलाने क ेलिए बाण सागर से पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। बारिश में हालत खराब है। यही वजह है कि पर्याप्त पानी न मिलने के कारण सिर्फ दो यूनिटों को ही चलाया जा रहा है। तीसरी यूनिट को ओव्हर हॉलिंग में डाल दिया गया था। अब वह भी तैयार होने वाली है। ऐसे में यदि बारिश नहीं हुई तो बिजली उत्पादन में कमी आनी तय है। टीएचपी को बाण सागर बांध से पर्याप्त पानी ही नहीं मिल पा रहा है। यह स्थिति कई दिनों से बनी हुई है। इसके पीछे वजह अल्पवर्षा बनी है।
एक सप्ताह में शुरू हो जाएगी यूनिट नंबर 2
टीएचपी सिरमौर की यूनिट नंबर 2 कई दिनों से ओव्हर हॉलिंग में है। इसका मेंटीनेंस कार्य चल रहा है। मेंटीनेंस कार्य लगभग पूरा हो गया है। यूनिट नंबर 2 को इसी सप्ताह उत्पादन में डाला जाना था लेकिन एक सप्ताह का और समय लिया गया है। अगले सप्ताह ही यूनिट नंबर 2 से उत्पादन शुरू होगा। फिलहाल यूनिट नंबर 1 और 3 ही चल रही हैं।
25 लाख यूनिट को होता है उत्पादन
टीएचपी सिरमौर में तीन यूनिटें हैं। सिरमौर में 105 मेगावाट की तीन यूनिटें है। इनमें से दो यूनिट ही चल रही हैं। एक यूनिट से करीब 25 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन एक दिन में होता है। ऐसे में यदि तीनों यूनिट जोड़ लिया जाए तो एक दिन में करीब 75 लाख यूनिट तक बिजली टीएचपी सिरमौर से बनती है। वर्तमान में सिर्फ एक यूनिट बंद है। यानि हर दिन करीब 25 लाख यूनिट बिजली का नुकसान हो रहा है।
शाम को ज्यादा बढ़ जाती है डिमांड
बिजली की डिमांड इस समय ज्यादा है। जबलपुर से डिमांड के अनुसार ही यूनिटें रन की जा रही है। शाम को बिजली की खपत ज्यादा रहती है। डिमांड बढऩे के कारण दोनों यूनिटों को फुल स्पीड में दौड़ाया जाता है। अन्य समय में जब बिजली की डिमांड कम रहती है। तब स्पीड पानी की उपलब्धता के हिसाब से बढ़ाई और घटाई जाती है।
बाण सागर बांध नहीं भर पाया
कमजोर बारिश के कारण इस मर्तबा बाण सागर बांध भी पूरी तरह से नहीं भर पाया है। कई दिनों से जलस्तर बाण सागर बांध का स्थिर है। 20 दिन पहले यहां का जलस्तर 340.04 था। इतने दिन बाद भी बाण सागर के जलस्तर में खास इजाफा नहीं हो पाया। बाण सागर का जलस्तर 340.08 दर्ज किया गया। अभी इसे पूरी तरह से भरने के लिए करीब डेढ़ मीटर और पानी की आवश्यकता है।