प्रशासन को ज्यादा मुआवजा न देना पड़े इसलिए 10 साल से इन गांवों के रेट ही नहीं बढ़ाए गए

सरकार ने रीवा के चार गांवों की जमीनों के दाम पिछले 10 सालों से नहीं बढ़ाए। वजह जान कर आप भी चौक जाएंगे। गरीबों की जमीन सरकार सस्ते में लेना तो चाहती है लेकिन इसके बदले ज्यादा मुआवजा नहीं देना चाहती। इसलिए 10 साल से जमीनों के रेट ही नहीं बढ़ाए गए। इस साल भी भूमिअधिग्रहण के चक्कर में रेट दरों में बढ़ोत्तरी नहीं की गई। किसानों को ठगा जा रहा है। वहीं भूमाफिया महंगी दर पर जमीनें बेेच कर मजे कर रहे हैं।

चोरहटा हवाई अड्डा के विस्तार में फिर जमीनों का अधिग्रहण करना है
158 एकड़ जमीन लेने के चक्कर में जमीन के दर में वृद्धि नहीं की गई
रीवा। ज्ञात हो कि रीवा में चोरहटा हवाई अड्डा का विस्तार किया जा रहा है। अंतरराज्यीय हवाई अड्डा बनाया जा रहा है। इसके लिए पहले ही शासन ने 200 एकड़ से अधिक भूमि अधिग्रहित की है। करोड़ों रुपए मुआवजा के वितरित किए गए हैं। चोरहटा हवाई अड्डा निर्माण का काम अब लगभग पूरा होने वाला है। इसके बाद भी करीब 158 एकड़ भूमि की जरूरत और पड़ेगी। सूत्रों की मानें तो इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है। नोटिफिकेशन के कारण ही चार गांवों की जमीन के दाम भी प्रशासन ने पढऩे नहीं दिया। हाल ही में पंजीयन विभाग ने जमीनेां की नई दरें जारी की है। इसमें चोरहटा एयरपोर्ट से सटे चार गांवों की जमीनों की कीमतें नहीं बढ़ाई गई हैं। इसके पीछे वजह सिर्फ किसानों को ज्यादा मुनाफा न हो यही बताई जा रही है। जमीन के दाम बढऩे से सरकार का बजट भी बढ़ जाएगा। उन्हें अधिक मुआवजा बांटना पड़ेगा। यही वजह है कि इन जगहों की कीमतें भी नहीं बढ़ाई गई हैं।
10 साल से लगी है रोक
चोरहटा एयरपोर्ट में चार गांव की जमीनें सबसे ज्यादा अधिग्रहित की गई है। इन चार गांवों के जमीन के नामांतरण, बिक्री आदि पर वर्ष 2016 से रोक लगी हुई है। अब तक यह प्रतिबंध जारी है। इन प्रतिबंध के कारण ही जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में इन चार गांवों की जमीनों की वृद्धि से जुड़ा प्रस्ताव भी नहीं रखा जाता। इस मर्तबा भी इनका प्रस्ताव किनारे कर दिया गया।
सरकार को देना पड़ेगा अधिक मुआवजा
सूत्रों की मानें तो यदि इन चार गांवों की जमीनों की दरें बढ़ाई जाएंगी तो मुआवजा भी अधिक बनेगा। जमीनों की कीमतें बढऩे से सरकार की जेब भी ज्यादा ढीली होगी। यही वजह है कि सरकार ने जमीनों की दामों को होल्ड कर दिया है। सरकार तो फायदा उठा रही है लेकिन किसानों को फायदा देने में अड़ंगा डाल दी है। किसानों की जमीनें सरकार भी कौढिय़ों के दाम में लेने की फिराक में लगी है।
इन चार गांव को रखा गया दूर
सूत्रों की मानें तो चोरहटा हवाई अड्डा से सटे चार गांव की जमीनों की कीमतें नहीं बढ़ाई गई हैं। इनमें अगडाल, उमरी, चोरहटा और चोरहटी शामिल हैं। इन गांवों में सबसे अधिक जमीनों की डिमांड है। अब तेजी से यहां जमीनों की खरीद फरोख्त हो रही है लेकिन दाम नहीं बढ़ाए जा रहे हैं। चोरहटा हवाई अड्डा बनने के बाद से लोग यहां पर महंगी दरों पर जमीनें खरीदने को तैयार हैं। भूमाफिया जमीन बेच कर कमा रहे हैं लेकिन किसानों को कुछ नहीं मिलेगा।