दो दिन से चल रही अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग अब तक खत्म नहीं हुई, तीसरे दिन भी चलेगी
सहायक और प्राथमिक अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग दो दिन बाद भी पूरी नहीं हुई। पहले दिन सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग हुई। इसके बाद गुरुवार को प्राथमिक शिक्षकों को बुलाया गया। 10 बजे से काउंसलिंग शुरू होनी थी लेकिन 12 बजे से शुरुआत की गई। देरी से शुरू हुई काउंसलिंग के कारण सिर्फ विज्ञान संकाय के अतिशेष शिक्षकों की ही काउंसलिंग पूरी हुई। अब कला संकाय के शिक्षकों को फिर से बुलाया गया है।
गुरुवार को विज्ञान संकाय के सहायक शिक्षकों की हुई काउंसलिंग
दो घंटे देर से शुरू हुई, देर शाम तक चली आज कला संकाय का होगा
रीवा। ज्ञात हो कि सरकारी स्कूलों में अतिशेष सहायक और प्राथमिक शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। रीवा में करीब 600 अतिशेष शिक्षक है। इन शिक्षकों को शिक्षक विहीन स्कूलों में पदस्थ किया जा रहा है। दो दिनों से मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 1 में सहायक और प्राथमिक शिक्षकों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जा रहा है। शिक्षक दो दिन से रीवा के चक्कर काट रहे हैं। दूर-दूर से इस युक्तियुक्तकरण के कारण परेशानी का दंश झेल रहे हैं लेकिन काउंसलिंग की प्रक्रिया दो दिनों बाद भी पूरी नहीं हुई। पहले दिन 4 घंटे देरी से काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हुई और सिर्फ सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग पूरी हो गई। गुरुवार को प्राथमिक शिक्षकों को फिर बुलाया गया। सभी संकाय के शिक्षक सुबह से ही मार्तण्ड स्कूल पहुंच गए। इसमें भी दो घंटे देरी से काउंसलिंग शुरू हुई। पहले आनलाइन भोपाल से आयुक्त लोक शिक्षण ने मीटिंग ली। दिशा निर्देश दिए। इसके बाद प्रक्रिया शुरू हुई। गुरुवार की कार्रवाई शुरू करने के पहले विज्ञान संकाय के शिक्षकों से अभ्यावेदन लिए गए। अभ्यावेदन का निराकरण किया गया। इसके बाद ही फिर काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की गई। विज्ञान संकाय के काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी करने में ही देर रात हो गई। इसके कारण कला संकाय के शिक्षकों को नंबर ही नहीं आया। अब करीब 180 शिक्षकों को तीसरे दिन फिर से बुलाया जाएगा। सुबह 10 बजे से इनकी काउंसलिंग का समय निर्धारित किया गया है।
आनलाइन चल रही है काउंसङ्क्षलग
मार्तण्ड स्कूल क्रमांक एक में करीब 7 टेबिल एक साथ लगाई गई हैं। यहां एक साथ कई शिक्षकों की काउंसलिंग आनलाइन चलती है। पहले दिन सहायक शिक्षकों ने आसपास की स्कूलें चयनित कर ली थी। इसके कारण कई स्कूलों में पद ही नहीं बचा। अब शहर से दूर स्कूलों में ही पद दिख रहे थे। ऐसे में शिक्षक एक साथ 8 से 10 आप्शन भर कर पहुंच रहे थे। स्कूलों में चयन में कई शिक्षक पास ही स्कूलें फीड कराने में ले कर दिए। जिससे किसी और ने उन स्कूलों को चयनित कर लिया। इसी तरह कई शिक्षकों के साथ यही परेशानियां हुईं। स्कूल चयन के बाद रिक्त पद आनलाइन ही लॉक भी होती जा रही थीं।
जेडी, उप संचालक, सहायक संचालक बने आब्जर्वर
संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों को अलग अलग जिलों में आब्जर्वर बनाया गया है। रीवा मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 1 में जेडी एसके त्रिपाठी आब्जर्वर के रूप में मौजूद रहे। इसी तरह सतना के केपी तिवारी और सीधी में टीपी सिंह को आब्जर्वर बनाकर भेजा गया था। इसी तरह सिंगरौली में भी श्री गुप्ता को तैनात किया गया है। इनकी निगरानी में ही काउंसलिंग की जा रही है। गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी नहीं थे। कोर्ट के काम से जबलपुर में थे। ऐसे में सहायक संचालक राजेश मिश्रा ही सारी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
स्कूलों में पठन पाठन व्यवस्था ठप
बोर्ड परीक्षा में सरकारी स्कूलों के परिणाम बिगड़ ही गए थे। इस बार भी बिगडऩा तय है। स्कूलों में कोर्स पूरा नहीं हुआ है। अब अर्धवार्षिक परीक्षा भी नजदीक आ रही है। बोर्ड परीक्षाएं इस मर्तबा जल्दी होंगी। इस युक्तियुक्तकरण के कारण पूरे स्कूल परिसर में पठन पाठक व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। सभी शिक्षक टेंशन में है। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में तो सभी शिक्षक पढ़ाना छोड़कर अपने नंबर का इंतजार कर रहे हैं। रीवा काउंसलिंग की दौड़ लगा रहे हैं। इसके अलावा अन्य वर्गों के शिक्षक भी टेंशन में है।
अभ्यावदेन मान्य होने पर आनलाइन हो रहा सुधार
अतिशेष शिक्षकों की लिस्ट जारी कर दी गई है। लिस्ट में जिनके नामों को अतिशेष रखा गया है। उनके आवेदन स्वीकार करने के बाद पहले लिस्ट में सुधार किया जाता है। इसके बाद जो भी शिक्षक अतिशेष आते हैं। उन तक काउंसलिंग में शामिल होने की जानकारी पहुंचाई जाती है। सब कुछ आनलाइन ही चल रहा है।
डिप्टी सीएम से हस्तक्षेप की मांग
अध्यापक शिक्षक संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता डॉ सुनील तिवारी का कहना है कि काउंसलिंग में अव्यवस्था तथा आराजकता का महौल है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने , शिक्षक खुद आनलाइन विकल्प भर सकें ऐसी व्यवस्था किए जाने की मांग की गई है। इस मामले में डिप्टी सीएम से हस्तक्षेप किए जाने की मांग की गई है। वहीं सहायक संचालक राजेश मिश्रा का कहना है कि काउंसलिंग आनलाइन और पारदर्शी तरीके से कराई जा रही है। इसमें कहीं भी कोई गड़बड़ी नहंी की गई है।