इसलिए लोग बन रहे हैं पथरी के मरीज, इस बीमारी से बचना है तो यह करें काम

खानपान में लापरवाही लोगों में पथरी का कारण बन रहा है। कम पानी और अधिक नमक का सेवन पथरी का कारण बन रहा है। हर दिन सुपर स्पेशलिटी में 8-10 नए मरीज पहुंच रहे हैं। किडनी और गालब्लैडर के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं। मरीजों की लापरवाही किडनी फेल्युअर का भी कारण बन रही है।

इसलिए लोग बन रहे हैं पथरी के मरीज, इस बीमारी से बचना है तो यह करें काम
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रीवा। विंध्य पथरी के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं। यहां अधिकांश लोगों में पथरी की समस्या देखने को मिलती है। पथरी की समस्या लोगों के खान पान के कारण परेशानी का कारण बन रही है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में यूरोलॉजी विभाग में पथरी की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। यहां हर दिन 8-10 मरीज नए पहुंच रहे हैं। जिन्हें किडनी में स्टोन की शिकायत हो रही है। यह स्टोन लोगों की जान तक पर भारी पड़ जाती है। समय रहते यदि इसका इलाज नहीं कराते तो उन्हें और भी कई परेशानियों से जूझना पड़ जाता है। किडनी यदि लंबे समय तक शरीर के किसी हिस्से में है तो वह किडनी फेल्युअर या फिर कैंसर का कारण भी बन जाता है। पथरी का होना कुछ मामलों में ही आनुवांशिक है लेकिन कई मामलों में यह लापरवाही ही कारण बनता है।
पथरी किडनी को भी कर देता है डैमेज
पथरी को हल्के में न ले। यह किडनी तक को डैमेज कर देता है। यदि समय पर स्टोन का इलाज नहीं कराया तो यह किडनी में फंस कर फेल्युअर का भी कारण बनता है। अधिकांश मामलों में देखने को मिलता है कि मरीज आपरेशन और इलाज से कन्नी काटते रहते हैं। स्टोन की जानकारी होने के बाद भी आपरेशन नहीं कराते। ऐसे मरीजों में किडनी फेल्युअर का खराब बढ़ जाता है।
यह है पथरी बनने और होने का कारण
- ज्यादा नमक का सेवन करने से
- एनिमल प्रोटीन का सेवन करने से
- कम पानी पीने से
- फैटी चीजें ज्यादा खाने से
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हर दिन 7-8 नए मरीज पहुंच रहे हैं
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में स्टोन के करीब 7-8 नए मरीज पहुंच रहे हैं। यदि संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी को भी इसमें जोड़ लिया जाए तो पथरी के मरीजों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। हर महीने सुपर स्पेशलिटी के यूरोलॉजी विभाग में किडनी में स्टोन के करीब 150 से 200 मरीज आते हैं।
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सिर्फ दर्द ही है इसकी पहचान
स्टोन का अलग से लक्षण सामने नहीं आता। इसका सिर्फ एक मात्र लक्षण दर्द ही है। किडनी में स्टोन होने पर यह दर्द से अपनी उपस्थिति दर्शाता है। इसके अलावा पेशाब के रास्ते कई मामलों में खून भी आ जाता है। वहीं पित्ताशय में स्टोन होने पर गैस बनना, पेट में दर्द, कमर में दर्द जैसे लक्षण सामने आते हैं।
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यह है उपचार
यदि पथरी शरीर में किसी हिस्से में है तो इसकी तुरंत जांच कराए। यदि किडनी में है तो इसे नजर अंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर से जांच कराए और उपचार कराएं। गालब्लैडर में यदि पथरी है तो उसमें एक मात्र उपाय आपरेशन ही होता है। गालब्लैडर में पथरी पित्त के गाड़ा होने पर बनती है। यदि किडनी में पथरी है तो वह उसके आकार पर निर्भर करता है। छोटे आकार की पथरी दवाइयों के सहारे पेशाब के रास्ते बाहर भी निकल जाती है। यदि इसका आकार बड़ा है तो आपरेशन के जरिए बाहर निकाला जाता है।
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ओपीडी में हर दिन 7 से 8 नए स्टोन के मामले सामने आते हैं। महीने में 150 से 200 मामले तक पहुंच जाते हैं। किडनी में स्टोन फेल्युअर का कारण भी बन सकता है। इसकी पहचान सिर्फ दर्द है। स्टोन होने पर दर्द होता है। कई मामलों में पेशाब के रास्ते से खून भी आ जाता है। स्टोन को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। इससे बचने के लिए लोगों को ज्यादा पानी पीना चाहिए और नमक का सेवन कम कर देना चाहिए। एनिमल प्रोटीन के सेवन से भी इसकी संभावना बढ़ जाती है।
डॉ पुष्पेन्द्र शुक्ला
यूरोलॉजिस्ट, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा