डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस का मुद्दा विस में गूंजेगा, लिफ्ट में कितना ठेकदार को मिला गिफ्ट इसकी भी खुलेगी पोल
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस से सभी परेशान हैं। विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं। सख्ती के बाद भी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस अस्पताल के सुचारू संचालन में बाधक बन रही है। इस निजी प्रैक्टिस का मुद्दा अब विधानसभा में भी गूंजेगा। गुढ़ विधायक ने डिप्टी सीएम से सवाल पूछे हैं। इसके अलावा संजय गांधी अस्पताल की लिफ्ट, संचालन और कर्मचारियों की जानकारी भी मांग ली है। आए दिन लिफ्ट यहां मुद्दा बनी रहती है। विधानसभा में ही लिफ्ट के खेल का पटाक्षेप होगा।
गुढ़ विधानसभा अध्यक्ष ने लगाया सवाल, मांगा डिप्टी सीएम से जवाब
रीवा। गुढ़ विधायक ने विधानसभा में मेडिकल कॉलेज, संजय गांधी अस्पताल और डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस को लेकर सवाल लगाए हैं। अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1149 के तहत डिप्टी सीएम से ही सवाल पूछे हैं। गुढ़ विधायक इस मर्तबा विधानसभा में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। निजी प्रैक्टिस के कारण अस्पताल में डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचते हैं। इनके कारण मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता। संजय गांधी अस्पताल में अधीक्षक और डीन के कई बार निर्देशन के बाद भी व्यवस्थाएं नहीं सुधर रही हैं। डीएमई तक डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस को लेकर अल्टीमेटम दे चुके हैं। फिर भी सुधार नहीं हो रहा है। अब गुढ़ विधायक मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर सरकार से सवाल जवाब करेंगे। डिप्टी सीएम ने गुढ़ विधायक ने पूछा है कि क्या चिकित्सा शिक्षा विभाग अंतर्गत पदस्थ चिकित्सक का प्राइवेट प्रैक्टिस करने की अनुमति प्रदान की गई है। इसे संबंधि जानकारी मांगी है।
संजय गांधी अस्पताल की लिफ्ट पर दागे सवाल
गुढ़ विधायक ने संजय गांधी अस्पताल में लगी लिफ्ट की जानकारी भी विधानसभा प्रश्न में मांगी है। उन्होंने पूछा है कि श्यामशाह चिकित्सा मेडिकल कॉलेज रीवा अन्तर्गत संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय रीवा में कराये गये मरम्मत एवं रख-रखाव संबंधी कार्यों के किये गये भुगतान की जानकारी वर्ष 2016-18 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराई जाए। संजय गांधी चिकित्सालय रीवा में कुल कितनी लिफ्ट स्थापित हैं, कितनी कार्यशील हैं, परिचालन/संधारण किस फर्म/संस्था/व्यक्ति द्वारा कब से किया जा रहा है। इन सभी की जानकारी चाही है। इसके अलावा प्रश्न में पूछा गया है कि परिचालन/ संधारण करने वाले फर्म/संस्था/व्यक्ति द्वारा कब से किया जा रहा है, परिचालन/संधारण करने वाले फर्म/संस्था/व्यक्ति को प्रश्न दिनांक तक किये गये भुगतान से संबंधित दस्तावेजों की प्रति भी मांगी है। इसके अलावा लिफ्ट के निविदा की जानकारी भी चाही है।
विधानसभा में मामला उठने के बाद खुलेगी पोल
संजय गांधी अस्पताल में सिर्फ तीन ही लिफ्ट चालू हालत में रहती है। इनमें से कई लिफ्ट बीच बीच में बंद हो जाती है। लिफ्ट ठेके पर हैं। इन लिफ्टों को लेकर विधानसभा में मुद्दा उठेगा तब इसके भुगतान से स्थितियां स्पष्ट हो जाएंगी। कितनी लिफ्ट का ठेका हुआ है और कितनी चल रही हैं। यह भी विधानसभा में पहुंचने के बाद स्प्ष्ट हो जाएगा।