प्रदेश में सबसे अधिक एसजीएमएच में खप रही लिक्विड आक्सीजन, गडबड़ी की शिकायत पर आधी रात को मारी रेड
गुरुवार को अस्पताल अधीक्षक और डीन ने जीएमएच के पीछे से निरीक्षण शुरू किया। लिक्विड आक्सीजन प्लांट पहुंचे। टैंक और रजिस्टर में दर्ज रीडिंग का मिलान किए। रीडिंग स्क्रीन में अंतर मिलने पर कर्मचारियों पर जमकर भड़कें। ठेका कंपनी पर जुर्माना लगाने के भी निर्देश् दिए। लेबर ओटी में आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला। दोनों अधिकारी प्लांट पहुंच कर कर्मचारी को कड़ी फटकार लगाई और तुरंत सिलेंडर ओटी पहुंचवाए।
आक्सीजन का रजिस्टर से किया मिलान, गड़बड़ी पर लगाई फटकार
वार्ड और शौचालय में मिली गंदगी, कंपनी पर जुर्माना लगाने के निर्देश
रीवा। ज्ञात हो कि अस्पताल में इलाज को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। रात में ज्यादा अव्यवस्थाएं हावी रहती है। यही वजह है कि अधीक्षक और डीन लगातार अस्पताल का निरीक्षण कर रहे हैं। गुरुवार की रात को भी अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा और डीन डॉ सुनील अग्रवाल औचक निरीक्षण पर पहुंचे। लिक्विड आक्सीजन प्लांट की शिकायतें लगातार पहुंच रही थी। इसलिए गुरुवार को निरीक्षण की शुरुआत लिक्विड आक्सीजन प्लांट से की गई। आक्सीजन प्लांट पहुंच कर रजिस्टर और आक्सीजन प्लांट में भरी गैस का मिलान किया गया। रजिस्टर और प्लांट में भरी आक्सीजन में अंतर मिलने पर कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई। मप्र में रीवा का संजय गांधी अस्पताल ऐसा है जहां सबसे अधिक लिक्विड आक्सीजन खप रही है। करोड़ों रुपए आक्सीजन के नाम पर खर्च किया जा रहा है। शिकायतें मिलने पर अधिकारियों के कान खड़े हो गए। उन्होंने मौके पर पहुंच कर मुआयना किया। लापरवाही मिलने पर ठेकेदार को तलब करने के साथ ही जुर्माना के निर्देश दिए।
इसके बाद अधिकारियों ने लेबर वार्ड पहुंचे। यहां पीजी डॉक्टरों से मुलाकात की। यहां पता चला कि आक्सीजन सिलेंडर ही नहीं है। इस पर अधिकारी आगबबूला हो गए और सीधे आक्सीजन सिलेंडर कक्ष पहुंच गए। जहां कर्मचारी दरवाजा बंद कर सो रहा था। कर्मचारी को उठाने के बाद सीधे लेबर रूम में सिलेंडर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। इसके बाद ही लेबर रूम में सिलेंडर पहुंच पाया। इसके अलावा अधिकारियों ने जीएमएच में गंदगी को लेकर भी सफाई सुपर वाइजर को कड़ी फटकार लगाई।
महिला सुरक्षाकर्मियों ने की शौचालय की शिकायत
निरीक्षण के दौरान महिला सुरक्षाकर्मियों ने शौचालय की शिकायत की। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक शौचालय उपयोग करने लायक नहीं है। नर्स और डॉक्टर अपने शौचालय को उपयोग करने नहीं देती। इस पर अधिकारियों ने सुपर वाइजर को कड़ी फटकार लगाई। सार्वजनिक शौचालय का अवलोकन किया। डस्टबिन में कचरा पटा हुआ था। इस पर भी आपत्ति दर्ज की। अधीक्षक ने कंपनी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए।
पीजी डॉक्टरों ने सुरक्षा को लेकर की शिकायत
लेबर रूम में तैनात पीजी डॉक्टरों ने डीन और अधीक्षक से पीछे के रास्ते की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अस्पताल और हास्टल के रास्ते में अंधेरा रहता है। रेफ्यूजी रास्ते से असमाजिक तत्व आते जाते हैं। इस पर अधीक्षक और डीन ने स्ट्रीट लाइट दुरुस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही सुरक्षागार्ड को पीजी के डॉक्टरों को रात में हास्टल तक पहुंचाने के भी निर्देश दिए।