एसजीएमएच के साइकिल स्टैण्ड का ठेका 8 महीने पहले हो गया था खत्म, फिर भी मिली भगत से चल रहा

संजय गांधी अस्पताल, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का साइकिल स्टैण्ड का ठेका अवधि खत्म हो चुकी है। 8 महीनों से सिर्फ एक्सटेंशन पर चल रहा है। कॉलेज प्रबंधन की मिली भगत के कारण मरीज और परिजन लुट रहे हैं। खुलेआम दोगुना राशि वसूली जाती है। रात में मरीजों के परिजनों से मनमानी राशि ली जाती है। कमिश्नर ने तीन महीने में टेंडर करने के निर्देश दिए थे, अब तक नहीं हुआ।

एसजीएमएच के साइकिल स्टैण्ड का ठेका 8 महीने पहले हो गया था खत्म, फिर भी मिली भगत से चल रहा
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मरीज और परिजनों से कर रहा ठेकेदार मनमानी वसूली
रात में घंटे भर का 40 रुपए तक वसूलते हैं
रीवा।संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय गांधी स्मारक चिकित्सालय एवं सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए वाहन स्टैण्ड ठेके की अवधि 18 फरवरी 2023 को समाप्त हो चुकी है। ठेके की वार्षिक राशि 60 लाख 18 हजार रुपए निर्धारित है। ठेका अवधि खत्म होने के बाद कार्यकारिणी की बैठक में सिर्फ 6 महीने के लिए इसे एक्सटेंशन दिया गया था। कमिश्नर ने कॉलेज प्रबंधन को 6 महीने में ही दोबारा टेंडर निकालने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी कॉलेज प्रबंधन ने ठेकेदार के लिए काम किया। टेंडर नहीं निकाला। इसके बाद फिर कार्यकारणी की बैठक में मुद्दा रखा गया। कमिश्नर ने तीन महीने में सारी प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। ठेका बदलने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई लेकिन अब तक कॉलेज प्रबंधन ने कोई एक्शन नहीं लिया। इस लेटलतीफी का अब साइड इफेक्ट दिखने लगा है। ठेकेदार और उसके कर्मचारी मनमानी वसूली पर उतर आए हैं। मरीज और उनके परिजन इस मनमानी वसूली से परेशान हैं। इस पूरी अवैध वसूली में कॉलेज प्रबंधन और प्रभारी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
रात में 40 रुपए तक वसूलते हैं
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में साइकिल स्टैण्ड का ठेका वारिस चन्द्र त्रिपाठी को दिया गया है। संजय गांधी अस्पताल, गांधी स्मृति चिकित्सालय और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इन्हीं का ठेका संचालित हो रहा है। ठेकेदार मरीज और उनके परिजनों से अब नियम विरुद्ध वसूली करने पर उतारू हो गया है। रात में साइकिल स्टैण्ड के ठेकेदार मारपीट तक पर उतारू हो जाते हैं। यहां कई मर्तबा विवाद भी हो चुका है। यहां आने वाले मरीजों और परिजनों से एक घंटे के 40 रुपए तक मांगे जाते हैं। इसका विरोध करने पर मारपीट की जाती है। दिन में भी इसी तरह का रवैया अपनाया जाता है। एक घंटे के 20 रुपए मांगे जाते हैं। कर्मचारियों की मनमानी से लोग परेशान हैं।
जानबूझ कर नहीं बदल रहे हैं ठेका
संजय गांधी अस्पताल में ठेकेदार से कॉलेज के अधिकारी अनैतिक लाभ लेते हैं। कई काम भी ठेकेदार से करा लिए हैं। इसके कारण अब ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए कॉलेज प्रबंधन काम कर रहा है। ठेके की अवधि खत्म होने के बाद भी टेंडर नहीं बुलाया जा रहा है। अधिकारियों की सह पर ही ठेकेदार मनमानी कर रहा है। शिकायत पर इनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई तक नहीं हो रही है।