रेल रोको आंदोलन की आहट: रीवा रेलवे स्टेशन पर जीआरपी का पहरा बढ़ा
गुरुवार को रीवा रेलवे स्टेशन पर पहरा बढ़ा दिया गया था। सिक्योरिटी टाइट कर दी गई । सशस्त्र बल स्टेशन पर सुरक्षा के लिहाज से इधर-उधर घूम रहे। सुरक्षा बढ़ाए जाने के पीछे किसान आंदोलन वजह बताई जा रही है। किसान ट्रेन रोकने के फिराक में थे। ऐसी सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बढ़ाई गई । हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं तो रेलवे प्रबंधन ने राहत की सांस ली।
रीवा। ज्ञात हो कि रीवा से सिंगरौली तक रेलवे लाइन का जाल बिछाया जा रहा है। ललितपुर और पन्ना रेलवे लाइन बिछाई जा रही है।कई किसानों की जमीन भी फंसी हैं। रेलवे ने किसानों को जमीन के बदले मुआवजा, नौकरी दी। अब सरकार ने किसानों को नौकरी देने से हाथ खड़ा कर दिया है । यही वजह है कि किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन पर उतर आए हैं। जमीन के बदले नौकरी की भी मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों कई जिलों के किसान रीवा में एकत्र हुए थे और रेल रोको आंदोलन किया था। हालांकि रेल रोको आंदोलन में सफल नहीं हो पाए थे । पुलिस और प्रशासन ने उन्हें स्टेशन तक पहुंचने ही नहीं दिया था। कलेक्ट्रेट के सामने रोक लिया गया था । किसानों को सिर्फ ज्ञापन देकर वापस लौटना पड़ा था। गुरुवार को अब फिर रेल रोको आंदोलन की सुगबुगाहट सुनाई पड़ रही। वर्तमान में प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के दौर में है। ऐसे में किसान रेल रोको आंदोलन को दोबारा हवा दे सकते हैं। यही वजह है कि सुरक्षा के लिहाज से रीवा रेलवे स्टेशन में पहरा बढ़ा दिया गया था। सूत्रों को मानें तो रीवा आनंद विहार को रोकने की योजना थी। हालांकि स्टेशन में एक दर्जन से अधिक सशस्त्र बल तैनात रहे। दिनभर चौकस रहे। लेकिन शाम तक किसी भी तरह की भीड़ और आंदोलन की स्थिति नहीं नजर आई। इसके बाद धीरे-धीरे बल छंट गए।