सुप्रीम कोर्ट ने नीट की काउंसलिंग रोकने से किया इंकार लेकिन एनटीए से जवाब मांगा है
नीट का परिणाम आने के बाद इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए थे। एक ही एग्जाम सेंटर के 67 अभ्यर्थियों को 720 मार्क दिए गए थे। इसके अलवा अन्य छात्रों को ऐसे मार्क दिए गए थे जो मार्किंग के आधार पर फिट नहीं बैठ रहे थे। नीट के रिजल्ट को लेकर कई छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए नीट की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। हालांकि एनटीए को नोटिस जारी कर जवाब जरूर मांगा है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीट काउंसलिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। ये याचिका स्टूडेंट शिवांगी मिश्रा और 9 अन्य छात्रों ने रिजल्ट की घोषणा से पहले 1 जून को दायर की थी। इसमें बिहार और राजस्थान के एग्जाम सेंटर्स पर गलत क्वेश्चन पेपर्स बंटने के चलते हुई गड़बड़ी की शिकायत की गई थी और परीक्षा रद्द कर एसआईटी जांच की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने परीक्षा कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए को नोटिस जारी करते हुए कहा कि नीट यूजी की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है। हमें इसका जवाब चाहिए।
नीट रिजल्ट पर रोक लगाने सहित कई याचिका दायर की गईं थी
सुप्रीम कोर्ट में 10 जून को भी नीट रिजल्ट पर रोक लगाने की याचिका दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने नीट यूजी एग्जाम 2024 में ग्रेस माक्र्स देने में मनमानी का आरोप लगाया है। एक एग्जाम सेंटर के 67 कैंडिडेट्स को पूरे 720 माक्र्स मिले हैं, इस पर भी याचिकाकर्ताओं ने संदेह जताया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर नई याचिका में 5 मई को आयोजित नीट यूजी एग्जाम का पेपर लीक होने की व्यापक शिकायतों का भी हवाला दिया गया है।
अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की वैकेशन बेंच ने मामले की सुनवाई की। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। याचिका में कहा गया था कि रिजल्ट में ग्रेस माक्र्स देना एनटीए का मनमाना फैसला है। स्टूडेंट्स को 718 या 719 माक्र्स देने का कोई मैथमेटिकल आधार नहीं है। ये याचिका स्टूडेंट वेलफेयर के लिए काम करने वाले अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और डॉक्टर शेख रोशन ने दायर की थी। ये दोनों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में स्टूडेंट्स वेलफेयर के लिए काम करते हैं।
20 हजार स्टूडेंट ने दायर की है याचिका
देशभर में नीट यूजी 2024 को लेकर अलग-अलग राज्यों में लगभग 20 हजार स्टूडेंट्स ने याचिकाएं दायर की थीं, जिसमें परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की गई थी। ग्रेस माक्र्स के खिलाफ दायर की गई याचिका में कहा गया कि एनटीए ने अब तक ये नहीं बताया कि उन्होंने स्टूडेंट्स को ग्रेस माक्र्स देने के लिए क्या तरीका अपनाया। वहीं एग्जाम के पहले एनटीए की तरफ से जारी इन्फॉर्मेशन बुलेटिन में भी ग्रेस माक्र्स देने के प्रावधान का जिक्र नहीं था। ऐसे में कुछ कैंडिडेट्स को ग्रेस माक्र्स देना सही नहीं है।
एनटीए ने नीट परीक्षा में गड़बड़ी की जांच के लिए पैनल बनाया
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नीट परीक्षा में गड़बड़ी की जांच का जिम्मा अपनी ही गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन प्रदीप कुमार जोशी को जांच पैनल का अध्यक्ष बनाया है। इससे पहले, शनिवार को शिक्षा सचिव संजय मूर्ति व एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन की अध्यक्षता में जांच का ऐलान किया था। जोशी हालांकि यूपीएससी के चेयरमैन रह चुके हैं, लेकिन यह सवाल उठ रहा है कि किसी भी संस्था का मुखिया ही अपनी संस्थान की खामी की जांच के लिए बनी समिति का अध्यक्ष कैसे हो सकता है। इस बारे में पूछे जाने पर शिक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष पदाधिकारी ने सफाई दी कि जोशी बेशक एनटीए गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन हैं, लेकिन प्रख्यात शिक्षाविद और प्रतियोगी परीक्षा के विशेषज्ञ हैं। ऐसे मेंं उनका चयन उचित है। कमेटी के बाकी तीन सदस्य एनटीए के बाहर से हैं।
कमेटी को जांच के बाद यह सारी जानकारी देनी होगी
कमेटी को जांच के बाद बताना है कि इन 1,563 छात्रों की फिर से परीक्षा ली जाए या नए फॉर्मूले के आधार पर उन्हें फिर से अंक दिए जाएं और रिवाइज रिजल्ट जारी हो। कोई भी फैसला कमेटी की सिफारिशों की आधार पर लिया जाएगा। कमेटी को 7 दिन का समय दिया गया है। शिक्षा मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि कमेटी मंगलवार रात तक नीट परीक्षा के मामले में अपनी सिफारिश दे सकती है। बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में नीट-2024 में शामिल हुए छात्रों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई है। एनटीए चाहता है कि बुधवार हाईकोर्ट में दाखिल होने वाले हलफनामे में बताए कि छात्रों की ओर से आई सभी शिकायतों का समाधान कर दिया गया है।
कई जगहों पर छात्रों ने किया था प्रदर्शन
नीट यूजी में हुई गड़बड़ी को लेकर दिल्ली, भोपाल, वाराणसी समेत देशभर में हजारों छात्र-छात्राओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि नीट यूजी परीक्षा को निरस्त किया जाए। उधर दिल्ली में एसएफआई ने 10 जून को सुबह 10 बजे बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है।