चोरों को पकडऩे गई थी पुलिस, बदमाशों ने कर दी फायरिंग, जान बचाकर भागे
प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी के भतीजे की ज्वेलरी शॉप में चोरी के मामले में आधी-अधूरी तैयारी के साथ दबिश देने पहुंची पुलिस की टीम फायरिंग का शिकार हो गई। 10 से 15 बदमाशों ने अंधेरे का फायदा उठाकर फायरिंग कर दी और अंधेरे का फायदा उठाकर फार हो गए। पुलिस को खुद की जान बचानी पड़ी।
रतलाम। गुना जिले के धरनावदा थाना क्षेत्र के खेजड़ा चक गांव में गुरुवार रात लगभग 8 बजे बदमाशों ने 40 सदस्यीय पुलिस टीम को खाली हाथ लौटने पर मजबूर कर दिया। पुलिस टीम खुद को बचाने में लगी रही और 10 से 15 बदमाश अंधेरा का फायदा उठा कर फरार हो गए। महीनों पहले हुई चोरी के मामले में रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। वहीं पुलिस पर हुई फायरिंग ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। बता दें कि गुना एसपी रहते हुए राहुल कुमार लोढ़ा ने पारदियों और उनके परिवारों को मुख्य धारा में जोडऩे के लिए कई आयोजन किए थे।
हमले में बाल-बाल बची रतलाम पुलिस
दो माह पहले हुए चोरी की घटना का सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पता चला था कि बदमाश खतरनाक पारदी गैंग से जुड़े हुए हैं। फुटेज के आधार पर गंगाराम उर्फ गंगू, पवन पारदी, कालिया पारदी, मुरारी पारदी समेत अन्य बदमाशों को आरोपी बनाया गया था। चोरी की वारदात में एक पुलिसकर्मी की कार का भी उपयोग किया गया था। पारदी बदमाश गुना से इसी कार में बैठकर रतलाम के जावरा पहुंचे थे। इसके बाद पुलिस कार्रवाई के लिए पहुंची थी। बताया जाता है कि पारदी बदमाशों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। पारदी बदमाशों के पास रायफल, पिस्टल, 12 बोर बंदूक, देसी कट्टे थे, जिनके सहारे वे पुलिस पर फायरिंग करते हुए जंगल की तरफ भाग गए। हमले में बाल-बाल बची रतलाम पुलिस ने धरनावदा थाने में मामला दर्ज कराया है। धरनावदा के टीआई राजेंद्र चौहान का कहना है कि पुलिस टीम अगली बार कार्रवाई के लिए पूरी तैयारी के साथ जाएगी।
दो माह बाद भी पुलिस नाकाम
जानकारी के मुताबिक रतलाम जिले के जावरा में प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी के भतीजे प्रकाश कोठारी की ज्वेलरी शॉप पर लगभग दो माह पूर्व साढ़े पांच करोड़ की चोरी हुई थी। 16 सितंबर की सुबह लगभग 4-5 बजे के बीच चोरों ने वारदात को अंजाम दिया था। मामला पूर्व गृहमंत्री से जुड़ा होने के बाद भी लगभग दो माह बाद भी रतलाम पुलिस के हाथ खाली हैं। वहीं दूसरी ओर गुना एसपी विजय कुमार खत्री भी सवालों के घेरे में हैं। यह वही जिला है जहां शिकारियों के हमले में कुछ पुलिस जवानों को जान गंवाना पड़ी थी। ऐसे में रतलाम और गुना दोनों जिलों के आला अधिकारियों को क्षेत्र की जानकारी होने के बाद भी पुलिस टीम पर फायरिंग हो जाना किसी लापरवाही से कम नहीं है।