संकट में श्याम शाह मेडिकल कॉलेज, इस लापरवाही के कारण अब आ रही है निरीक्षण में यह टीम

श्याम शाह मेडिकल कॉलेज पर खतरा मंडराने लगा है। एनएमसी की गाइड लाइन में कॉलेज फिट नहीं बैठा है। आनलाइन भेजी गई जानकारी में भारी भरकम खमियां सामने आई हैं। अब एनएमसी फिजिकल निरीक्षण करने कभी भी रीवा पहुंच कसती है। अव्यवस्थाएं मिली तो भारी भरकम जुर्माना भी लगेगा।

संकट में श्याम शाह मेडिकल कॉलेज, इस लापरवाही के कारण अब आ रही है निरीक्षण में यह टीम
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आनलाइन भेजी गई थी जानकारी, खामियां मिली अब एनएमसी करेगी फिजिकल निरीक्षण
रीवा। ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीटों में भारी इजाफा किया गया है। 150 सीटें बढ़ा दी गई हैं। इन 150 सीटों की स्वीकृति के लिए ही एनएमसी को फरवरी में निरीक्षण करने रीवा आना था। हालांकि एनएमसी के फिजिकल निरीक्षण के पहले ही एक नया आदेश जारी हो गया। इसमें एनएमसी का निरीक्षण फिजिकल किए जाने की जगह आनलाइन डाटा मांग लिया गया था। एमबीबीएस की परीक्षाओं की वीडियो रिकार्डिंग और भेजे गए प्रोफार्मा में जानकारी तलब की गई थी। जो रिकार्ड रीवा से भेजे गए थे। उनमें एनएमसी को अनियमितता और लापरवाही मिली है। कई तरह की कमियां भी सामने आई हैं। यही वजह है कि अब इंडियन मेडिकल काउंसिल रीवा पहुंचने वाली है। सूत्रों की मानें तो इसी महीने कभी भी टीम पहुंच सकती है। एनएमसी के आने की सूचना के बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंच मचा हुआ है। एनमएसी ने कई बिंदुओं पर खामियां गिनाई है। इन कमियों को पूरा करने में प्रबंधन जुट गया है।
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कई विभागों में चिकित्सा शिक्षकों की हो गई कमी
मेडिकल कॉलेज में 150 सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया तो शुरू कर दी गई है लेकिन इनके बैठने के लिए पर्याप्त जगह का इंतजाम अभी भी कॉलेज प्रबंधन नहीं कर पाया है। नए अकादमिक भवन का शुभारंभ हुआ लेकिन इसकी शुरुआत नहीं कर पाया है। अभी भी छोटे छोटे कक्षों में ही छात्रों को बैठना पड़ रहा है। प्रैक्टिल कक्ष भी छोटे पड़ रहे हैं। इसके अलावा श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के कई विभाग ऐसे भी हैं जहां चिकित्सा शिक्षकों की भी कमी हो गई है। इनकी पूर्ति भी विभाग नहीं कर पाया है।
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नर्सिंग कॉलेज की मान्यता छिनने के बाद निशाने पर आया
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज परिसर में ही गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज भी संचालित हो रहा था। इनक मान्यता पर ग्रहण लग गया। कॉलेज सील कर दिया गया है। अब इसकी आंच मेडिकल कॉलेज पर पड़ रही है। मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन डीन की लापरवाही से ही नर्सिंग कॉलेज की यह दुर्गति हुई। रीवा की प्रदेशभर में बदनामी हुई और अन्य सरकारी नर्सिंग कॉलेजों पर सवाल खड़े हुए। यही वजह है कि इस लापरवाही का खामियाजा श्याम शाह मेडिकल कॉलेज को भी चुकाना पड़ेगा। एनएमसी की नजर में कॉलेज की छवि धूमिल हुई है। इसलिए भी टारगेट में आए हैं।