लंबे इंतजार के बाद हुआ शपथ ग्रहण, राजेन्द्र शुक्ल के सिर सजा ताज
तीन दिनों से मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद चल रही थी। यह कवायद शनिवार को पूरी हो पाई। दो नामों पर ही पेच फंसा हुआ था। पहले गुरुवार फिर शुक्रवार और अंत में शनिवार की सुबह शपथ ग्रहण का दिन फाइनल हुआ। शुक्रवार की रात को ही सीएम ने राज्यपाल से समय ले लिया था। इसके बाद शनिवार की सुबह निर्धारित समय पर तीन नए सदस्यों को राजभवन में शपथ दिलाई गई। गौरीशंकर बिसेन, राजेंद्र शुक्ला और राहुल सिंह लोधी ने मंत्री पद की शपथ ली।
यह मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान का चौथा मंत्रिमंडल विस्तार है। चुनाव के ठीक पहले यह विस्तार सिर्फ जातीय समीकरण को साधने के लिए किया गया है। राजेन्द्र शुक्ल, गौरीशंकर बिसेन और राहुल लोधी को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। राहुल लोधी के नाम को ही लेकर लंबे समय तक मामला लटका रहा। शुक्रवार की रात को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल से मुलाकात की। उनसे मंत्रिमंडल विस्तार का समय मांगा। शनिवार की सुबह 8.45 बजे का समय शपथ ग्रहण के लिए मिला। सुबह तीनों विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
नाराजगी को पाटने की कोशिश
2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य से भाजपा को सबसे अधिक फायदा हुआ था। विंध्य से भाजपा को सबसे अधिक सीटें मिली थीं। 30 में से 24 सीटें भाजपा जीती थी। इसके बाद भी भाजपा ने मंत्रिमंडल में विंध्य से किसी को जगह नहीं दी थी। विधानसभा अध्यक्ष बनाकर इस खाई को पाटने की कोशिश की गई थी लेकिन यह पर्याप्त नही ंथा। विंध्य से नाराजगी की बात सामने आ रही थी। इसे ही पाटने की कोशिश की गई है। विंध्य से राजेन्द्र शुक्ल को मंत्री बनाया गया है।
ओबीसी वोटर साधने की कोशिश
प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी 51 प्रतिशत से अधिक है। नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उछालकर महापौर की पांच सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस अब इसी राह पर आगे बढ़ रही है। इसी की काट के लिए भाजपा ने बालाघाट से विधायक गौरी शंकर बिसेन को फिर से मंत्री बनाया है। बिसेन इस समय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा लोधी समाज से राहुल लोधी को चुना गया। यह उमा भारती के करीबी हैं।