आज धूमधाम से जिले भर में मनाई जायेगी श्री रामनवमीं, एक दिन पहले निकाली गई बाइक रैली
9 दिनों तक नवरात्र पर शक्ति की उपासना के बाद बुधवार को धूमधाम से रामनवमीं बनाई जाएगी। नवरात्र के नौंवे दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। रामनवमीं के दिन शहर में भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। मंदिरों में पूजन अर्चन किया जाएगा।
शहर में निकाली गई भव्य बाइक रैली
रीवा। रामनवमीं उत्सव समिति रीवा ने रामनवमीं के पावन पर्व के उपलक्ष्य में 17 अप्रैल को भव्य शोभायात्रा निकालने का निर्णय लिया है। इसके पूर्व मंगलवार को शहर में भव्य बाइक रैली निकाली गई। बाइक रैली पूरे शहर से होकर निकली। इसमें समिति के संरक्षक मंडल एवं समिति के अध्यक्ष परमजीत सिंह डंग, सवि धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष प्रकाश गुप्ता सहित अन्य लोग शामिल रहे। बाइक रैली निकालकर 17 अप्रैल को रामनवमीं के दिन निकाले जाने वाले भव्य शोभा यात्रा का संदेश लोगों तक पहुंचाया गया।
मंदिरों में अष्टमी को मां के दर्शन करने उमड़ी भीड़
जिले भर के मंदिरों में चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि को भीड़ उमड़ी। माता के जयकारों से मंदिर प्रांगण पूरे दिन गूंजते रहे। वहीं, कई मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा कन्या भोज भी कराया गया। इसके साथ ही अब रामनवमी का उल्लास मंगलवार शाम से ही बढऩे लगा है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमीं पर्यंत नवरात्रि का समापन, पारण, हवन एवं कुमारी पूजन श्री रामनवमीं के दिन करना प्रशस्त माना गया है। अर्थात आद्या शक्ति की आराधना राम जन्म पर्व के साथ समाहित होकर परिपूर्ण हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की मध्यान्ह व्यापिनी दशमी युक्त नवमीं व्रत के लिए शुभ मानी गई है। अगस्त संहिता के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष नवमीं के दिन पुनर्वसु नक्षत्र, कर्क लग्न, कर्क राशि तथा मध्यान्ह काल में भगवान श्रीराम का प्राकट्य हुआ था। मान्यता है कि कर्क लग्न में जब सूर्य आदि ग्रह अपनी उच्च राशियों में तथा शुभ दृष्टियों के साथ विद्यमान थे, तभी माता कौशल्या के गर्भ से भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। भगवान श्री राम की जन्म पत्रिका में सभी ग्रहों का उच्च राशियों पर होना उनके ईश्वरीय अवतार का होना दर्शाता है। श्री रामनवमीं के दिन अभिजीत मुहूर्त में नवीन उद्योग व्यापार का शुभारंभ तथा खाता पूजन व्यापारिक दृष्टि से वर्षपर्यंत अर्थोपार्जन तथा व्यापारिक प्रगति के लिए हितकर माना जाता है।
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देवी पूजन का प्रधान अंग कुमारी पूजन
आज रामनवमीं का दिन नवरात्रि का प्रधान अंग कुमारी पूजन के लिए विशिष्ट माना गया है। नव दुर्गा के प्रतीक रूप में नौ कन्याएं आमंत्रित करनी चाहिए। शास्त्रों में पूजित की जाने वाली कन्याओं को अलग-अलग नाम की उपाधि प्राप्त है तथा उसी नाम से पूजन किया जाना चाहिए। सर्वप्रथम स्नानादि करके आई कन्याओं को आसन में बैठा कर उनके चरण पखारने चाहिए। तत्पश्चात हाथों में कलावा बांधते हुए सिंदूर अर्पित करते हुए यथासंभव उनका श्रंृगार कर दें। सात्विक पदार्थों द्वारा कन्याओं को प्रेमपूर्वक भोजन करा दें। जब वह पूर्णरूपेण तृप्त हो जाए तो उनकी आयु के अनुसार श्रंृगार सामग्री एवं दक्षिणा भेंट देते हुए उनके हाथों में अक्षत दें। श्रद्धा भक्ति पूर्वक उन्हें देवी स्वरूपा मानते हुए प्रणाम करें। नौ कन्याओं के साथ एक 5-6 वर्षीय बालक को भी भोजन पूजन वस्त्र दक्षिणा आदि भेंट किया जाता है, जिसे भैरव का प्रतीक मानते हैं।
दोपहर 12.29 से 2.47 तक रहेगी कर्क लग्न
ज्योतिर्विद ने बताया कि इस वर्ष 17 अप्रैल को भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस वर्ष 16 अप्रैल को अष्टमी तिथि दोपहर 1.23 तक व्याप्त रही। इसके बाद नवमीं तिथि का प्रवेश हुआ, जो 17 अप्रैल को दोपहर 3.14 बजे तक व्याप्त रहेगी। नवरात्रि में उदय तिथि की मान्यताएं होती हैं तो इस मान्यताओं के अनुसार 17 अप्रैल को नवमी तिथि का प्रभाव पूरे दिन बना रहेगा। इस वर्ष भगवान राम के जन्म नक्षत्र पुनर्वसु का योग 17 अप्रैल को नहीं बन रहा है, बल्कि दो दिन पूर्व ही पुनर्वसु नक्षत्र समाप्त हो जाएगा। इस वर्ष की रामनवमीं का पर्व बुध के नक्षत्र अश्लेषा में मनाया जा सकेगा। अश्लेषा नक्षत्र 17 अप्रैल को संचरण करेगा। शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार भगवान राम का जन्म मध्यान्ह काल में माना गया है। अत: रामनवमीं के मध्यान्ह काल का मुहूर्त 17 अप्रैल को प्रात:काल 10.45 बजे से दोपहर 1.24 बजे तक रहेगा। जिसमें विभिन्न उपचारों से भगवान राम का पूजन करते हुए उनके जन्म उत्सव के कार्यक्रम को संपन्न करना चाहिए। भगवान राम का जन्म कर्क लग्न में हुआ था। कई जगह कर्क लग्न में भी भगवान राम का जन्मोत्सव मनाते हैं। रामनवमीं के दिन कर्क लग्न दोपहर 12.29 बजे से 2.47 तक रहेगी।