काउंसलिंग में ठगी गई शिक्षिकाएं, 9 का बता कर 90 किमी दूर बता कर दिला दिए महिला शिक्षकों को स्कूल

विज्ञान विषय की काउंसलिंग में स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के साथ धोखा दे दिया। बिना पद के ही काउंसलिंग कराई और उस पर भी संभागीय कर दिया गया। काउंसलिंग में रीवा की स्कूलें नहीं मिली तो शिक्षकों ने बार्डर की स्कूलें लेने का निर्णय लिया। काउंसलिंग के दौरान मौजूद कर्मचारियों ने भ्रमित कर दिया। पास का बता कर दूर की स्कूलें चयनित करा दीं। जब स्कूल की तलाश में पहुंची तो उनका रास्ता ही नहंी खत्म हो रहा था। काउंसलिंग में 9 से 10 किमी दूर बताया गया लेकिन कई स्कूलें 90 किमी और दूर दराज में मिली। अब महिला शिक्षक खुद का ठगा महसूस कर रही है। काउंसलिंग निरस्त करने की मांग कर रही है।

काउंसलिंग में ठगी गई शिक्षिकाएं, 9 का बता कर 90 किमी दूर बता कर दिला दिए महिला शिक्षकों को स्कूल
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शनिवार की शाम को एक सैकड़ा विज्ञान विषय की अतिशेष शिक्षकें डिप्टी सीएम के निवास पहुंची
नहीं हुई मुलाकात रविवार को फिर डेरा डालेगी, रखेंगी काउंसलिंग निरस्त करने और नियमों में बदलाव की मांग
रीवा। ज्ञात हो कि शुक्रवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने विज्ञान विषय के माध्यमिक शिक्षकों की काउंसलिंग आयोजित की। रीवा में 108 अतिशेष शिक्षक थे। वहीं पद सिर्फ 25 ही दिखाए गए। काउंसलिंग में भी विसंगति की गई। स्कूल शिक्षा विभाग ने जिले के शिक्षकों को संभाग स्तरीय स्कूलों के चयन की अनिवार्यता कर दी। कोई भी शिक्षक संभाग में कहीं की भी स्कूलें चयनित कर सकता था। ऐसे में सिंगराली, सीधी, सतना के शिक्षकों ने पहले ही रीवा की स्कूलें चुन ली। सारी सीटें भर गई। रीवा के शिक्षकों की बारी ही नहंी आई। रीवा के अतिशेष शिक्षकों ने काउंसलिंग में हिस्सा लिया। बार्डर के आसपास की स्कूलों को चयनित करने की सोची तो उसमें भी कर्मचारियों ने उन्हें भटका दिया। आसपास की स्कूलों की जगह दूर दराज की स्कूलों का चयन करा दिया। कोई 90 किमी दूर की स्कूलें चयनित कर फंस गया तो कोई मुख्य मार्ग से कई किमी अंदर की स्कूलों का चयन कर बैठा। तब स्कूलों के चयन के बाद मौका मुआयना करने पहुंचे तो महिला शिक्षकों के होश उड़ गए। उन्हें बताई हुई दूरियों और जगह पर स्कूलें ही नहीं मिली। अब शिक्षकों का हाल बुरा है। विज्ञान विषय के शिक्षकों के साथ शिक्षा विभाग ने दोहरा बर्ताव किया है। इसकी सजा सबसे अधिक महिला शिक्षकों को भुगतनी पड़ रही है।
महिला शिक्षक बड़ी संख्या में पहुंचे डिप्टी सीएम के आवास
माध्यमिक शिक्षक विज्ञान की काउंसलिंग से नाखुश एक सैकड़ा शिक्षकों ने शनिवार की शाम को डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला के निवास पर डेरा डाल दिया। शाम करीब 7 बजे एक सैकड़ा शिक्षक डिप्टी सीएम से मिलने पहुंचे थे। वह काउंसिंग को निरस्त करने सहित चार सूत्रीय मांगों को सौंपने पहुंचे थे। हालांकि शिक्षकों की मुलाकात नहंी हो पाई। अब रविवार की सुबह 9.30 बजे सभी शिक्षकों को बुलाया गया है। शिक्षकों ने मांग की है कि विज्ञान विषय के माध्यमिक शिक्षकों के साथ जो सौतेला व्यवहार किया गया है। उसके नियमों में परिवर्तन किया जाए। अतिशेष शिक्षकों को उसी विद्यालय में रिक्त पदों पर मर्ज किया जाए। जो शिक्षक पीजी हैं उन सभी शिक्षकों को पीजी में शामिल विषयों के अनुसार ही रिक्त पदों में शामिल कर दिया जाए। इससे अतिशेष की समस्या खत्म हो जाएगी। संभागीय काउंसलिंग की प्रक्रिया भी निरस्त करने की मांग की गई है।
महिला शिक्षकों के साथ सबसे अधिक परेशानी
काउंसलिंग में सबसे अधिक परेशानी में महिला शिक्षक फंस गई है। महिलाओं को रीवा शहर से काफी दूर दूर पदस्थ किया जा रहा है। रीवा में रिक्त पद नहीं होने पर भी संभागीय काउंसङ्क्षलग कराई जा रही है। महिलाओं को रीवा से सीधी, सिंगरौली और सतना की स्कूलें चयनित करा दी गई। स्कूल शिक्षा विभाग ने वेतन रोकने और भोपाल से पदस्थापना का आदेश जारी कर सभी को डरा दिया था। वेतन रोकने के डर से ही महिलाओं ने भी दूर दराज की स्कूलों का चयन कर लिया। अब सभी फंस गई है। उनके सामने परिवार, बूढ़े माता की जिम्मेदारी, बच्चों का स्कूल और लालन पालन का संकट खड़ा हो गया है। सारी जिम्मेदारियां डगमगाने लगी है। 
डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला से उम्मीद
विज्ञान विषय की काउंसलिंग में नियमों की गई विसंगतियों को लेकर शिक्षक संगठन भी सामने आया है। शिक्षकों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया है। डिप्टी सीएम से शिक्षकों ने आस लगाई है। रविवार को डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला से मुलाकात करेंगे।