बेटा भयो कलेक्टर तो अब डर काहे का... सीएमओ ने पीएम से ही कर दिया इंकार

बेटा भयो कलेक्टर तो अब डर काहे का...यह हालात वर्तमान में संजय गांधी अस्पताल के सीएमओ का है। एक सीएमओ का बेटा है। यही वजह है कि अब इन पर किसी का जोर ही नहीं चल रहा है। डीन ने दो मर्तबा पीएम के लिए आदेश जारी किया है। एमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों को पीएम के लिए दिन तय कर दिया है लेकिन इस आदेश को मानने से ही सीएमओ ने इंकार कर दिया है। अब तक आदेश पर अमल ही नहीं किया गया। पीएम का कार्य प्रभावित हो रहा है। सीएमओ को प्रबंधन नोटिस जारी करना चाह रहा लेकिन बेटे से डर भी रहा है। बेटे की कलेक्टरी पूरे सिस्टम पर भारी पड़ रही है।

बेटा भयो कलेक्टर तो अब डर काहे का... सीएमओ ने पीएम से ही कर दिया इंकार
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फोरेंसिक और एमजरेंसी मेडिसिन के बीच में पीएम की बांटी गई है जिम्मेदारी
फोरेंसिक के पास डॉक्टर ही नहंी बचे, इसके कारण आ रही थी पीएम में दिक्कतें
रीवा। ज्ञात हो कि अभी तक फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के पास ही संजय गांधी अस्पताल में पहुंचने वाले शव के पीएम की जिम्मेदारी थी। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक पीएम होता था। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक विभाग के पास अब फैकल्टी का ही टोटा पड़ गया है। दो डॉक्टर नौकरी छोड़कर चले गए। एचओडी ने सतना मेडिकल कॉलेज में डीन का पद ज्वाइन कर लिया। एक डॉक्टर पीजी करने उज्जैन चले गए। ऐसे में इस विभाग में डॉक्टरों की कमी हो गई है। पीएम करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि डीन श्याम शाह मेडिकल कॉलेज ने पीएम के कार्यों में नया बदलाव किया। सप्ताह में तीन दिन फोरेंसिक विभाग और चार दिन आकस्मिक चिकित्सा विभाग पीएम करेगा। डीन ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। दो मर्तबा आदेश जारी किया जा चुका है लेकिन डीन के आदेश को मानने से सीएमओ ने इंकार ही कर दिया है। वह पीएम करने के लिए तैयार नहीं है। पहले आकस्मिक चिकित्सा विभाग के ही डॉक्टर पीएम करते थे। डॉ एसके पाठक के समय में एमरजेंसी मेडिसिन के डॉक्टर ही सारे पीएम किया करते थे। बाद में फारेंसिक को जिम्मेदारी दी गई थी। अब फोरेेंसिक में डॉक्टरों की कमी हो गई है। ऐसे में इन दो विभागों के बीच में डीन ने पीएम के दिन तय किए हैं लेकिन आदेश का पालन नहीं हो पा रहा है। सीएमओ से कोई सीधे तौर पर टकराना नहीं चाह रहा है। इनका बेटा कलेक्टर है। इसी डर से नोटिस जारी करने से भी प्रबंधन डर रहा है।
इस तरह से दिनों का बटवारा किया गया है
डीन ने इस संबंध में आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया है कि फोरेंसिक मेडिसिन विभाग शव का परीक्षण का कार्य सप्ताह में तीन दिन सोमवार, मंगलवार और बुधवार को सुबह 9 से 4 बजे तक करेगा। वहीं आकस्मिक चिकितसा विभाग शव का परीक्षण सप्ताह के शेष दिन गुरुवार से रविवार तक करेगा। इसके अलावा अवकाश के दिनों में भी इन्हें ही पीएम करना होगा। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए कहा गया था लेकिन अब तक इस पर अमल नहीं हो पाया है। कॉलेज प्रबंधन परेशानी में फंस गया है।