कंपनी नतमस्तक, मानी सारी मांग तब आउटसोर्स कर्मियों ने खत्म की हड़ताल

आउटसोर्स कर्मचारी की हड़ताल से संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी में हाहाकार मच गया ।अस्पताल गंदगी से पट गए। स्वास्थ्य सेवाएं भी ठप पड़ गई। डायलिसिस के लिए मरीज परेशान हुए। आउटसोर्स कर्मचारी ने किसी भी तरह का काम करने से इनकार कर दिया था। 14 सूत्री मांगों पर कर्मचारी अड़े हुए थे। जब तक कंपनी ने लिखित आश्वासन नहीं दिया तब तक वह काम पर नहीं लौटे। कर्मचारियों ने अस्पताल का कचरा गेट के सामने एकत्र कर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की मांगे पूरी होने के बाद ही वह काम पर लौटे। तब जाकर लोगों को राहत मिली।

कंपनी नतमस्तक, मानी सारी मांग तब आउटसोर्स कर्मियों ने खत्म की हड़ताल
कचरा की पालिथिन रख कर प्रदर्शन करते आउटसोर्स कर्मचारी

रीवा।ज्ञात हो कि 14 सूत्रीय मांगों को लेकर संजय गांधी अस्पताल के आउट सोर्स कर्मचारी रविवार की सुबह से हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल जाने से अस्पताल की व्यवस्थाएं बेपटरी हो गई। साफ सफाई व्यवस्था ठप पड़ गई। सोमवार को भी काम पर कर्मचारी नहीं लौटे। इसके कारण परेशानियां और बढ़ गई। रविवार को हालात कुछ ठीक थे लेकिन सोमवार को इसका व्यापक असर दिखने लगा। आउट सोर्स कर्मचारियों के भरोसे ही वार्डों और विभागों की व्यवस्थाएं चल रही हैं। अधिकांश जांच भी आउटसोर्स कर्मचारी ही कर रहे हैं। ऐसे में सोमवार को हल्ला मंच गया। सबसे ज्यादा परेशान सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग में देखने को मिली। यहां मरीज सुबह से आकर डायलिसिस का इंतजार करते रहे। डॉक्टरों ने डायलिसिस करने से ही हाथ खड़े कर दिए थे। आउट सोर्स कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से डायलिसिस करने वाला कोई नहीं था। मरीज परेशान थे। इसके अलावा अन्य विभागों में भी यही हाल रहा। मरीज मरने की कगार पर पहुंच गए। परेशानियां बढ़ते ही कंपनी के मैनेजर को आउट सोर्स कर्मचारियेां के सामने नतमस्तक होना पड़ा। उनकी सभी मांगें मान ली गई। लिखित में आश्वासन देना पड़ा। इसके बाद ही सफाई कर्मचारी और वार्ड ब्वाय काम पर वापस लौटे। सोमवार को हड़ताल खत्म होने के बाद ही स्थितियां अब सामान्य हुई हैं। लोगों को इलाज मिलना शुरू हो पाया।