महिला दिवस पर खास: विंध्य की इन दो बेटियों पर आप भी करेंगे नाज, एक बचा रही है जान तो दूसरी फैला रही विंध्य की पहचान

आज महिला दिवस है। देश की सभी महिलाओं को विंध्य बुलेटिन का सलाम। महिलाओं की बात करें तो इन्हें देवी का दर्जा यूं ही नहीं मिला है। इनका दूसरा नाम ही समर्पण और त्याग है। यह सिर्फ दूसरों के लिए ही जीती हैं चाहे वह परिवार हो समाज हो या फिर देश ही क्यों न हो। महिलाएं हर क्षेत्र में लोहा मनवा रही हैं। पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। हम आज विंध्य की दो बेटियेां की बात करेंगे जिनमें से एक जान जोखिम में डाल कर लोगों की जान बचा रही हैं तो दूसरी विंध्य का नाम देशभर में रोशन कर रही है।

महिला दिवस पर खास: विंध्य की इन दो बेटियों पर आप भी करेंगे नाज, एक बचा रही है जान तो दूसरी फैला रही विंध्य की पहचान

रीवा। अस्पताल में वैसे तो आपने कई विभागों में महिला कर्मचारियों, नर्सों और चिकित्सकों को काम करते हुए देखा होगा लेकिन एक महिला एक्सपर्ट ऐसी भी हैं जो जान जोखिम में डाल कर रेडियोएक्टिव क्षेत्र में पर काम कर रही हैं। विंध्य की इकलौती ऐसी महिला हैं जो रेडियोथैरेपी टेक्नॉलाजिस्ट हैं। इनके अलावा विंध्य में कोई भी महिला रेडियोथैरेपी टेक्नालॉजिस्ट नहंी है। इन महिला आरटी टेक्नालॉजिस्ट का नाम मीनू पाण्डेय हैं।
कैंसर मरीजों में मामले में प्रदेश में विध्ंय सबसे आगे हैं। रीवा के संजय गांधी अस्पताल में कैंसर यूनिट भी संचालित हैं। यहां मरीजों की सिंकाई और कीमोथैरेपी से भी इलाज किया जाता है। कोबाल्ट मशीन भी लगी हुई है। इस मशीन को एक महिला रेडियोथैरेपिस्ट टेक्नालॉजिस्ट टेकल कर रही हैं। इनका नाम मीनू पाण्डेय हैं। इन्होंने अपेक्स अस्पताल वाराणसी से ट्रेनिंग ली हैं। कैमेस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। इन्होंने पीजी पेरियर यूनिवर्सिटी सालेम तमिलनाडु से किया है। यह विभागाध्यक्ष डॉ अजीत कुमार मार्को के नेतृत्व में काम कर रही हैं। पिछले एक साल से यहां सेवाएं दे रही हैं। महिला दिवस पर ऐसी जांबाज साहसी महिला को सलाम तो बनता है। जो अपनी जान को जोखिम में डाल कर दूसरों की जान बचाने का जोखिम उठा रही हैं।
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नृत्य, अभिनव से विंध्य की पहचान बना रही शुभांगी
रीवा की नारी सब पर पड़ रही हैं। हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा रही हैं। हम बात कर रहे हैं रीवा की बेटी शुभांगी कात्यायन की। शुभांगी ने अपनी कला और अभिनय से सब के दांत खट्टे कर दिए हैं। शुभांगी ने कम उम्र में ही बड़ी पहचान बनाई ली है। शुभांगी नृत्य से लेकर अभिनय तक में सफलता हासिल कर चुकी है। उन्होंने अभिनय की शुरुआत 2012 में हिंदी साहित्य के सफल प्रभावशाली लेखक पद्मश्री फणीश्वर नाथ रेनू के लिखे नाटक पंच लाएट से की और निरंतर आगे बढ़ती गईं। मुम्बई में भी नाटक व म्यूजिकल प्ले के साथ साथ कई शार्ट फिल्मस में काम कर चुकी है। इंडियन फिल्म प्रोजेक्ट जीयो मामी फेस्टिवल जैसे बड़े स्तर पर जा चुकी हैं। नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर मुम्बई में शुभांगी के शो को लोगों ने खूब सराहा था। जनवरी 2024 में हुए महाराष्ट्र के सबसे बड़े आर्ट फेस्टिवल काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल में भी शुभांगी ने शिरकत की थी। बॉलीवुड के ख्यातिप्राप्त कलाकार कुमुद मिश्रा के सानिध्य में मुम्बई के प्रतिष्ठित सभागार पृथ्वी थिएटर जहां शशि कपूर, अमरीश पुरी, नसीरुद्दीन शाह, मकरंद देशपांडे से लेकर रणवीर सिंह, मिथिला पार्कर, मानव कौल जैसे एक्टर्स प्रस्तुतियां देते हैं। वहां विंध्य की बेटी भी बराबरी से प्रस्तुतियंा दे रही हैंं।