धीमी रफ्तार: 18 महीने में बनाना है 8 मंजिला दो रेसीडेंसियल टॉवर, 6 महीने में सिर्फ सिंगल फ्लोर तक पहुंचा ठेकेदार
ठेकेदार की लापरवाही भारी पड़ रही है। 8 मंजिला डाक्टरों के रिहायसी भवन की रफ्तार धीमी चल रही है। 18 महीने में काम ठेकेदार को खत्म करना है लेकिन 6 महीने में एक फ्लोर भी ठेकेदार कम्प्लीट नहीं कर पाया है। धीमी काम के कारण कालोनी के डॉक्टर ही नहीं कॉलेज प्रबंधन भी परेशान हैं। पीआईयू ने ठेकेदार को नोटिस भी जारी किया है।
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज परिसर में बने रहे टॉवर निर्माण में लापरवाही
पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत बनने हैं चार रेसीडेंसियल टॉवर
पीआईयू ने ठेकेदार शंकर कृष्णानी को भेजा नोटिस
रीवा। ज्ञात हो कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरेां के लिए चार 8 मंजिला रिहायसी टॉवर बनाना है। इसका टेंडर भी हो चुका है। पहले यह रेसीडेंसियल टॉवर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के पीछे बनाया जाना था। अब इसकी जगह बदल दी गई है। मेडिकल कॉलेज के पीछे यह बिल्डिंग बनाई जा रही है। डॉक्टर कालोनी में गार्डन की जमीन पर ही रेसीडेंसियल बिल्डिंग बनाने का काम शुरू किया गया है। यहां दो टॉवर बनाए जाएंगे। इसमें से एक टॉवर का काम शुरू हुआ है। इसकी भी रफ्तार धीमी है। ठेका शंकर कृष्णानी को मिला है। 32-32 क्वार्टर के दो टावर बनाए जाने हैं। ठेकेदार का काम काफी धीमा चला रहा है। 6 महीने का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक सिर्फ एक टॉवर के पहले फ्लोर तक ही काम पहुंचा है। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों टॉवर को पूरा करने में ठेकेदार को कितना समय लगेगा।
डिप्टी सीएम लगा चुके हैं फटकार
काम की धीमी रफ्तार को लेकर डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने निरीक्षण के दौरान ठेकेदार को कड़ी फटकार लगाई थी। काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर से लेकर भोपाल से पहुंचे आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ने भी निरीक्षण किया था। काम तेज गति से करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी ठेकेदार के रवैये में कोई सुधार नहीं आया है। अभी भी काम सुस्त गति से ही आगे बढ़ रहा है। ऐसे में तय समय में काम पूरा होना मुश्किल जान पड़ रहा है।
डॉक्टरों को हो रही है परेशानी
टॉवर के धीमे काम के कारण डॉक्टर कालोनी के डॉक्टरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीच गार्डन को तोड़कर ही टॉवर का निर्माण किया जा रहा है। इसके चारों तरफ डॉक्टर के निवास है। निर्माण कार्य के कारण डॉक्टरों को धूल मिट़्टी का भी सामना करना पड़ता है। इसके अलावा भारी भरकम मशीनरी भी लगी रहती हैं। ट्रकों का आना जाना रहता है। यहां मरीजों की भीड़ रहती है। निर्माण स्थल चारों तरफ से खुला हुआ है। यहां सुरक्षा के भी किसी तरह के इंतजाम नहीं किए गए हैं। इसके कारण हादसे की भी आशंका हर समय बनी रहती है।
सुपर स्पेशलिटी एक्सटेंशन का काम भी धीमा है
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का भी विस्तार हो रहा है। एक्सटेंशन का काम शुरू हो गया है। नया भवन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के पीछे बनाया जाना है। टेंडर के बाद ठेकेदार ने काम तो शुरू कर दिया है लेकिन इसकी भी रफ्तार धीमी है। डिप्टी सीएम की फटकार के बाद एजेंसी ने काम शुरू कर दिया है लेकिन अब भी बेस लेबल का ही काम पूरा नहीं हो पाया है। निर्माण की दी गई मियाद में से बिना कुछ किए ही तीन से चार महीने का समय निकल गया है।
क्रिटिकल केयर यूनिट भी तय समय में नहीं होगी पूरी
करीब 13 करोड़ की लागत से संजय गांधी अस्पताल के पास ही क्रिटिकल केयर यूनिट का निर्माण किया जा रहा है। इसका निर्माण भी कई महीनों से चल रहा है। करीब एक साल का समय पूरा होने वाला है। अभी निर्माण बेसमेंट तक ही हो पाया है। पहले ड्राइंग डिजाइन में गड़बड़ी थी। भोपाल से आई टीम ने निरीक्षण के बाद बदलाव के निर्देश दिए। इसके बाद नए सिरे से काम शुरू हुआ। अब क्रिटिकल केयर यूनिट का काम भी सुस्त गति से चल रहा है।