राहत भरे दिन खत्म, आज से बढ़ी हुई कीमतों में होंगी जमीनों की रजिस्ट्री, लेकिन एक और पेच फंसा

पुरानी दरों पर जमीन की रजिस्ट्री अब नहीं होगी। चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बाद नई गाइड लाइन जारी कर दी गई है। 4 मार्च से नई दरों के साथ ही जमीनों की रजिस्ट्रियां होंगी। हालांकि रजिस्ट्री में कुछ दिन और पेच फंसा रहेगा। वेबआईजीएस में अपडेशन चल रहा है। इसके कारण खसरा की नकल ही नहीं निकल रही। बिना खसरा जमीनों की रजिस्ट्रियां भी मुश्किल हैं।

राहत भरे दिन खत्म, आज से बढ़ी हुई कीमतों में होंगी जमीनों की रजिस्ट्री, लेकिन एक और पेच फंसा
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रीवा और मऊगंज में कई जगहो की जमीनें हुई महंगी
अब बढ़ी हुई कीमतों पर होंगी जमीनों की रजिस्ट्री
रीवा। ज्ञात हो कि पंजीयन विभाग ने रीवा और मऊगंज जिला में कई जगहों पर जमीनों के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव भोपाल भेजा था। इन्हें स्वीकृति मिल गई थी। स्वीकृति के बाद नई गाइड लाइन 1 अप्रैल से लागू की जानी थी। इसमें चुनाव आयेाग की अनुमति का अड़ंगा लग गया था। इसके कारण मामला होल्ड हो गया था। अब अनुमति मिलते ही नई गाइड लाइन आनलाइन फीड कर दी गई है। गुरुवार से नई गाइड लाइन के हिसाब से ही बढ़ी हुई दरों पर जमीनों की रजिस्ट्रियां की जाएंगी। बुधवार को नई गाइड लाइन फीडिंग के कारण सर्वर पूरी तरह से ठप रहा। वेंडरों को काम करने का मौका नहीं मिला। इसके कारण रजिस्ट्रियां नहीं हो पाई। अब 4 मार्च से दोबारा काम पटरी पर लौटेगा।
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इसलिए बंद कर दिया गया सर्वर
पंजीयक विभाग ने भोपाल से ही वेंडरों के सर्वर को बंद कर दिया। सिर्फ आफीसियल साइट चालू रही। वेंडर पुराने दर पर रजिस्ट्रियां न लिख दें इसलिए उनकी साइट को बंद कर दिया गया था। अब गुरुवार से इनकी साइट दोबारा ओपन होंगी। वहीं आफिस की साइट चल रही थी। आफीसियल काम जारी रहा।
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एक और मामला फंस गया
भले ही पंजीयन विभाग की सम्पदा वेबसाइट में नई गाइड लाइन अपलोड कर दी गई हो लेकिन रजिस्ट्रियां 5 तारीख तक मुश्किल ही हैं। इसके पीछे वजह वेबआईजीएस है। वेबआईजीएस को अपडेट किया जा रहा है। इसके कारण आनलाइन जमीन का खसरा और ऋण पुस्तिका ही प्रिंट नहीं हो पा रही है। खसरा नहीं निकलने के कारण भी रजिस्ट्रियां प्रभावित होंगी। जिनके पास पहले से ही ऋण पुस्तिका और खसरा की नकल होगी सिर्फ उन्हीं का रजिस्ट्रियां हो पाएंगी।
कहां कितने फीसदी बढ़ाई गई कीमतें
शहरी क्षेत्र
प्रतिशत        लोकेशन
5-20 फीसदी    99
21-50 फीसदी    94
51- 75 फीसदी    01
76- 100 फीसदी    04
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ग्रामीण क्षेत्र में
प्रतिशत        लोकेशन
5-20 फीसदी    407
21-50 फीसदी    417
51- 75 फीसदी    01
76- 100 फीसदी    01
100 फीसदी    03