कॉलेजों के प्रोफेसरो और स्टाफ की मनमानी पर लगेगी लगाम, अब कलेक्टर और कमिश्नर के पास जाएगी अटेंडेंश
कॉलेजों में मोटी सैलरी पाने वाले प्रोफेसरों की मनमानी नहीं चलेगी। अब इन्हें कॉलेज में पूरे समय तक रहना होगा। छात्रों को पढ़ाना भी होगा। सुबह समय से पहुंचना पड़ेगा। इनके अटेंडेंशन की मॉनीटरिंग आनलाइन होगी। कलेक्टर और कमिश्नर के पास भी इनके उपस्थिति की जानकारी जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है।
सार्थक से दर्ज होगी उपस्ििाति और वाट्सएप से अधिकारियों को भेजी जाएगी
आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया फरमान
रीवा। प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, ग्रंथपाल, लाईब्रेरियन और जानभागीदारी द्वारा नियुक्त अतिथि विद्वानों की हाजिरी को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए हैं, जिसमें कॉलेज स्टाफ को सार्थक उपस्थिति एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज कराना होगी। सभी कॉलेजों में एप के माध्यम से उपस्थिति लगाएंगे। ये उपस्थिति जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त को व्हाटसएप के माध्यम से भेजी जाएगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त ने आदेश जारी किए हैं। हालाकि प्रोफेसर सहिए अन्य अधिकारी उपस्थिति को लेकर संतोष व्यक्त नहीं कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस सहित अन्य सरकारी कालेजों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, ग्रंथपाल, लाईब्रेरियन और अतिथि विद्वानों की उपस्थिति बायोमैट्रिक लगाई जा रही थी, लेकिन कॉलेजों में मशीन खराब होने का कारण बताकर वे हाजिरी लगाने से बच रहे हैं। सार्थक एप को लेकर भी प्रोफेसरों ने कई तकनीकी बहाने बताए हैं। इसमें समय पर उपस्थिति नहीं लगती है। इसलिए अब उच्च शिक्षा आयुक्त ने नया उपाय निकाला है, ताकि शिक्षक कॉलेज में रुकें और नियमित कक्षाएं लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाएं।
अब मनमानी आना जाना नहीं चलेगा
उच्च शिक्षा आयुक्त द्वारा प्रदेश के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक रीवा के साथ सभी सरकारी कॉलेज के प्राचार्यों को आदेशित किया गया है कि वे सार्थक उपस्थिति एप्लीकेशन के माध्यम से उपस्थिति लगाएंगे। सरकारी कॉलेजों में पदस्थ शैक्षणिक संवर्ग प्राचार्य, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, स्पोर्ट्स ऑफिसर, लाइब्रेरियन, गेस्ट फेकल्टी, जनभागीदारी फेकल्टी को मोबाइल एप के माध्यम से ही हाजिरी लगाना होगी। प्राचार्य सार्थक एप के माध्यम से एक एनालिटिकल डेशबोर्ड तैयार करेंगे। इसमें कालेज की आईडी से लागिन कर डाटा एनालिटिक्स देख सकेंगे। उसे व्हाटसअप के माध्यम से जिले के कलेक्टर और उनके संभागीय आयुक्त को भेजना होगा। सभी की उपस्थिति की कैलकुलेशन जिले के एम्प्लाईज के अटैडेंस मार्क करने से किया जाएगा। इसमें प्रोफेसर सहित अन्य सभी वर्ग के अधिकारियों के आने और जाने के समय उपस्थिति लगाना होगी। सिर्फ आने का समय देने पर उनकी उपस्थिति मान्य नहीं की जाएगी।
कॉलेज में ही सात घंटे रुकना होगा
उच्च शिक्षा आयुक्त के आदेश के मुताबिक प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, स्पोर्ट्स ऑफिसर, लाइब्रेरियन, गेस्ट फेकल्टी, जनभागीदारी फैकल्टी को कालेज में यूजीसी के नियम के तहत उपस्थित रहना होगा। यूजीसी ने नये नियमों के तहत उक्त सभी की उपस्थिति (आने और जाने के बीच) का समय सात घंटे किया है। इसलिए अब सभी को सात घंटे तक कालेजों में रुकना होगा। इससे कम समय होने पर उनको मिलने वाले वेतन में कांट-छांट भी हो सकती है।