विद्युत विभाग के लाइनमैन को मिली थी अनुकंपा नियुक्ति और दो साल में ही कर दिया इतना बढ़ा फ्राड की पहुंच गया जेल
विद्युत विभाग में अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले एक लाइन परिचालक ने हनुमना में करीब 43 लाख की धोखाधड़ी की थी। एक सब स्टेशन में पदस्थ आपरेटर के माध्यम से नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से लाखों रुपए ऐंठ लिए थे। इसकी शिकायत पीडि़त ने मऊगंज थाना में अपराध पंजीबद्ध किया था। पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले लाइनमैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
लाइनमैन ने नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगे थे 43 लाख, पुलिस ने पकड़ कर भेजा जेल
रीवा। 14 जुलाई 24 को फरियादी जीतेन्द्र कुमार पटेल पिता मोतीलाल पटेल उम्र 34 वर्ष निवासी ग्राम चन्द्रमहुली थाना मऊगंज हाल प्रायवेट सेक्टर सब स्टेशन आपरेटर हनुमना ने न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय के आदेश पर थाना मऊगंज में अपराध क्रमांक 398/24 धारा 420,467,468,471,120 बी के तहत मामला पंजीबद्ध किया गय था। मामले में आरोपी सुशील शर्मा पिता स्व. बद्रीविशाल शर्मा उम्र 33 वर्ष निवासी पिपरा थाना चोरहटा हाल एमपीईबी लाइन परिचालक अमहिया जिला रीवा एवं नवी मोहम्मद निवासी रीवा के विरुध्द अपराध पंजीबध्द कर विवेचना की जा रही है। इसी दौरान विवेचना आरोपी सुशील शर्मा पिता स्व. बद्रीविशाल शर्मा उम्र 33 वर्ष निवासी पिपरा थाना चोरहटा हाल एमपीईबी लाइन परिचालक अमहिया जिला रीवा को मऊगंज पुलिस के अथक प्रयास से बुधवार को गिरफ्तार किया गया। न्यायालय पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पकड़े गए सुशील शर्मा पिता स्व. बद्रीविशाल शर्मा उम्र 33 वर्ष निवासी पिपरा थाना चोरहटा हाल एमपीईबी लाइन परिचालक अमहिया जिला रीवा एवं नवी मोहम्मद निवासी रीवा का रहने वाला है। इस कार्रवाई में निरीक्षक अनिल काकड़़े, उप निरी भैयामन सिंह, सउनि नारेन्द्र मिश्रा आर 126 विवेक यादव, आरक्षक 89 नीलेश सिंह, आर 62 जयप्रकाश तिवारी, म आर 115 सत्यम बागरी, मआर 40 काजल भुंजवा का विशेष योगदान रहा।
यह था मामला
सुशील शर्मा पिता स्वर्गीय बद्रीविशाल शर्मा उम्र 33 वर्ष निवासी पिपरा थना चोरहटा को लाइन परिचालक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। सुशील शर्मा ने हनुमना में पदस्थ रहते हुए रीवा के नवी मोहम्मद के साथ मिलकर कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी। कम्प्यूटर आपरेटर सब स्टेशन जीतेन्द्र कुमार पटेल के माध्यम से कई लोगों को विद्युत विभाग और नगर निगम में नौकरी दिलाने के नाम पर रुपए ठगे थे। करीब 43 लाख रुपए की ठगी की गई थी। इसी मामले में लाइन परिचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।