आनलाइन ठग के झांसे में आया परिवार और गवां दिए 11 लाख

बेटे को मेडिकल कॉलेज में पढ़ता देखना हर मां बाप का सपना है। इसी सपने को पूरा करने के चक्कर में रीवा का एक परिवार आनलाइन ठग के झांसे में फंस गया। 11 लाख गवां दिए। नोएडा में बैठकर किर्गिस्तान मेडिकल कॉलेज में प्रवेश देने का जालसाजों ने झांसा दिया। परिवार समझ नहीं पाया। खाते में राशि भी ट्रांसफर कर दी। अब मामले की शिकायत थाना में दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

आनलाइन ठग के झांसे में आया परिवार और गवां दिए 11 लाख
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मेडिकल कॉलेज में प्रवेश करवाने का झांसा दिया

रीवा। घटना के संबंध में चिरहुला कॉलोनी निवासी अखिलेश पटेल ने बताया कि उनके भांजे अंश पटेल का किर्गिजस्तान मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर बहन से ठगी की गई है। दावा है कि उनकी बहन किरण पटेल से आरोपी विनीत जोशी निवासी नोएडा दिल्ली ने संपर्क किया था और बेटे का मेडिकल कॉलेज में प्रवेश करवाने का झांसा दिया । आरोपी ने महिला को 11 लाख रुपए देने की बात कही थी जिसके एवज में वह कॉलेज में एडमिशन करवाएगा। उसकी बातों में आकर उन्होंने आरोपी के खाते में 11 लाख रुपए जून माह में बताए गए खाते में डाल दिए। रुपए डालने के बाद आरोपी ने जल्द प्रवेश करवाने की बात कही। इसके बाद फोन उठाना बंद कर दिया। ठगी की जानकारी होने पर उन्होंने समान थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने फरियादी की शिकायत पर मामले की जांच सायबर सेल की मदद से शुरू कर दी है।
जालसाजों से दूर रहें
नीट यूजी और पीजी की परीक्षाएं हाल ही में हुई हैं। इसी परीक्षा का सहारा लेकर छात्रों के अभिभावकों को ठग टारगेट कर रहे हैं। कम अंक आने वाले छात्रों को अच्छे कॉलेज में प्रवेश देने का प्रलोभन देकर ठगी कर रहे हैं। अभिभावक ऐसे ठगों से सावधान रहे। आनलाइन कहीं भी रुपए स्थानांतरित न करें। कोई भी संस्थान फोन पर प्रवेश देने और रुपए मांगने का काम नहीं करता। भारी भरकम राशि देने के पहले संबंधित व्यक्ति से मिलने की कोशिश करें। नीट परीक्षा की काउंसलिंग अभी जारी है। संभव है कि छात्रों को प्रवेश का मौका मिल जाए।
कई गवां चुके हैं लाखों रुपए फिर भी यह हाल
रीवा में अब तक कई ऐसे पढ़े लिखे लोग हैं, जो आनलाइन ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसके बाद भी लोग आसानी से इनके झांसे में आ जाते हैं। परिवार के सदस्यों व आसपास के लोगों पर भरोसा नहीं करते लेकिन फोन पर बात करने वालों के चक्कर में फंस जाते हैं। रिश्तेदारों को एक रुपए नहीं देते, लेकिन जालसाजों को लाखों रुपए तुरंत अदा कर देते हैं। इनके झांसे में पुलिस से लेकर शिक्षक, प्राचार्य और डॉक्टर तक फंस चुके हैं।