रीवा के इस जंगल में ऐसी भड़की आग कि लाखों का बांस जलकर हो गया खाक, 50 हेक्टेयर हुआ प्रभावित

रीवा में आग ने जंगलों को नष्ट कर दिया है। रीवा वन क्षेत्र अंतर्गत तमरादेश की पहाड़ी में लगा बांस का जंगल बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। 24 घंटे के बाद आग पर काबू पाया गया। करीब 50 एकड़ में लगा बांस का जंगल जलकर जलकर राख हो गया है।

रीवा के इस जंगल में ऐसी भड़की आग कि लाखों का बांस जलकर हो गया खाक, 50 हेक्टेयर हुआ प्रभावित

तमरा पहाड़ से दुआरी तक लगी बांस के जंगल में आग
गुरुवार की दोपहर लगी थी 6 प्वाइंट में आग, सुबह बुझा पाए
रीवा के जंगलों में तेजी से आग भड़क रही है। वन क्षेत्रों और वन्यजीवों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। संसाधन के अभाव में आग पर काबू पाने में घंटो लग रहे हैं। गुरुवार को गुढ़ क्षेत्र अंतर्गत तमरा पहाड़ में बांस के जंगल भी धधक पड़े। दोपहर में यहां करीब 6 प्वाइंट में आग लगी। आग ऐसी भड़की के दुआरी से तमरा तक का जंगल धधक उठा। यहां वन विभाग ने बांस के पौधे लगाए हैं। यहां बांस का घना जंगल है। इस आग पर समय पर काबू नहीं पाया जा सका। इसके कारण गुरुवार की दोपहर लगी आग ने करीब 50 एकड़ में लगे बांस के भीरों को काफी नुकसान पहुंचाया है। दोपहर में लगी आग शुक्रवार की सुबह तक धधकती रही। दोपहर में वन अमला मौके पर नहीं पहुंचा। जब पहुंचा तब तक काफी देर हो चुकी थी। बांस के जंगल जल चुके थे। लाखों रुपए का वन विभाग को नुकसान उठाना पड़ा है।


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्रबासं के जंगल को सवारने करीब 5 लाख खर्च किए गए थे
हद तो यह है कि हाल ही में जनवरी फरवरी में वन विभाग के डीएफओ ने तमरादेश के पहाड़ में बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम भी आयोजित किया था। यहां पर ट्रेनिंग आदि भी दी गई थी। इसके अलाव बांस के भीरों को साफ कराने के लिए अभियान चलाया गया था। सुव्यवस्थित करने में करीब 5 लाख रुपए तक की राशि भी खर्च की गई थी। यह सब जल कर राख हो गय है।
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देवास की कंपनी को बेचे गए थे बांस
बांस का यह जंगल रीवा वन विभाग के लिए दुधारू गाय जैसी थी। यहां के बांस इंकम भी दे रहे थे। तमरादेश और दुआरी के जंगलों में लगे बांस को हाल ही में देवास के व्यापारियों को बेचा गया था। करीब 3 लाख रुपए से अधिक के बांस बेचे गए थे। इस जंगल से वन विभाग को काफी उम्मीदें थी लेकिन वह सब जलकर राख हो गई। यहां पर पहाड़ी क्षेत्र में ही बांस के जंगल लगे हुए हैं। सीधी चुरहट के मोहनिया के जंगलों में भी बांस भीर हैं।
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करीब 50 हेक्टेयर जंगल प्रभावित होने का अनुमान
तमरादेश के जंगल में 6 प्वाइंट पर आग लगी। तेज हवाओं के कारण यह तेजी से बढ़ती गई। इसके कारण करीब 50 हेक्टेयर में आग के फैलने का अनुमान लगाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो यहां काफी बड़ी क्षति हुई है। खेतों में लगी आग चंद घंटे में ही जब कई एकड़ खेत प्रभावित कर देती है तो यह जंगल है। यहां सूखी पत्तियों और टहनियों में आग तेजी से फैलती है। करीब 18 घंटे तक आग लगी रही। ऐसे में चंद एकड़ तक आग को रोकना वन विभाग के बस की बात नहीं है। वन विभाग प्रभावित वन क्षेत्रों के क्षेत्र को कम कर प्रस्तत करने में लगा है। ्र
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