मानसिक तनाव में चल रहा था आरक्षक इसलिए फंदे पर लटक गया, परिजनों ने उतारा पहुंचाया अस्पताल

बम निरोधक दस्ता वाहन के चालक ने घर पर आत्महत्या करने की कोशिश की। कमरे में पहुंच कर फंदे पर लटक गया। घर के सदस्यों ने देखा तो उसे नीचे उतारा। गंभीर हालत में आरक्षक को अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में इलाज जारी है। घटना की जानकारी लगने के बाद एसपी विवेक सिंह और पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों से मुलाकात कर आरक्षक की स्थिति की जानकारी ली।

मानसिक तनाव में चल रहा था आरक्षक इसलिए फंदे पर लटक गया, परिजनों ने उतारा पहुंचाया अस्पताल

फिलहाल संजय गांधी अस्पताल में चल रहा इलाज
रीवा। पुलिस लाइन में पदस्थ पुलिसकर्मी ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास में फांसी के फंदे में झूलकर सुसाइड का प्रयास किया। चर्चा है कि पुलिस कर्मी की पत्नी बीमार रहती है, साथ ही वह चालक पद पर पदस्थ है जिससे कई बार काम के दबाव के चलते वह अपने परिवार का ध्यान ठीक से नहीं रख पा रहा था। मानसिक तनाव के चलते  उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। बताया जाता है कि घटना से पहले पुलिसकर्मी ने अपने बच्चों को प्यार और दुलार किया और उसके बाद फंदे में झूल गया।  घटना के दौरान घर में ही मौजूद पत्नी ने पति को फंदे में लटकता देख उसकी रस्सी काटी और आस पड़ोस की मदद से अस्पताल पहुंचाया, जहां पुलिस कर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह सहित साथी पुलिसकर्मी भी अस्पताल पहुंचे, जिन्होंने पूरी घटना की जानकारी व पुलिस कर्मी के स्वास्थ्य की जानकारी ली।  घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस लाइन कॉलोनी में रहने वाले पुलिसकर्मी उदित सिंह, जो बम स्क्वाड में चालक की पद पर पदस्थ है, मंगलवार की सुबह अपने शासकीय आवास में फांसी के फंदे में झूल कर अपनी जीवन लीला समाप्त करने का प्रयास किया गया। गनीमत रही की इसी बीच उनकी पत्नी अचानक कमरे में पहुंची और पति को फांसी के फंदे में लटकता देख तत्काल फंदे को काटकर उन्हें नीचे उतरा। फिलहाल घटना के पीछे की वजह क्या है अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिसकर्मी का उपचार जारी है और वह जिंदगी है और मौत के बीच में संघर्ष कर रहा है।
वाहन चालकों की कमी से बढ़ी समस्या
पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि रीवा और मऊगंज जिले में करीब 90 पुलिस वाहन चालकों के पद है, जिसमें पचास फीसदी से अधिक पद रिक्त है, कई चालक उम्र दराज हो चुके है, जिससे वो वाहन नहीं चला सकते, इसके आलवा कई चालकों का स्थानांतरण भी हो गया है, जिससे कई बार चालकों पर काम का दबाव अत्यधिक होने के कारण उन्हे परेशान देखा जाता है।