संजय गांधी अस्पताल के दंत रोग विभाग के डॉक्टरों ने रचा नया कीर्तिमान, सर्जरी में कर दिया बड़ा कमाल
संजय गांधी अस्पताल के दंत रोग विभाग ने नया कीर्तिमान रच दिया है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पहला ऐसा अस्पताल बन गया है जहां पहली मर्तबा टीएमजे ज्वाइंट का रिप्लेस्मेंट किय गया। इस आपरेशन के बाद रीवा के लोगों को अब ऐसी सर्जरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
30 साल के युवक का दांत से फैल गया था इन्फेक्शन, ट्यूमर से जबड़ा हो गया था खराब
सर्जरी कर जबड़ा को रिप्लेस किया गया, अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य
रीवा। संजय गांधी अस्पताल के दंत रोग विभाग की एचओडी डॉ गीता त्रिपाठी और मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ सुनील कुमार अग्रवाल ने पत्रवार्ता आयोजित कर बताया कि एसजीएमएच नित नई ऊंचाईयां छू रहा है। कम संसाधन में भी बेहतर सुविधा मरीजों को उपलब्ध करा रहा है। 30 साल का एक युवक डेढ़ महीने पहले जबड़े में सूजन की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचा था। जांच कराने पर पता चला कि उसे अमीलोबलासटोमा ट्यूमर है। इस ट्यमर के कारण मरीज का आधा जबड़ा खराब हो चुका था। मरीज का जबड़ा रिप्लेसमेंट ही एक मात्र रास्ता था। इसकी प्रक्रिया डॉक्टरों ने शुरू की। मरीज का टीएमजे ज्वाइंट समेत जबड़ा निकालना पड़ा। मरीज की उम्र कम थी। इसे देखते हुए नागपुर से नकली जबड़ा नाप देकर पहले बनवाया गया। नागपुर से नकली जबड़ा आने पर डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी की और टीएमजे ज्वाइंट को रिप्लेस किया गया। सर्जरी काफी जटिल थी। कई घंटे आपरेशन में लगे। पूरा आपरेशन मुंह के अंदर से हुआ। इसके कारण बाहर से ज्यादा चेहरे पर चीडफ़ाड़ नहीं किया गया। एक कट कान के पास लगाया गया। जिससे चेहरे पर कटे का निशान नजर नहीं आता। टीएमजे बदल कर दंत रोग विभाग ने प्रदेश में नया कीर्तिमान भी रच दिया है। डॉ गीता त्रिपाठी ने बतायाकि ऐसी सर्जरी संजय गांधी अस्पताल में पहली बार हुई है। इस आपरेशन में दंत रोग विभाग से डॉ करुणा जिंदवानी, डॉ संतोष मिश्रा, डॉ तोसीफ खान, डॉ ज्योति अवधिया, डॉ आकांक्षा ङ्क्षसह शामिल रहे। निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष तथा चिकित्सकों का भी इसमें अहम योगदान रहा। उन्होंने बताया कि इस तरह की सर्जरी के लिए मरीजों को पहले दिल्ली, मुम्बई आदि बड़े शहर जाना पड़ता था लेकिन अब यहां भी यह सुविधा मिल सकेगी। इस जटिल आपरेशन की सफलता में डीन डॉ सुनील अग्रवाल, अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा को भी काफी योगदान रहा। उन्होंने बताया कि अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य है। अब वह आसानी से भोजन आदि कर सकता है। वहीं डीन ने बताया कि दंग रोग विभाग में संसाधन कम है फिर भी यहां पदस्थ डॉक्टर बेहतर सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध करा रहे हैं। कई मशीनें जल्द ही यहां पर इंस्टाल की जाएंगी। जिससे सुविधाओं में इजाफा भी होगा।