आयुक्त ने देखा निर्माण, खामियों को लिखकर ले गए, बैठक में एयर एम्बुलेंस और बढ़ते रेफरल मामलों पर हुए नाराज
गुरुवार को आयुक्त चिकित्सा शिक्षा रीवा पहुंचे। रीवा पहुंचते ही उन्होंने निर्माण कार्यों के निरीक्षण से शुरुआत की। निरीक्षण के बाद सीधे मेडिकल कॉलेज पहुंचे और विभागाध्यक्षों की मीटिंग ली। दो मुद्दों पर जो रहा। कम पीजी सीटें मिलने पर दो विभागों पर नाराजगी जताई। वहीं एयर एम्बुलेंस के मामले में रीवा से अधिक केस आने पर भी नाराज हुए। उन्होंने कहा कि मप्र में रीवा एयर एम्बुलेंस के उपयोग के मामले में सबसे ऊपर है। इसका मतलब मरीज रेफर हो रहे हैं। मरीजों के रेफरल मामलों को कम करने के निर्देश दिए। दो घंटे तक निरीक्षण और मंथन चला। इसके बाद वह मैहर रवाना हो गए।

दो घंटे ही रीवा में रुके, आधे घंटे चला निर्माण कार्यों का निरीक्षण
फिर मेडिकल कॉलेज में विभागाध्यक्षों के साथ हुई बैठक
रीवा। ज्ञात हो कि आयुक्त चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी गुरुवार कीे दोपहर करीब 3.30 बजे रीवा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचे। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचने के बाद उनके निरीक्षण का दौर यहीं से शुरु हुआ। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के पीछे एक्सटेंशन भवन का निर्माण चल रहा है। पहला निरीक्षण इसी भवन का किया गया। यहां से कमिश्नर सीधे जीएमएच के पीछे से होते ही बच्चा वार्ड पहुंचे। बच्चा वार्ड का निरीक्षण किया। यहां वे कमिश्नर सीधे ओपीडी भवन पहुंचे। नए ओपीडी भवन और ट्रामा सेंटर के होने वाले निर्माण को लेकर जानकारी ली और निरीक्षण किया। ओपीडी से निकल कर कमिश्नर क्रिटिकल केयर यूनिट और कैंसर यूनिट के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया। इसके अलावा जिस भवन में नर्सिंग कॉलेज संचालित होता था। उसका भी अवलोकन किया गया। इसी जगह पर नया नर्सिंग कॉलेज भवन बनाया जाना है। यहां से वह सीधे डॉक्टर कालोनी में बन रहे रिहायसी बहुमंजिला मकान का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान कैंसर यूनिट का जब कमिश्नर अवकलोकन कर रहे थे, तब मौके पर कलेक्टर रीवा प्रतिभा पाल भी पहुंची थी। निरीक्षण के दौरान डीन डॉ सुनील अग्रवाल, प्रभारी अधीक्षक डॉ रामविलास दुबे, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के अधीक्षक डॉ अक्षय श्रीवास्तव, उप अधीक्षक यत्नेश त्रिपाठी, एजाइल के कार्यकारी प्रबंधक पीयूष शुक्ला, प्रशांत पाण्डेय, देवेन्द्र शुक्ला, अमृतांश शर्मा, पुष्पेन्द्र पाठक मौजूद रहे।
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रेफर केस के बढ़ते मामलों से नाखुश हुए कमिश्नर
निरीक्षण के बाद कमिश्नर ने सभी विभागाध्यक्षों की एक बैठक मेडिकल कॉलेज के डीएनएस चौधरी हाल में बुलाई। यहां सभी विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद रहे। कमिश्नर ने एक एक कर सभी एचओडी से संसाधनों की जानकारी ली। स्टाफ और डॉक्टरों की कमी की भी पड़ताल की। साथ ही कमिश्नर ने कहा कि जो भी कमियां है, वह बताएं उसे पूरा किया जाएगा लेकिन रीवा के रेफरल मामलों पर अंकुश लगाए। उन्होंने कहा कि एयर एम्बुलेंस के उपयोग के मामले में रीवा नंबर वन पर है। इसका मतलब सबसे अधिक प्रकरण रेफर किए जा रहे हैं। रेफरल मामलों को कम करने के निर्देश दिए गए हैं।
पीजी सीटें अधिक से अधिक बढ़ाने के निर्देश
कमिश्नर आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ने पीजी सीटों पर ज्यादा जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिस विभाग के पास जितने संसाधन है और वह जितनी सीटें पीजी की स्वीकृत करा सकते हैं वह कराएं। अधिक से अधिक पीजी सीटों की स्वीकृति कराई जाए। कमिश्नर ने दो विभागों पर अप्रसन्नता भी व्यक्त की। उन्होंने आर्थो और ईएनटी विभाग में डॉक्टर और संसाधनों के हिसाब से कम पीजी सीटे होने पर नाराजगी जताई। आर्थो में एक पीजी सीट कम है और ईएनटी में 6 की जगह सिर्फ 4 ही पीजी की सीटें स्वीकृत है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई।
सुपर स्पेशलिटी के सीवीटीएस सर्जन फिर नजर में आए
बैठक में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के नजर में सिर्फ एक ही डॉक्टर रहे। उन्हें अलग से बुलाकर कमिश्नर ने चर्चा की। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी कम हो रही है। इसके कारण वह नजर में आए। डॉ राकेश सोनी का स्पेशल तौर पर नाम भी पूछा। उनसे समस्याएं भी सुनी। डॉ राकेश सोनी की बातें सुनने के बाद उनकी जरूरतें और समस्याओं को डायरी में लिखकर कमिश्नर लौट गए।