सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को लगा एक और झटका, अब न्यूरो से इस डॉक्टर ने छोड़ी नौकरी, दिया इस्तीफा

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बिखर रहा है। लगातार डॉक्टर यहां से नौकरी छोड़ रहे हैं। यहां का कुप्रबंधन हावी हो रहा है। डॉक्टर व्यवस्थाओं को लेकर तौबा कर रहे हैं। अब तक सिर्फ कार्डियक विभाग के ही डॉक्टर नौकरी छोड़ रहे थे लेकिन इसका असर अब अन्य विभागों पर भी दिखने लगा है। इस मर्तबा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को न्यूरो विभाग से झटका लगने जा रहा है। एक डॉक्टर ने सुपर स्पेशलिटी से तौबा कर ली है। सुपर स्पेशलिटी को छोड़कर प्राइवेट अस्पताल ज्वाइन करने जा रहे हैं।

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को लगा एक और झटका, अब न्यूरो से इस डॉक्टर ने छोड़ी नौकरी, दिया इस्तीफा
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अब तक 5 डॉक्टर छोड़ चुके हैं नौकरी, हालात ऐसे रहे तो लग जाएगा अस्पताल में ताला
रीवा। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा जितनी तेजी से ऊपर उठा था। उतनी ही तेजी से यह इसके बुरे दिन भी शुरू हो गए है। डॉक्टर एक एक कर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को छोड़कर जा रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए प्रशासन और शासन कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। यही वजह है कि अब तक 5 डॉक्टर नौकरी से तौबा कर चुके हैं। 6 वें डॉक्टर ने भी जाने की तैयारी पूरी कर ली गई। फरवरी से वह भी यहां से चले जाएंगे। सुपर स्पेशलिटी हर मामले में फिट है। यहां करोड़ों रुपए की मशीनें लगी है। हर सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन यहां के कुप्रबंधन के कारण ही परिस्थितियां विपरीत बनती जा रही है। डॉक्टर मैनेजमेंट को लेकर तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। डॉक्टरों को हर सुविधाओं और जरूरतों के लिए जूझना पड़ रहा है। यही वजह है कि डॉक्टर यहां से तौबा कर रहे हैं। बेहतर विकल्प की तलाश में पलायन कर रहे हैं। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कुप्रबंधन ही डॉक्टरों के नौकरी छोडऩे की मुख्य वजह मानी जा रही है। यही वजह है कि डॉक्टर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को छोड़कर रीवा में ही संचालित प्राइवेट अस्पताल को ही ज्वाइन कर रहे हैं। शासन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों को लाखों रुपए का वेतन दे रहा है। यह वेतन भी उन्हें रास नहीं आ रहा है। हालात यही रहे तो आने वाले दिनों में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ताला तक लग जाएगा। जिस तरह के हालात बने हुए हैं, वैसे में यदि ऐसा हुआ तो कोई अतिसंयोक्ति नहीं होगी।
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अब तक इतने लोग छोड़ चुके हैं नौकरी
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की अव्यवस्था से परेशान होकर अब तक 5 डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ दी है।  नौकरी छोडऩे वालों में डॉ सुमित प्रताप ङ्क्षसह, डॉ लल्लन प्रताप ङ्क्षसह, डॉ अंकित सिंह, अब डॉ हिमंासु गुप्ता, डॉ प्रदीप कुर्मी शामिल हैं। कार्डियोलॉजी विभाग जहां प्रदेशभर में मजबूत स्थिति में था। अब यहां डॉक्टरों का ही संकट खड़ा हो गया है। यदि जल्द ही इस अव्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया तो विभाग पर ताला लगने में देर नहीं लगेगी। अब नया नाम न्यूरो सर्जन कार्तिकेय शुक्ला का भी जुड़ गया है। वह भी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से जाने वाले हैं। इसके अलावा भी कुछ नाम चर्चाओं में चल रहे हैं, जो नौकरी छोड़ सकते हैं। इसके पहले नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ रोहन द्विवेदी ने भी इस्तीफा दिया था। हालांकि उपमुख्यमंत्री के बनाए जाने के बाद वह वापस लौट आए। फिर भी अभी संकट टला नहीं है।
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उपमुख्यमंत्री को डॉक्टरों की समस्या की तरफ ध्यान देना होगा
वर्तमान में रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला मप्र शासन में मजबूत स्थिति में है। उपमुख्यमंत्री के साथ ही उनके पास चिकित्सा शिक्षा और लोक स्वास्थ्य कल्याण विभाग भी है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल भी उनका ही सपना था। उनके प्रयास से ही करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट रीवा में आया। डॉक्टरों को तलाश कर लाने में भी इन्हीं का बड़ा योगदान रहा लेकिन अब धीरे धीरे अस्पताल टूट रहा है। यहां कभी इलाज के लिए बाहर से भी मरीज आते थे। यहां डॉक्टरों की जबरदस्त टीम थी। हार्ट के आपरेशन के मामले में मप्र में रिकार्ड बनाए गए। अब धीरे धीरे डॉक्टर छोड़कर जा रहे हैं। ऐसे में इस पलायन को रोकने के लिए उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल को आगे आना होगा। डॉक्टरों के साथ लगातार संपर्क साधना होगा। उनकी समस्याओं पर चर्चा करनी होगी। तभी यह पलायन रोका जा सकेगा।
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सुपर स्पेशलिटी का अनुभव मिल गया था। अब कार्पोरेट अस्पताल का अनुभव चाहिए था। इसलिए यहां से जा रहे हैं।
डॉ कार्तिकेय शुक्ला
न्यूरो सर्जन, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा