एसजीएमएच में उठा धुंआ, सांस नहीं ले पा रहे थे मरीज, परिजन लेकर भागे, मचा हड़कंप

संजय गांधी अस्पताल में मंगलवार को हड़कंप मचा गया। कबाड़ में लगी आग से उठा धुंआ वार्डों में भर गया। सबसे अधिक आर्थोपेडिक वार्ड प्रभावित हुआ। मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होनेे लगी। आनन फानन में मरीजों को वार्ड से हटाया गया। धुंआ छंटने के बाद दोबारा मरीजों को वार्ड में शिफ्ट किया गया।

एसजीएमएच में उठा धुंआ, सांस नहीं ले पा रहे थे मरीज, परिजन लेकर भागे, मचा हड़कंप

REWA.मिली जानकारी के अनुसार संजय गांधी अस्पताल की बिल्डिंग में जगह जगह मधुमक्खी का छत्ता लगा हुआ है। इसे हटाने के लिए प्राइवेट लोगों को हटाने की जिम्मेदारी दी गई थी। सोमवार की रात को मधुमक्खी को हटाने के  लिए धुंआ दिया गया था। इसी दौरान कुछ चिंगारी पीडब्लूडी कार्यालय के बाहर रखे कबाड़ पर गिर गई। यह चिंगरारी आग में तब्दील हो गई थी। रात में भी कबाड़ में आग लगी थी। जिसे बुझा लिया गया था। हालांकि आग पूरी तरह से नहीं बुझी। आग सुलगती रही। सुबह कबाड़ में लगी आग फिर भड़क गई और विकराल रूप ले लिया। कबाड़ धू धू कर जलने लगा। इससे उठा धुंआ अस्पताल के कई वार्डों और परिसर में भर गया। धुंआ उठते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया। अस्पताल में भर्ती मरीज डर गए। सबसे ज्यादा आर्थोपेडिक वार्ड के मरीज प्रभावित हुए। यहां इतना धुंआ भर गया कि मरीजों को सांस लेने में ही दिक्कत होने लगी। आनन फानन में मरीजों को अटेंडर और वार्ड ब्वाय लेकर भागने लगे। पूरे वार्ड को खाली कराया गया। दूसरे वार्ड में मरीजों को शिफ्ट कराया गया। अस्पताल के कर्मचारियों ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। कुछ देर में वार्डों में भरा धुंआ भी छंट गया। इसके बाद दोबारा मरीजों को वापस हड्डी रोग विभाग में शिफ्ट किया गया। इसके बाद ही मरीज, अटेंडर और प्रबंधन ने राहत की सांस ली।