अधीक्षक ने पकड़ी वार्ड ब्वाय की करतूत, अब नौकरी से होंगे बाहर

अधीक्षक के निरीक्षण में दो वार्ड ब्वाय की बड़ी लापरवाही सामने आई। हेल्प डेस्क रजिस्टर मेंटेन नहीं मिला। ड्रेस में भी नहीं मिले। इनके खिलाफ कई गंभीर आरोप भी लगे। मरीजों से अवैध वसूली जैसे गंभीर आरोप भी सामने आए। सिफारिश में नौकरी पाने वाले वार्ड ब्वाय अस्पताल में अव्यवस्था फैला रहे हैं। इन दोनों वार्ड ब्वाय को नौकरी से बाहर करने के निर्देश अधीक्षक ने यूडीएस कंपनी के मैनेजर को जारी किए हैं। अधीक्षक की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है।

अधीक्षक ने पकड़ी वार्ड ब्वाय की करतूत, अब नौकरी से होंगे बाहर
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कई वार्ड ब्वाय मरीजों से वसूली करते पकड़े गए फिर भी सिफारिश में हैं जमें
रीवा। ज्ञात हो कि संजय गांधी अस्पताल में साफ सफाई से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनी के पास है। यहां अधिकांश कर्मचारी सिफारिश में नौकरी कर रहे हैं। नेताओं और डॉक्टरों के अधिकांश रिश्तेदार हैं। इनके कारण ही अव्यवस्था फैल रही है। सिफारिश में काम करने वाले वार्ड ब्वाय के कारण ही मरीजों को सुविधाएं नहीं मिलती। समय पर काम पर नहीं आते और ड्यूटी तक नहीं करते। ऐसे ही कुछ वार्ड ब्वाय अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा के निरीक्षण में पकड़े गए। अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा अस्पताल के निरीक्षण पर निकले। हेल्प डेस्क में गए तो वहां तैनात किया गया कर्मचारी नदारद था। बिना वर्दी के ही इधर उधर घूम रहा था। जब उसे रजिस्टर की जानकारी चाही गई तो उसमें कोई भी जानकारी अंकित नहीं थी। इस लापरवाही पर मनीष निगम और दिलीप द्विवेदी को नौकरी से बाहर किए जाने का आदेश अधीक्षक ने कंपनी के मैनेजर को दिया है। हालांकि इस निर्देश के बाद सिफारिश का दौर शुरू हो गया है। इन दोनों कर्मचारियों के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें सामने आ रही थी। मरीजों को स्ट्रेचर देने और मरीजों को ले जाने के नाम पर रुपए की मांग करने के आरोप भी लगते रहे हैं। समय पर ड्यूटी नहीं आते। इस कारण से अधीक्षक ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखाने का निर्णय लिया है।
इन कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी
इसके अलावा अस्पताल में कई ऐसे वार्ड ब्वाय हैं जो किसी न किसी के रिश्तेदार हैं। साथ ही रेग्युलर पढ़ाई भी कर रहे हैं। जबकि रेग्युलर पढ़ाई के साथ नौकरी नहीं कर सकते, फिर भी इन्हें पदस्थ किया गया है। ऐसे कर्मचारियों में शिवेन्द्र पाण्डेय सुभाष विश्वकर्मा का नाम सामने आया है। एक टीआरएस से एमफिल कर रहा तो दूसरा रेग्युलर पैथालॉजी का कोर्स कर रहा है। ऐसे में स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसी तरह नितिन पाण्डेय, सुमित त्रिपाठी वार्ड ब्वाय मरीजों से रुपए लेते भी पकड़े गएथे। गंभीर रोगी वार्ड में मरीज से रुपए लेने की शिकायत तत्कालीन अधीक्षक डॉ अवतार सिंह के पास पहुंची थी। उन्होंने बाहर का रास्ता दिखा दिया था लेकिन फिर भी उन्हें रख लिया गया था। पकड़े जाने के बाद भी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। लगातार शिकायतें पहुंच रही हैं7 इसके अलावा एक वार्ड ब्वाय सौरभ त्रिपाठी को रुपए के लेन देने के मामले में थाना तक पुलिस उठा ले गई थी। फिर भी यह दागी डटे हैं। इन्हें बाहर करने की तैयारी है।