विंध्य के हक की जो बात करेगा वही यहां पर राज करेगा: मनोज सिंह

सिरमौर विधानसभा क्षेत्र से विंध्य जनता पार्टी के उम्मीदवार मनोज सिंह बघेल विंध्य प्रदेश बनाने के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका जनसंपर्क जारी है। गांव गांव लोगों से मिलकर वीजेपी के लिए वोट जुटा रहे हैं। वीजेपी की योजनाओं की बात बता रहे हैं।

विंध्य के हक की जो बात करेगा वही यहां पर राज करेगा: मनोज सिंह
वीजेपी सिरमौर प्रत्याशी मनोज सिंह बघेल जनसंपर्क करते हुए

रीवा। वीजेपी के सिरमौर प्रत्याशी मनोज सिंह का स्पष्ट कहना है कि विंध्य जनता पार्टी का गठन ही विंध्य प्रदेश बनाने के लिए किया गया है। उन्होंंने कहा कि जो हक की बात करेगा वो विंध्य क्षेत्र में राज करेगा। विंध्य प्रदेश का निर्माण होकर रहेगा। श्री सिंह के द्वारा लगातार तराई क्षेत्र समेत विधानसभा सिरमौर के ऊपरी हिस्से में सघन जनसंपर्क किया जा रहा है। उनके विंध्य प्रदेश बनाने के मुद्दे को लोगों के बीच खासा समर्थन मिल रहा है। यहां हर व्यक्ति की इच्छा है कि विंध्य प्रदेश का निर्माण होना चाहिए। वीजेपी प्रत्याशी मनोज सिंह बघेल ने बताया कि क्षेत्र का विकास ही हमारा लक्ष्य है। इसके लिए विध्य प्रदेश का बनना जरूरी है। इसके लिए सही मायने में संघर्ष अब शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी को चुनाव आयोग द्वारा गन्ना किसान चुनाव चिन्ह प्रदान किया गया है। यह चुनाव किसानों की समृद्धि का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अगर जनता उन पर विश्वास जताती है तो वे क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोडे़गे। मनोज सिंह के साथ ही उनके घर का हर सदस्य जनसंपर्क में जुटा हुआ है। गांव गांव पहुंच रहे हैं। लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। लोगों से समर्थन मांग रहे हैं। विंध्य जनता पार्टी के मनोज सिंह बघेल सामाजिक व्यक्ति हैं। उनकी लोगों के बीच काफी गहरी पैठ हैं। इस का फायदा अब विधानसभा चुनाव में मिल रहा है। मनोज सिंह को लोग अपने बीच में पाकर खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। उन्हें जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है।

मनोज सिंह का कहना है कि जब तक वोट बेचने खरीदने का दौर चलता रहेगा। जात-पात धर्म संप्रदाय को आधार बनाकर वोटो का विभाजन किया जाएगा। तब तक गलत चुनकर आते रहेंगे और आम अवाम की सेहत में कोई सुधार संभव नहीं होगा। जात-पात धर्म संप्रदाय भाई भतीजाबाद की राजनीति करने वालों से सावधान हो जाना चाहिए। इसका बुखार चुनाव में ही चढ़ता है और काफी तेज हो जाता है। इसका एकमात्र इलाज है विचारों की राजनीति की जाए। दूसरा और कोई विकल्प नहीं है। जनता सर्वशक्तिमान है। उसे चाहिए कि जो राजनेता उसके भरोसे पर खड़ा नहीं उतर सकता उसे बदल दें। बार-बार आजमाने की आवश्यकता नहीं है।