बायपास के लिए अधिग्रहित जमीन को भूमि स्वामियों ने बेच दिया, कईयों ने प्लाटिंग कर दी, अब सीमांकन में हो रहा खेल
चोरहटा से रतहरा बायपास चौड़ीकरण के मामले में भूमि अधिग्रहण का पेच फंस गया है। राजस्व टीम के सीमांकन से भूमि स्वामी नाखुश हैं। पूरे सीमांकन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। जिनकी भूमि 32 साल पहले अधिग्रहित की गई थी। उन्होंने जमीन से कब्जा नहीं छोड़ा। अधिग्रहित भूमि किसी और को बेच दी। प्लाटिंग तक हो गई। अब राजस्व टीम जिन जमीनों का अधिग्रहण नहीं हुआ था। वहां सीमांकन कर चिन्हांकन कर रही है। प्रभावित लोगों ने कलेक्टर, एसडीएम से शिकायत कर जांच कराने की मांग की है।
32 साल पहले अधिग्रहित की गई थी जमीन, चौड़ीकरण के लिए राजस्व टीम ने किया सीमांकन
जिनकी जमीनें नहीं फंसी थी, उनके भूमियों में खींच दी टीम ने लकीर
रीवा। ज्ञात हो कि रीवा में बायपास के निर्माण के लिए वर्ष 1992 में जमीनों का अधिग्रहण किया गया था। वर्ष 2007 में रीवा बायपास बन कर तैयार हुआ। इसके बाद अधिग्रहित जमीन का नामांतरण कराना एनएचएआई भूल गया। जमीन भूमि स्वामी के नाम से ही दर्ज रह गई। इसका फायदा भूमि स्वामियों ने उठाया और अंश भाग की आड़ में अधिग्रहित भूमि को भी बेच दिया गया। खरीददारों ने जमीन पर प्लाङ्क्षटग कर ली। बकायदा कालोनियां बसा दी गई हैं। अब बायपास का चौड़ीकरण किया जाना है। एनएचएआई को निर्माण एजेंसी बनाया गया है। करीब 350 करोड़ रुपए से चोरहटा से रतहरा तक बायपास को फोरलेन किया जाएगा। टेंडर भी फाइनल हो गया है। टेंडर होने के बाद राजस्व विभाग को जमीन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई। जिला प्रशासन ने आरआई और पटवारियों की टीम बनाकर सीमांकन के निर्देश दिए। राजस्व टीम ने सीमांकन शुरू किया तो अब विवाद की स्थिति खड़ी हो गई है। ग्रामीणों ने सीमांकन प्रक्रिया पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। कलेक्टर और एसडीएम से शिकायत दर्ज कराई है।
भूमि अधिग्रहण किसी और से, कब्जा किसी और का
चोरहटा से रहतरा बायपास मार्ग के लिए बरा कोठार में अधिग्रहित की गई वर्ष 1991-92 की स्थिति में आराजी नंबर 117 की भूमि भगवानदीन बगैरह के नाम दर्ज थी। 0.16 एकड़ में से 0.05 एकड़ उत्तर का अधिग्रहण किया गयाथा। वर्तमान में शिवम सिंह और अभय सिंह मुआवजा प्राप्त का कब्जा है। भूमि नंबर 120 भगवानदीन बगैरह के नाम से दर्ज थ्ी। 1.47 एकड़ भूमि में से 0.95 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी। इसमें रामकृपाल, करुण, मीरा सिंह, इन्द्रदेव, सिद्धार्थ, अभय सिंह शांति बेवा का कब्जा है। भूमि नंबर 121 रामकृपाल बगैरह के नाम 3.98 एकड़ में से 2.04 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था। इसमें उत्तर में धर्मेन्द्र, दिलीप, अनुज प्रताप सिंह, भुवनेश्वर बगैरह, सुरेश वगैरह, निशांत, सुधीर वगैरह का कब्जा है। इसी तरह 211 भूमि संख्या में 0.89 एकड़ में से 0.40 एकड़ का अधिग्रहण किया गया था। इसमें वर्तमान में 12 भूमिस्वामियों का कब्जा है। भूमि नंबर 219 बाबूलाल ब्रजमोहन के नाम से दर्ज थी। इसमें 0.87 एकड़ में से 0.44एकड़ अधिग्रहित की गई थी। वर्तमान में फूलेल सिंह वगैरह का कब्जा है।
ग्रामीणों ने लगाए गलत सीमांकन के आरोप
कलेक्टर, एसडीएम से इटौरा, बरा कोठार के लोगों ने शिकायत की है। शिकायत में कहा है कि चोरहटा से रतहरा बायपास के लिए जो भूमि अधिग्रहित की गई थी। उसका मुआवजा वितरण किया जा चुका है। ग्राम बरा कोठार के दोनों दिशाओं में उत्तर और दक्षिण दिशा में भूमि अधिग्रहित की गई थी। उत्तर दिशा में अधिकतर भूमि स्वामी ने जो शासन द्वारा अधिग्रहित भूमि सड़क के लिए थी उन भूमियों पर मुआवजा की राशि भी प्राप्त कर ली गई। वर्तमान में उन जमीनों पर भूमि स्वामी काबिज भी हैं। कुछ भूमियों पर प्लाटिंग भी की गई है। बरा कोठार 393 की अधिग्रहि भूमि जिनकी नाम राजस्व टीम ने 5 अक्टूबर 2024 में जो सीमांकन किया गया था, वह सही थी। इसके बाद 24 अक्टूबर2024 को जो सीमांकन किया गया उसमें गड़बड़ी की गई। उत्तर दिशा की ओर अधिग्रहित भूमि पर बेजा कब्जा करने वालों को छोड़ दिया गया। वहीं दक्षिण दिशा में जो भूमि अधिग्रहित नहीं थ्ी उन भूमियों को भी बायपास में अर्जन भूमि बता कर नाप कर दिया गया। इस मामले की जंच कराने की मांग की गई है। शिकायतकरने वालों में प्रमुख रूप से राम अनुग्रह पाण्डेय, संगीता मिश्रा, नरेन्द्र कुमार शर्मा, शकुन शर्मा, प्रतिमा, अकेश्वर प्रसाद, सुधा पाण्डेय, हेमंत मिश्रा शामिल हैं।
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बायपास के लिए जो जमीनें अधिग्रहित की गई थी। उनके सीमांकन में गड़बड़ी की गई है। कई भूमि स्वामियों ने अधिग्रहित भूमि को बेच दिया। अधिग्रहित भूमि पर प्लाटिंग कर दी गई है। वहीं जो जमीन अधिग्रहित नहीं की गई है। उस पर राजस्व टीम ने सीमांकन कर दिया है। इस मामले की प्रशासन जांच कराए और पीडि़तों को न्याय दिलाया जाए।
बीके माला
अधिवक्ता और समाजसेवी, रीवा