रीवा के नए डीएफओ बन कर आ सकते हैं चिडिय़ाघर के पूर्व संचालक, अटकलें तेज आते ही यह होना है काम
वन मंडल रीवा में डीएफओ की कुर्सी खाली चल रही है। जल्द ही यहां पर नई पदस्थापना संभव है। वन विभाग में डीएफओ के रूप में मुकुंदपुर चिडिय़ाघर के पूर्व डायरेक्टर की पदस्थापना की चर्चाएं जोरों पर है। रीवा वन विभाग की कमान पूर्व डायरेक्टर सम्हाल सकते हैं।
डीएफओ और एसडीओ के दोनों पद हैं रिक्त
रीवा। ज्ञात हो कि रीवा गोविंदगढ़ में बाघ मेटिंग सेंटर की स्थापना की जानी है। इसकी घोषणा भी कर दी गई है। इसी को देखते हुए मुकुुंदपुर चिडिय़ाघर में डायरेक्टर के पद पर काम कर चुके संजय रायखेरे पहली पसंद बने हुए हैं। मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर में डायरेक्टर के रूप में संजय रायखेरे लंबे समय तक पदस्थ रहे। उनके समय में चिडिय़ाघर में कई बाघ रीवा लाए गए। उन्हें बाघों के बारे में अच्छी खासी जानकारी भी है। मुकुंदपुर से उनका स्थानांतरण भी कान्हा हो गया था। अब उन्हें फिर से रीवा लाने की तैयारी चल रही है। डीएफओ के रूप में पदस्थ रहे आईएफएस अधिकारी अनुपम शर्मा का रीवा से स्थानांतरण हो चुका है। उनके यहां से जाने के बाद कई दिनों से डीएफओ की कुर्सी खाली चल रही है। इसके अलावा एसडीओ भी रीवा में कोई नहीं है। डीएफओ और एसडीओ के पदस्थापना की लिस्ट भोपाल स्तर पर रुकी हुई है। अधिकारियों के पदस्थापना को लेकर मंथन चल रहा है। रीवा डीएफओ की कुर्सी के लिए संजय रायखेरे का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। ऐसे में विभाग के सूत्रों की मानें तो संजय रायखेरे डीएफओ के रूप में पहली पसंद बने हुए हैं। उनके यहां आने के बाद ही सफेद बाघों का मेटिंग सेंटर का काम शुरू हो जाएगा।
प्रभार में चल रहा है काम
वन मंडल कार्यालय में अभी सारे पद खाली चल रहे हैं। सतना डीएफओ के पास ही रीवा का भी प्रभार हैं। वहीं एसडीओ के रूप में मऊगंज से अधिकारी को पदस्थ किया गया है। मुख्य पदों पर अधिकारियों की पदस्थापना नहीं होने से भी योजनाओं को गति नहीं मिल पा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही नई पदस्थापना होने के बाद रुके हुए प्रोजेक्ट को भी गति मिलेगी।